Monday, 19 August 2019

दिनांक-15 अगस्त 2019
प्रेस विज्ञप्ति संख्या-1294

माननीया राज्यपाल हेतु भाषण सामग्री, (स्वतंत्रता दिवस 2019)
झारखण्ड के प्यारे भाईयों, बहनों एवं बच्चों,
जोहार,
73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर झारखण्ड की उप राजधानी, दुमका के इस ऐतिहासिक मैदान में आपका हार्दिक अभिनन्दन और स्वागत। माननीय राज्यपाल महोदया श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने दुमका वासियों को संबोधन करते हुए कहा कि आज मैं देश के महान सपूतों राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, डा0 राजेन्द्र प्रसाद, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के साथ-साथ झारखण्ड के महान विभूतियों भगवान बिरसा मुण्डा, अमर शहीद सिद्धु-कान्हू, शेख भिखारी एवं वीर नीलाम्बर-पीताम्बर सहित उन तमाम शहीदों के प्रति अपनी ओर से श्रद्धा-सुमन अर्पित करती हूँ, जिन्होंने इस देश की आजादी में अपना बलिदान दिया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में झारखण्ड तेजी से विकास के पथ पर गतिशील है। हमारी सरकार सुदूर इलाके में रह रहे नागरिकों तक विकास की किरण पहुँचे इसके लिए कृतसंकल्पित है। निरंतर प्रयासों का नतीजा है कि राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर झारखण्ड ने कई क्षेत्रों में अपनी अलग पहचान बनायी है। उन्होंने कहा कि लोक कल्याणकारी, संवेदनशील, पारदर्शी व बेहतर प्रशासन की स्थापना सरकार का लक्ष्य है तथा विकास में जनता की सहभागिता सुनिश्चित करते हुए समावेशी विकास के उद्देश्य से सरकार आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि हमारे राज्य झारखण्ड में विकास की असीम सम्भावनायें हैं। वर्तमान में स्थायी एवं लोकप्रिय सरकार द्वारा राज्य के चहुमुखी, संतुलित एवं समावेशी विकास के लिए पूरी मेहनत एवं ईमानदारी से प्रयास किया जा रहा है। मुझे यह बताते हुए काफी हर्ष हो रहा है कि आज “बदलते झारखण्ड-बढ़ते झारखण्ड“ की चारों ओर चर्चा हो रही है तथा देश के विकास में झारखण्ड की अग्रणी भूमिका को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। महोदया ने कहा कि राज्य के विकास में किसानों के असाधारण योगदान एवं उनके मेहनत को सम्मान देते हुए 10 अगस्त 2019 को नई योजना के रूप में मुख्यमंत्री कृषि आर्शीवाद योजना प्रारंभ की गई है, जिसके तहत् राज्य के वैसे लघु एवं सीमांत किसान जिनके पास 5 एकड़ तक भूमि हो को प्रति एकड़ 5000/- रुपये की दर से अधिकतम 25000/- रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना से राज्य के लगभग 35 लाख किसान लाभान्वित होंगे जिन्हें दो किश्तों में लगभग 3000 करोड़ रूपये बैंक खाता में उपलब्ध कराया जाएगा। प्रथम किश्त की 442 करोड़ रूपये की राशि 13 लाख 60 हजार किसानों को उपलब्ध करा दिया गया है। इसके साथ-साथ प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजनान्तर्गत प्रत्येक किसान को राशि 6000/- रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजनान्तर्गत राज्य में अबतक लगभग 8 लाख किसानों को प्रथम किस्त का लाभ दिया जा चुका है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि राजकीय श्रावणी मेला-2019 में बैद्यनाथ धाम, देवघर/बासुकीनाथ धाम, दुमका में जर्लापण करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो तथा श्रावणी मेला को शांतिपूर्ण एवं सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने हेतु विशेष व्यवस्था की गई है। इसके निमित्त देवघर और दुमका में अतिरिक्त 27 अस्थायी मेला ओ0पी0 एवं 15 अस्थायी यातायात ओ0पी0 का निर्माण किया गया है। श्रावणी मेला की अवधि में सुरक्षा एवं विधि-व्यवस्था संधारण हेतु पदाधिकारियों एवं सुरक्षा बलों की प्रतिनियुक्ति के साथ-साथ ए0टी0एस0 की 04 कम्पनी की भी प्रतिनियुक्ति की गयी है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्टार्टअप को बढ़ावा देने हेतु ऐतिहासिक कदम - ैजंतजनच प्दकपं श्रींताींदक ल्ंजतं में राज्य के 08 जिलों से 1840 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया जिसमें से अबतक 68 ेजंतजनचे को ैजंजम म्अंसनंजपवद ठवंतक ;ैम्ठद्ध द्वारा चयनित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि लोक कल्याणकारी सरकार की अवधारणा को मूर्त रूप प्रदान करते हुए सरकार द्वारा राज्य के वृद्धजन, विधवा बहनों, दिव्यांगजनों, असहाय व्यक्तियों के कल्याणार्थ संचालित पेंशन योजनाओं यथा- इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना, इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना, इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन योजना, राज्य विधवा सम्मान पेंशन योजना, भ्प्टध्।प्क्ै से पीड़ित व्यक्तियों के लिए राज्य सुरक्षा पेंशन योजना, आदिम जनजाति पेंशन योजना, राज्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, स्वामी विवेकानंद निःशक्त स्बावलंबन प्रोत्साहन योजना में देय पेंशन राशि में वृद्धि कर 1000/- रुपया प्रतिमाह दिया जा रहा है। समाज में व्याप्त कुरितियों यथा-दहेज प्रथा का अन्त करने एवं विवाह में फिजूल खर्ची पर लगाम लगाने के उद्देश्य से ”सामूहिक विवाह कार्यक्रम“ की शुरुआत की गई है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत सामूहिक विवाह के आयोजन हेतु प्रति वैवाहिक जोड़े के लिए 2000/- रूपये की दर से प्रोत्साहन राशि आयोजक सामाजिक संस्थाओं को  प्रदान किये जाने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य के अंतिम व्यक्ति तक खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराने एवं  ‘योग्य लाभुकों’ को आकस्मिक परिस्थिति में खाद्यान्न उपलब्ध कराने हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत स्तर पर 10,000/- रुपये एवं शहरी क्षेत्रों में नगर निकाय स्तर पर प्रति वार्ड 10,000/- रुपये तथा जिला में उपायुक्त स्तर पर 5,00,000/- रुपये की राशि उपलब्ध कराते हुए ‘‘झारखण्ड राज्य आकस्मिक खाद्यान्न कोष’’ का गठन किया गया है। कोष में संचित राशि से प्रति ‘‘योग्य लाभुक’’ को 10 किलोग्राम चावल, स्थानीय बाजार समिति की अधिसूचित दर या उससे कम दर पर खुले बाजार से क्रय कर निःशुल्क उपलब्ध कराया जाता है। भारत के संविधान के 103वें संशोधन के आलोक में झारखण्ड में पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों एवं पिछड़े वर्गों के लिए) अधिनियम, 2001 में संशोधन करते हुए आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों के वर्ग हेतु सिविल सेवाओं एवं पदों पर सीधी नियुक्तियों तथा शिक्षण संस्थानों के नामांकन में 10ः आरक्षण का प्रावधान किया गया है। झारखण्ड राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों के वर्ग के द्वारा प्रस्तुत किया जाने वाला प्रमाण पत्र आॅनलाईन निर्गत किया जा रहा है। महोदया ने कहा कि राज्य में सिंचाई की सुविधा का विस्तार करने के लिए संथाल परगना के दुमका जिलान्तर्गत सुन्दर जलाशय योजना के मुख्य नहर का लाईनिंग सहित पुनर्रूद्धार कार्य हेतु रू॰ 85.54 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई है। कमांड क्षेत्र विकास एवं जल प्रबंधन कार्यक्रम के अन्तर्गत मयूराक्षी बाँया तट नहर का कार्य 69.77 करोड़ रूपये की लागत से कराया जा रहा है, जिसे दो वर्षो में पूर्ण करने का लक्ष्य है। इसके अन्तर्गत ग्रामीण पक्का जलवाहा का लगभग 50ः कार्य पूरा हो गया है। इसके पूर्ण हो जाने से कुल रूपांकित सिंचाई क्षमता 9500 हेक्टेयर में हर खेत को ग्रामीण जलवाहा द्वारा सिंचाई सुविधा प्रदान की जा सकेगी। महिला सशक्तिकरण को और सुदृढ़ता प्रदान करने एवं रोजगार सृजन को प्रमुखता देते हुए राज्य भर में कुल 55,000 महिलाओं को रानी मिस्त्री के रूप में प्रशिक्षित कर उन्हें रोजगार का अवसर प्रदान किया गया है। राज्य के आदिम जनजातीय समुदाय के लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए लघु पाईप जलापूर्ति योजनाओं की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिन्हें सितम्बर 2019 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राज्य के सभी अनुसूचित जाति/जनजाति बहुल टोलों में शुद्ध पेयजल आपूर्ति की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री जन जल योजना के तहत् 11,124 योजनाओं की स्वीकृति प्रदान की गई है। संथाल परगना क्षेत्र में कुल 32 वृहद ग्रामीण पाईप जलापूर्ति योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्पादन की निरन्तरता के लिए प्राकृतिक संसाधनों को विनाश से बचाने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण भी आवश्यक है। स्थानीय लोगों को वनों से जोड़े बगैर वनों का विकास एवं पर्यावरण संरक्षण संभव नहीं है। इस निमित्त हमारी सरकार ने ‘‘मुख्यमंत्री जन-वन योजना‘‘ में नीतिगत परिवर्तन कर किसानों की जमीन पर लगाये जाने वाले वृक्षों के लिए प्रोत्साहन राशि बढ़ाकर 75ः कर दी है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में इस योजना में प्रोत्साहन राशि के लिए सात करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। राज्य की अद्वितीय प्रकृति संरक्षण संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य के प्रमुख प्रकृति पर्व ‘‘करमा’’ को ‘‘राजकीय महोत्सव‘‘ के रूप में मनाते हुए विलुप्तप्राय करम प्रजाति के वृक्षों का वृहद वृक्षारोपण भी वित्तीय वर्ष 2019-20 से कराया जा रहा है। महोदया ने कहा कि आधुनिक समाज की अधिकांश गतिविधियों के लिए ऊर्जा अत्यंत आवश्यक पहलू है। दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत राज्य के कृषि उपभोक्ताओं को विश्वसनीय और गुणवत्तापूर्ण बिजली की आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए कृषि फीडर का अधिष्ठापन किया जा रहा है। इसी क्रम में जामताड़ा, चित्रा, राजमहल स्थित 132/33 के॰वी॰ ग्रिड सब-स्टेशन में क्षमता विस्तार का कार्य किया जा रहा है। दुमका में विद्युत वितरण प्रणाली को मजबूत करने के लिए डी॰डी॰यू॰जी॰जे॰वाई॰ के तहत् 2,673 गाँवों का विद्युतीकरण किया गया है। यातायात के विभिन्न प्रकार के आधुनिक साधनों का विकास तथा इसके संचालन में आपसी समन्वय, देश की राजनीतिक तथा आर्थिक एकता व विकास के लिए महत्वपूर्ण है। राज्य के नागरिकों को आवागमन की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने हेतु 08 (आठ) रूटों पर परमिट देते हुए राँची से देवघर, दुमका एवं पाकुड़ आदि के लिए वातानुकूलित (।ब्) डीलक्स बस सेवा शुरू किया गया है। उन्होंने देवघर हवाई अड्डा के विस्तारीकरण का कार्य प्रगति पर है। दुमका हवाई अड्डा पर ब्वउउमतबपंस च्पसवज स्पबमदेम प्रशिक्षण केन्द्र का संचालन च्च्च् उवकम पर करने हेतु स्पबमदेम प्राप्त हो गया है। दुमका हवाई अड्डा में ग्लाईडिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है जिसमें गत वर्ष नामांकित 20 प्रशिक्षुओं का प्रशिक्षण पूर्ण हो चुका है एवं वत्र्तमान वर्ष में नामांकन प्रक्रियाधीन है। साहेबगंज में मल्टी माॅडल टर्मिनल का निर्माण कार्य लगभग पूर्ण हो गया है एवं शीघ्र ही इसका उद्घाटन किया जाएगा। राष्ट्रीय जलमार्ग-1 पर इस टर्मिनल के बन जाने से झारखण्ड जलमार्ग से भी पुरे देश एवं विश्व से जुड़ जाएगा एवं यात्री के साथ-साथ मालों का परिवहन सुगम एवं सस्ते दर पर हो पाएगा। उन्होंने कहा कि विकास का पहिया, उन्नत पथों पर ही गतिमान होता है। वर्ष 2019-20 में अब तक लगभग रू0 2190 करोड़ की लागत के पथ एवं पुल योजनाओं के निर्माण का कार्य स्वीकृत किया गया है। इसमें दुमका प्रक्षेत्र में 608 करोड़ की लागत से 206 कि0मी0 पथ एवं दो पुल की स्वीकृति दी गई है।  एशियन विकास बैंक के ऋण से श्रींताींदक ैजंजम त्वंक च्तवरमबज दृप्प् से लगभग 177 कि0मी0 का कार्य प्रगति में है। राज्य के गरीब एवं वंचित परिवारों के आजीविकावर्द्धन हेतु पिछले पाँच वर्षो में व्यक्तिगत योजनाओं पर विशेष जोर दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में मनरेगा योजनान्तर्गत कुल योजनाओं का लगभग 85ःए व्यक्तिगत योजनाओं का क्रियान्वयन किया गया था। इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2019-20 में भी व्यक्तिगत योजनाओं पर विशेष जोर दिया जा रहा है। व्यक्तिगत योजनाओं के क्रियान्वयन में झारखंड राज्य पूरे देश में प्रथम पायदान पर है। संथाल परगना प्रमण्डल में बड़ी मात्रा में उपलब्ध उपरी टाँड़ जमीन को खेती योग्य बनाते हुए लोगों की आजीविका में वृद्धि हेतु जल एवं मृदा संरक्षण को बढ़ावा देने के लिये मनरेगा अन्तर्गत जलछाजन विधि को अपनाते हुये विभिन्न कार्य किये जा रहे है जिनमें ज्तमदबी बनउ ठनदक डोभा, मेढ़बंदी एवं आम बागवानी प्रमुख हैं। इसके अतिरिक्त लोगों की आजीविका में वृद्धि हेतु पशु शेड, कम्पोस्ट पिट, सिंचाई कूप आदि योजनाओं का भी क्रियान्वयन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत विŸाीय वर्ष 2019-20 में 1,01,760 इकाई आवास का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इनमें से 74,109 का निबंधन, 55,619 का जियो टैगिंग, 44,757 की स्वीकृति एवं 26846 लाभुकों को प्रथम किस्त का भुगतान किया गया है। संथाल के शहरी क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत संथाल परगना में अब तक कुल 23,717 आवासों के निर्माण की स्वीकृति के विरूद्ध 12,247 आवासों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है एवं 8,416 आवासों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। दीन दयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत संथाल परगना के 6 जिलों (दुमका, पाकुड़, जामताड़ा, गोड्डा, साहेबगंज एवं देवघर) में लगभग 43,229 ैभ्ळ का गठन किया जा चुका है। अबतक 5.44 लाख से ज्यादा परिवारों को इस योजना से जोड़ा जा चुका है। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने हेतु हमारी सरकार सतत् प्रयत्नशील है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में राज्य के गरीब परिवारों की सहायता के लिए सरकारी अस्पतालों में जन्म लेने वाले नवजात शिशुओं के लिए बेबी केयर किट योजना की स्वीकृति दी गई है, जिसमें नवजात शिशुओं के लिए 1500/- रुपये की आवश्यक सामग्री उपलब्ध करायी जाएगी। इस वित्तीय वर्ष में स्वीकृत मुख्यमंत्री आरोग्य कुंजी योजना के तहत् प्रत्येक सहिया को एक किट बैग उपलब्ध कराया जायेगा  जिसमें कुछ आवश्यक दवाएँ, टूलकिट एवं सामग्री सम्मिलित होंगे। केन्द्र प्रायोजित योजनान्तर्गत दुमका में नवनिर्मित मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल के भवन का उद्घाटन किया जा चुका है। उक्त काॅलेज में 100 एम0बी0बी0एस0 सीटों के लिए पाठयक्रम प्रारंभ करने के लिए सरकार प्रयासरत् है। देवघर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (।प्प्डै) की पढ़ाई अगले माह से ही प्रारम्भ होने जा रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा हमारे आत्मविश्वास को विकसित तो करती ही है, साथ ही हमारे व्यक्तित्व निमार्ण में भी सहायक होती है। शिक्षित नागरिक ही राज्य के विकास के आयाम को निर्धारित करते हैं। ।ैम्त् त्मचवतज के अनुसार राज्यान्तर्गत चलाई जा रही ज्ञान सेतु एवं ई-विद्यावाहिनी योजनाओं के प्रभाव के कारण शिक्षकों की उपस्थिति में झारखण्ड राज्य देश के तीन अग्रणी राज्य में प्रथम बार शामिल हुआ है,  जो अत्यंत महत्वपूर्ण उपलब्धि है। दुमका प्रमण्डल के 321 माध्यमिक एवं उच्चत्तर माध्यमिक ($2) विद्यालयों में प्ब्ज्/ ैबीववस योजना कार्यान्वयन हेतु चयनित है तथा लगभग 204 विद्यालयों में कार्यान्वित की जा रही है। इसके तहत 10 सेट कम्प्यूटर शिक्षक सहित दिया जा रहा है। दुमका प्रमण्डल अंतर्गत विद्यालय में नामांकन एवं ठहराव सुनिश्चित करने हेतु ”विद्यालय चले चलाएँ“ अभियान का आयोजन किया गया, जिसके अंतर्गत कुल-1,54,741 छात्र/छात्राओं का नामांकन कराया गया है। उन्होंने कहा कि संताली भाषा में पढ़ाई को प्रोत्साहित करने हेतु संताल बहुल क्षेत्र के विद्यालयों में कक्षा-प् से कक्षा-ट तक की किताबें संताली भाषा में उपलब्ध करायी जा रही है। साथ ही, संताली भाषा के शिक्षकों की भी नियुक्ति करने का राज्य सरकार ने निर्णय लिया है। संताली भाषा की लिपि ओल चिकी में सभी विद्यालयों सहित सरकारी भवनों का नाम लिखने का निर्देश सभी जिला उपायुक्तों का दिया गया है। साथ ही, संताल परगना क्षेत्र में अवस्थित रेलवे स्टेशनों पर सूचना प्रसारण संताली भाषा में भी करने का निर्णय राज्य सरकार के अनुरोध पर रेल मंत्रालय द्वारा लिया गया है। अब हमारे संताली भाई-बहन रेलवे स्टेशनों पर अपनी भाषा में सूचनाएँ सुन पा रहें हैं। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा केे प्रसार को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा अभियंत्रण महाविद्यालय, कोडरमा, अभियंत्रण महाविद्यालय, पलामू एवं महिला अभियंत्रण महाविद्यालय, गोला का निर्माण कराया गया है। संस्कृत भाषा एवं उसके गौरव को पुनस्र्थापित करने के उद्देश्य से देवघर जिला में बाबा वैद्यनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य के अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति वर्ग के पात्र छात्र/छात्राओं की देश की प्रतिष्ठित सेवाओं में भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा की प्रारंभिक परीक्षा उतीर्ण करने के उपरान्त मुख्य परीक्षा/साक्षात्कार की तैयारी हेतु एकमुश्त 1.00 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना प्रारम्भ की गई है। राज्य सरकार द्वारा ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित एवं विकसित कर वर्तमान एवं आनेवाली पीढ़ी को झारखण्ड के गौरवपूर्ण अतीत से अवगत कराने हेतु राँची में अवस्थित 150 वर्ष पुराने बिरसा मुण्डा सेन्ट्रल जेल को संरक्षित करते हुए संग्रहालय के रूप में विकसित करने एवं स्मृति पार्क के निर्माण का आधारशीला रखा गया है। जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा उक्त कार्य हेतु कुल 25 करोड रुपेय की राशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के प्रसाद योजनान्तर्गत बैद्यनाथधाम, देवघर के विकास हेतु 39 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्राप्त हुई है। इस योजनान्तर्गत ज्वनतपेज पदजमतचतमजंजपवद बमदजतम दमंत ठंपकीलंदंजी जमउचसमए थ्ववज चंजी ंतवनदक ैीपअहंदहंए ।तमं सपहीजपदह ;ैीपअहंदहंद्धए म्दजतंदबम हंजमूंल ;ैीपअहंदहंद्धए ैचपतपजनंस ब्वदहतमहंजपवद ींसस वद ांदूंतपं चंजीए ब्वउउनदपजल जवपसमज ;ज्ञंदूंतपं चंजी ंदक ेीपअहंदहंद्ध आदि कार्य कराया जाना है जो प्रक्रियाधीन है। ”मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजनान्तर्गत“ संथाल परगना क्षेत्र से लगभग 1500 बी॰पी॰एल॰ श्रेणी के तीर्थयात्रियों को पुरी-भुवनेश्वर, हरिद्वार-ऋषिकेश व प्रयागराज कुंभ का निःशुल्क तीर्थ यात्रा कराया गया है। संथाल परगना क्षेत्र से कैलाश-मानसरोवर के तीर्थ यात्रा पर लगभग 15 व्यक्तियों को सब्सीडी के रूप में 1-1 लाख प्रदान किया गया है। श्रावणी मेला (देवघर-बासुकीनाथ) के दौरान आने-वाले श्रद्धालुओं (पर्यटकों) की सुविधा हेतु देवघर में ज्मउचवतंतल ज्वनतपेज प्दवितउंजपवद ब्मदजतमए भ्मसच क्मेाए ब्नसजनतंस च्तवहतंउउमए थ्तमम ज्मदजमक ।बबवउउवकंजपवदए ;ब्सवंा त्ववउए ज्मदजमक ैींकमए ठपव.ज्वपसमजे आदि की सुविधा के साथ) उपलब्ध करायी जा रही है। उन्होंने कहा कि विकास का लाभ राज्य के सभी वर्गों, विशेष कर वंचित वर्गों तक पहंुचे, सरकार इस दिशा में प्रयास कर रही है। जनता की सहभागिता एवं रचनात्मक सहयोग से राज्य के समक्ष आने वाली चुनौतियों का सामना करने में सरकार सक्षम होगी, ऐसा मेरा विश्वास है। आईये, आज हम सभी एक समृद्धशाली व खुशहाल झारखण्ड का निर्माण करने के लिए एकजुट होकर प्रयास करने का संकल्प लें।
मैं पुनःआप सभी को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामना देती हूँ।

जय हिन्द जय झारखण्ड


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