Saturday, 23 November 2013

सूचना भवन, दुमका 

प्रेस विज्ञप्ति
संख्या 208 दिनांक - 23/11/2013

माननीय सर्वोच्च न्यायालय, नालसा व माननीय झारखण्ड उच्च न्यायालय झालसा, राँची के निदेषानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार, दुमका के तत्वाधान में पाँच दिवसीय राष्ट्रीय-सह-मेगा लोक अदालत के पाँचवें दिन में राष्ट्रीय लोक अदालत में कुला दस बेन्चों के द्वारा 1438 वादों का निष्पादन करते हुए 1,89,20,139.98 रू0 का समझौता किया गया तथा 1,07,32,648.98 रू0 की वसूली की गई। 
सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, दुमका श्री राधाकृष्ण व प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीष -सह- अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, दुमका श्री षिव कुमार यादव की अध्यक्षता में माननीय न्यायमूत्र्ति, श्री अपरेष कुमार सिंह माननीय झारखण उच्च न्यायालय रांची ने शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन दीप प्रज्जवलित कर किया, उद्घाटन के पूर्व बार ऐसोषियेषन द्वारा उन्हें पुष्पगुच्छ देकर उन्हें सम्मानित किया गया, वहीं सिदो कान्हू उच्च विद्यालय, दुमका के छात्राओं ने स्वागत गान प्रस्तुत किये। इस मौके पर न्यायमूत्र्ति श्री सिंह ने राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित इस अदालत के बारे में प्रकाष डालते हुए कहा कि इस अदालत के आयोजन से पूर्व दुमका जिला के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीष-सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, दुमका श्री षिव कुमार यादव ने लक्ष्य के अनुरूप 1500 से कुछ ज्यादा मामलें के निपटारे की बात कही थी पर दुमका पहुँचने पर प्राधिकार के टीम द्वारा जो आंकड़ा बताया जा रहा है वह सराहनीय है, इसके लिए न्यायिक पदाधिकारी, दंडाधिकारी व जिले के सभी अधिकारी बधाई के पात्र हैं उन्होंने आगे बताया कि आज की उपस्थिति देख कर ऐसा लगता है कि इसे लोग राष्ट्रीय पर्व की तरह मना रहे हैं। उन्होंने केष के निष्पादन आंकड़े, समझौता के आलोक में राषि की वसूली पर कहा कि इससे न्यायालय का बोझ तो कम हुआ ही, जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों के केस निपटारे के लिए आने वाले लोगों को भी राहत मिली है, वहीं अधिवक्ताओं की ओर मुखातिव होते हुए उन्होंने कहा कि आंकड़ों को देखने के बाद ऐसा लगता है कि अधिवक्तागण भी इस राष्ट्रीय पर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। टाईटल क्लेम 28/13, 31/13 एवं 49/13 के वादों में क्रमषः पचास हजार, पचास हजार एवं एक लाख पचहत्तर हजार रू0 का चेक दावाकत्र्ता को प्रदान किया गया। वहीं उन्होंने अपनी राय को बताते हुए कहा कि उनका मानना है कि पचास प्रतिषत से ज्यादा जीतने की उम्मीद वाले मुकदमें ही कोर्ट में दायर होने चाहिए, छोटे-मोटे मुकदमें में लोगों को अदालतों का चक्कर लगाने से धन और समय दोनों बर्बाद होता है। राष्ट्रीय लोक अदालत के मौके पर दुमका पहुँचे न्यायमूत्र्ति श्री अपरेष कुमार सिंह अदालत में आयोजित कार्यक्रम के बाद केन्द्रीय कारा पहुँचे जहाँ उन्होंने पूरे परिसर का निरीक्षण किया जेल में चल रहे हस्तकरघा के कार्य को देखते हुए जेल में बन्द बन्दियों का हौसला बूलंद करते हुए जेल से निकलने के बाद यहाँ से प्राप्त विभिन्न प्रकार के प्रषिक्षणों को निजी जिन्दगी में अपना कर स्वालम्बि बनने को कहा। आज के राष्ट्रीय लोक अदालत के मौके पर  केन्द्रीय कारा में भी इसका आयोजन किया गया जिसके तहत कुल छः बंदियों को देष मुक्त किया गया। इस कार्यक्रम का समापन राज्य समन्वय समिति सदस्य सह वरिष्ठ अधिवक्ता श्री विजय कुमार सिंह ने किया इस मौके पर सभी न्यायिक दंडाधिकारीगण, दुमका एस.पी., एस.डी.ओ., डी.डी.सी. आदि उपस्थित थे।   





No comments:

Post a Comment