सूचना भवन, दुमका
प्रेस विज्ञप्ति
प्यारे भाइयों, बहनों एवं बच्चों,जोहार!
65 वें गणतंत्र दिवस के इस पावन अवसर पर झारखण्ड की उपराजधानी, दुमका में मैं आप सभी का हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ, शुभकामना देता हूँ। आज हम विष्व के सर्वाधिक लोकप्रिय गणतांत्रिक देष के रूप में स्थापित हैं। यह हमारे महान पूर्वजों एवं स्वतंत्रता सेनानियों की देन है। इस राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, डा॰ राजेन्द्र प्रसाद, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, बाबा साहब डा॰ भीम राव अम्बेदकर, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल आदि के साथ झारखंड के महान सपूतों अमर शहीद बिरसा मंुडा, तिलका माँझी, वीर बुधु भगत, सिदो-कान्हू-चाँद-भैरव, नीलाम्बर-पीताम्बर, टिकैत उमराव सिंह, ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव, पाण्डेय गणपत राय, शेख भिखारी जैसे सपूतों के प्रति मैं सम्मान प्रकट करता हूँ, श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।
प्यारे राज्यवासियों! हमारे संविधान निर्माताओं ने हमें सम्प्रभू, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणतंत्र दिया है। इस गणतंत्र दिवस पर मैं संविधान सभा के सभी महापुरूषों का आभार प्रकट करता हूँ। हम संकल्प दुहराते हैं कि उनके बताये गये मूल्यों एवं आदर्षों का अक्षरषः पालन करते हुए प्रगति पथ पर बढ़ते जायेंगे। हमारे राष्ट्र में सभी जाति, धर्म, सम्प्रदाय को एक समान आदर -भाव दिया गया है। सभी को समान अवसर प्रदान किये गये हैं। पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिलाओं, अल्पसंख्यकों के समुचित विकास के प्रति हम दृढ संकल्प हैं। सभी वर्ग के नागरिकों को साथ लेकर प्रगति के पथ पर बढ़ना ही संविधान के प्रति हमारी आस्था एवं संविधान निर्माताओं के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
प्यारे भाईयों एवं बहनों ! हमारे राष्ट्र ने विज्ञान, चिकित्सा, तकनीक, आई॰टी॰, अंतरिक्ष, कृषि सहित खेल आदि क्षेत्रों में अभूतपूर्व उपलब्धियाँ हासिल की हैं और दुनिया में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। हमें इन कामयाबियों पर गर्व है। देष के विकास में हमारे राज्य ने अहम् भूमिका निभाई है। लेकिन अभी भी हमें कई काम करने हैं और नई बुलंदियों को छूना अभी शेष है।
झारखण्ड की घरती रत्नगर्भा है। खनिज-सम्पदा एवं प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है। राज्य के विकास के लिए हम सभी एकजुट होकर सही दिशा में, सही सोच के साथ आगे बढ़ें। हमारे पूर्वजों ने जिस विकसित समाज का सपना देखा था, उनके सपनों को साकार करना हमारा परम कर्तव्य है।
हमारे राज्य की आत्मा गावों में बसती है। जबतक सूबे के गांव के अंतिम व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं पहुँचता, तबतक राज्य के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है। प्रत्येक गांव में बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, सिंचाई आदि की सुविधा प्रदान करना हमारी प्राथमिकता है।
हर गाँव में स्कूल और शिक्षक हों, वहाँ डाॅक्टर और दवाईयाँ सुलभ हों, सभी लोगों को पीने का पानी मिले और शौचालय की सुविधा हो, गाँवों में ऐसी सड़क हो जो किसी मुख्य सड़क से जुड़ी हो, लोगों को बिजली की सुविधा सुलभ हो, यह हमारा प्रयास है।
आप सब लोगों की भागीदारी विकास और प्रगति की योजनाओं के निर्माण और लागू करने में हो सके इसके लिए ही पंचायती राज संस्थाओं को अधिक से अधिक शक्तियाँ सौंपी गयी है। इसी क्रम में राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ योजना नामक एक नई योजना प्रारम्भ की गयी है, इस योजना के अन्तर्गत चालू तथा अगले वित्तीय वर्ष में प्रत्येक पंचायत को 10 लाख रूपये की राशि उपलब्ध कराई जा रही है।
राज्य की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि की प्रगति की दिशा में हमारी कोशिश है कि पैदावार बढ़़़े, इस हेतु किसानों को पर्याप्त सिंचाई सुविधा सुलभ हो। इस निमिŸा चैक डैम एवं सिंचाई की कई योजनाएँ पूर्ण की जा रही हैं। हमारे राज्य में पशुपालन, मछली उत्पादन, फूलों और फलों की खेती, सब्जियों की खेती, लाह की खेती आदि ऐसे अनेक क्षेत्र हैं, जिनके विकास पर हम विशेष ध्यान दे रहे हैं। अतुलनीय खनिज सम्पदा तथा प्रभावी औद्योगिक नीति के कारण आज बड़े-बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठान हमारी ओर आकर्षित हुए हैं।
राज्य में प्रारम्भिक, माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा के गुणवत्तापूर्ण विकास के लिए सरकार सतत प्रयत्नशील है। शिक्षा अधिकार अधिनियम को दृढ़तापूर्वक लागू किया जा रहा है। राज्य के प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों को मध्याह्न भोजन योजना, निःशुल्क पाठ्य पुस्तकों की सुविधा, मेधा छात्रवृत्ति एवं अन्य सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत मध्यविद्यालयों को उच्च विद्यालयों में उत्क्रमित किया गया है। बालिकाओं की शिक्षा को सुदृढ़ करने के लिए शैक्षणिक दृष्टिकोण से पिछड़े प्रखंडों में बालिकाओं हेतु छात्रावास निर्माण की योजना है। उच्च शिक्षा के अन्तर्गत राज्य में अवस्थित विश्वविद्यालयों और इन विश्वविद्यालयों के अन्तर्गत संचालित महाविद्यालयों को सुदृढ़ भी किया जा रहा है। राज्य में स्थापित किये जा रहे विधि विश्वविद्यालय, केन्द्रीय विष्वविद्यालय एवं आई0आई0एम0 को सुदृढ़ करने हेतु सरकार दृढ़ संकल्पित है। सरकार ‘‘अल्पसंख्यकों की शिक्षा’’ पर भी विशेष ध्यान दे रही है। अल्पसंख्यकों की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से अल्पसंख्यक माध्यमिक विद्यालयों एवं मदरसों को अनुदान दिया गया है। मदरसों की स्वीकृति में आ रही तकनीकी बाधाओं को दूर कर अनुदान का मार्ग प्रशस्त किया गया है।
राज्य में आधार-आधारित मनरेगा भुगतान 02 अक्टूबर, 2013 से प्रारम्भ कर दिया गया है। आधार-आधारित जन वितरण प्रणाली योजना का शुभारम्भ भी ओरमांझी प्रखण्ड राँची से हो चुका है।
स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में हमने कुछ ही वर्षों में उपलब्धियाँ हासिल की हैं। स्वास्थ्य सेवाओं की सर्व सुलभता को सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सा पदाधिकारियों एवं औषधि निरीक्षकों की नियुक्ति की कार्रवाई पूरी हो चुकी है। साथ ही पारा मेडिकल कर्मियों की नियुक्ति की नियमावली को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। दुमका में 300 शैय्या वाला अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। कालान्तर में मेडिकल काॅलेज की स्थापना की जाएगी।
खतियान एवं रजिस्टर-प्प् का कम्प्यूटराईजेशन सभी राजस्व कार्यालयों एवं निबंधन कार्यालयों के बीच इन्टरनेट से जुड़ाव और अंचल स्तर पर आधुनिक रिकाॅर्ड रूम एवं डाटा सेन्टर के निर्माण का कार्य प्रारम्भ हो चुका है। राज्य में आॅन लाईन म्यूटेशन का कार्य भी प्रारम्भ किया जा चुका है।
कई कारणों से बड़ी संख्या में वृद्ध व्यक्ति पेंशन के लाभ से वंचित रह जाते थें जिन्हें यह मिलना चाहिए था। सरकार ने यह फैसला लिया है कि आर्थिक रूप से कमजोर सभी ऐसे लोगों को बढ़ी हुई दर पर पेंशन दिया जायेगा जिनकी उम्र 65 वर्ष से अधिक है। इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंषन योजना (60-79 वर्ष आयु वर्ग), इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय विधवा पेंषन योजना (40-79 वर्ष आयु वर्ग), इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय विकलांग पेंषन योजना (18-79 वर्ष आयु वर्ग), राज्य सामाजिक सुरक्षा पेंषन योजना (60 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग) के अन्तर्गत दी जाने वाली 400 रू0 मासिक पेंषन के जगह 600 रू0 मासिक पेंषन दी जाएगी।
राज्य के सभी गरीबी रेखा के नीचे के परिवारों को प्रत्येक छह माह में प्रति परिवार एक धोती एवं एक साड़ी 10 (दस) रूपये की अनुदानित दर पर वितरण किये जाने हेतु “सोना-सोबरन धोती-साड़ी” योजना प्रारम्भ की गई है।
हमारे राज्य के कई गांव आज भी बिजली की मूलभूत समस्या से जुझ रहे हैं। इस दिषा में संथाल परगना क्षेत्र में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना अन्तर्गत कुल 22 (बाइस) अद्द शक्ति उपकेन्द्र स्थापित किये गए हैं। संथाल परगना अन्तर्गत कुल सात नये 33/11 के.भी. विद्युत शक्ति उपकेन्द्र बनाये जा रहे है। जिसमें दो लगभग पूर्ण हो चुका है वित्तीय वर्ष 2014-15 में 11 नये विद्युत शक्ति उपकेन्द्र बनाने का प्रस्ताव है। दुमका में एक नया सुपर ग्रीड 220/132 के.भी. का बनाने का कार्य पावर ग्रीड काॅरपोरेषन आॅफ इंडिया द्वारा किया जा चुका है।
राज्य के सभी लोगों को पर्याप्त मात्रा में शुद्ध पेयजल सुलभ हो सके इस हेतु सरकार गंभीरता से प्रयास कर रही है। ग्रामीण पाईप जलापूर्ति योजनाओं के अन्तर्गत आसनसोल, पारषिमला, गोविन्दपुर, षीतपहाड़ी एवं महेषबथान/ रानीबहाल ग्रामीण जलापूर्ति योजना का निर्माण कार्य शूरू किया गया है जिससे समीपवत्र्ती 133 ग्रामों में पाईप द्वारा जलापूर्ति की जायेगी। ग्रामीण पाईप जलापूर्ति योजना के तहत 152 ग्रामों में जलापूर्ति करने हेतु डी.पी.आर. तैयार कर ली गई है। निर्मल भारत अभियान के तहत सभी जिलों के प्रत्येक गांव में बी.पी.एल. एवं ए.पी.एल. परिवारों को मनरेगा अभियान के तहत पंचायत के माध्यम से वैयक्तिक घरेलू शौचालय निर्माण का कार्य कराया जा रहा है।
झारखण्ड औद्योगिक नीति के अन्तर्गत राज्य में औद्योगिक विकास किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2013-14 में माह नवम्बर तक 1250 सुक्ष्म 50 लघु उद्योगों की स्थापना की गई एवं लगभग छः हजार बेरोजगार व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ है। उद्योग विभाग द्वारा एक्सपोर्ट पाॅलिसी तैयार करने की कार्रवाई की जा रही है। एग्जीम बैंक-गवरमेंट आॅफ इन्डिया (म्ग्प्ड ठ।छज्ञ.ळव्प्) के साथ झारक्रप्ट द्वारा वर्ष 2012 में एम0ओ0यू0 (डव्न्) कर रेषम उत्पादन तथा हेन्डीक्राफट् एक्सपोर्ट (म्ग्च्व्त्ज्) प्रमोषन को बढ़ावा दिया जा रहा है। लगभग 15 देषों में आॅरगेनिक षिल्क का एक्सपोर्ट (म्ग्च्व्त्ज्) किया जा रहा है। कौषल विकास के अन्तर्गत प्रक्षेत्रवार प्रषिक्षण दिये जा रहे हैं। राज्य के अन्दर बेम्बू उत्पादों के गुणवत्ता में सुधार कर वेल्यू एडिसन करने हेतु 115 क्लस्टर कार्यरत हैं। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत 2013-14 में कूल 4245 व्यक्तियों को लगभग छः हजार लाख मार्जीन मनी दिये जाने का लक्ष्य है। रेषम के उत्पादन में राज्य देष में प्रथम स्थान पर है। चालू वित्तीय वर्ष में पन्द्रह सौ मे0 टन तसर राॅ सिल्क उत्पादन का लक्ष्य है। राज्य में पैंतालिस हजार रेषम उत्पादकों को स्वास्थ्य बीमा की सुविधा दी जा रही है। इसके अन्तर्गत लाभुक सहित परिवार के चार सदस्यों को चिकित्सा की सुविधा दी जाती है। गोड्डा जिले में मेगा हैण्डलूम कलस्टर की योजना स्वीकृत की गई है। इससे पचीस हजार लूम लगेंगे जिससे एक लाख लोग लाभान्वित होंगे। चयनित कन्सलटेंट द्वारा डी.पी.आर तैयार कर लिया गया है। कार्य प्रारंभ होने वाला है। संथाल परगना औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार, दुमका स्वतंत्र रूप से कार्य कर रहा है। इससे संथाल परगना क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
राज्य में पर्यटन की असीम संभावनाएँ है। देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथधाम मंदिर में पुजा अर्चना में श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु क्यूकम्पलेक्स की निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है। श्रावणी मेला 2013 के दौरान ‘‘श्री बैद्यनाथ हवाई दर्षनम’’ का शुभारंभ माननीय मुख्यमंत्री द्वारा किया गया। इस योजना अन्तर्गत श्रद्धालु पर्यटकों को हवाई जहाज से बाबा बैद्यनाथ का दर्षन पूजा आदि कराया जा रहा है। होटल प्रबंधन संस्थान ब्राम्बे रांची का निर्माणकार्य प्रगति पर है। इस संस्थान के निर्माण से राज्य के नवयुवक/नवयुवतियों को हाॅसपिटली सेक्टर में राज्य में प्रषिक्षण दिया जा सकेगा। ‘‘हुनर से रोजगार’’ योजना प्रारम्भ की गई है। इनमें अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के आठवीं पास युवक/युवतियों को आई0एस0एम0 पुन्दाग में प्रषिक्षण दिया जा रहा है। अब तक 700 को रोजगार दिया जा चुका है। राज्य में दिसम्बर 2000 तक जहाँ देषी पर्यटकों की संख्या 23,991 एवं विदेषी पर्यटकों की संख्या 172 थी वहीं नवम्बर 2013 तक देषी पर्यटकों की संख्या 2,48,54,116 एवं विदेषी पर्यटकों की संख्या 1,15,465 हो गई। साहेबगंज जिला स्थित बरहेट प्रखंड में अवस्थित भोगनाडीह ग्राम में सिदो-कान्हु का जन्म स्थल में स्थापित प्रतिमूर्ति एवं पार्क सौन्दर्यीकरण की स्वीकृति प्रदान की गई है। त्रिकुट पहाड़ पर रोपवे का निर्माण किया गया है, जिसे राज्य का प्रथम रोपवे होने का गौरव प्राप्त है।
प्यारे राज्यवासियों! सत्य एवं अहिंसा के पथ पर चलकर राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त शासन तथा स्वच्छ, पारदर्शी, उत्तरदायित्वपूर्ण प्रशासन प्रदान करना हमारी प्राथमिकता है। हम अपने इतिहास की ओर देखें तो पता चलेगा कि कभी भी हिंसा ने किसी समस्या को नहीं सुलझाया है। आप सभी जानते हैं कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अहिंसा के बल पर अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर विवश कर दिया था।
राज्य के विकास के लिए हमें बहुत काम करने होंगे। विकास और आवाम के कल्याण की योजनाओं को तेजी से लागू करने की कोषिष करनी होगी। जिससे हमारे सूबे की गिनती विकसित राज्यों की कतार में पहले पायदान पर हो।
भाइयों और बहनों ! आज इस पावन अवसर पर हम शपथ लें कि हम ऐसे इंसान बनेंगे, जो न सिर्फ खुद और परिवार के लिए सोचे, बल्कि समाज, सूबे और मुल्क की तरक्की के बारे में भी सोचे।
अंत में मैं एक बार पुनः आप सभी को गणतंत्र दिवस के इस पावन मौके पर शुभकामना देता हूँ।
जय हिन्द! जय झारखण्ड!
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