Saturday 26 October 2013

सूचना भवन, दुमका 

प्रेस विज्ञप्ति
संख्या 180 दिनांक - 26/10/2013

आज दिनांक 26/10/2013 को सबेरे श्री हेमन्त सोरेन, माननीय मुख्यमंत्री, झारखण्ड सरकार का दुमका आगमन हुआ। सर्वप्रथम उन्होंने छठ पूजा घाटों का निरीक्षण किया। उसके बाद सितपहाड़ी मोड़ से सिगड़ीहड़को पथ योजना का षिलान्यास किया। इस पथ की कुल लम्बाई 25.90 कि0मी0 चैड़ाई 3 मीटर है जबकी भू अर्जन के पष्चात 7 मीटर हो जाएगी। प्राक्कलित राषि 20.94 करोड़ है। तत्पष्चात फेलिन तूफान से प्रभावित ग्रामीणों से मिलने का कठलिया गाँव गये। उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि सरकार आपलोगों के साथ है और हर कठिनाइ्र्र में आपका हर संभव सहयोग करेगी। इस क्रम में उन्होंने अधीक्षण अभियंता विद्युत विभाग को निदेष दिया कि गिरे हुए बिजली पोलों को अविलम्ब दुरूस्त किया जाय। उसके बाद गामीणों की समस्याओं को बारिकी से सुनते हुए उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारी को आवष्यक निदेष दिया। मछली पालन पर विषेष बल देते हुए उन्होंने ग्रामीणों को कहा कि कोआॅपरेटिव सोसाईटी बनाकर केज कल्चर सिस्टम उपयोग में लायें जिससे उन्हें आर्थिक लाभ मिलेगा। डैम के किनारे जितने भी गांव बसे हैं उन्हें जलापूर्ति योजना से जोड़ा जाएगा। इस अवसर पर कार्यपालक अभियंता पी0एच0ई0डी0 ने बताया कि सितपहाड़ी ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध कराने हेतु टेन्डर हो गया है। अभी सर्वे का कार्य चल रहा है जल्द ही काम चालू हो जाएगा। मूख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के सभी डैम का रिर्पाेट मांगा गया है जिन डैम में दूसरे राज्य के साथ एग्रीमेंट किया गया है उसमें अपने राज्य के हित के लिए जो बन पड़ेगा वो करेंगे। इसके उपरांत मसलिया प्रखंड में दलाही से मुर्गी मोड़ तक पथ का षिलान्यास किया। इस पथ कि कुल लंबाई 26.70 कि0मी0 एवं चैड़ाई 3 मी0 है जबकी भू अर्जन के पष्चात 7 मी0 हो जाएगी तथा प्राक्कलित राषि 23.88 करोड़ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी सड़कें बन रही हैं उनकी गुणवत्ता का विषेष ध्यान रखा जाय। पारा षिक्षकों के मांग के विषय में उन्होंने कहा कि इस मामले में सरकार जल्द ही निर्णय लेगी, आप अपना काम इमानदारी पूर्वक करें। उन्होंने आष्वस्त किया कि संबंधित विभाग अपना कार्य कर रही है, जब यह विषय मेरे पास आएगा तो मैं और कुछ विन्दुओं को जोड़कर आपके लिए बेहतर करने का प्रयास करूँगा। राज्य की स्थिति के बारे में उन्होंने कहा कि पूरी व्यवस्था को सूधारने में वक्त लगेगा। समय कम है लेकिन कम समयावधि में भी सरकार हरेक काम के लिए संवेदनषील है। समस्यायें सिर्फ ग्रामीण नहीं बल्कि उच्च स्तर तक भी व्याप्त है। इसे दुरूस्त किया जाएगा। जो भी कार्ययोजना बनाई जाती है उसे धरातल पर उतारा जायगा। और परिस्थितियों में जरूर बदलाव आएगा।

                         









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