सूचना भवन, दुमका
प्रेस विज्ञप्ति
संख्या 182 दिनांक - 28/10/2013
आज दिनांक 28/10/2013 को बाएफ एवं गव्य विकास कार्यषाला सह वितरण षिविर का कार्यक्रम दुमका के इन्डोर स्टेडियम में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। स्वागत संबोधन में उपायुक्त, दुमका ने कहा कि गव्य विकास विभाग में स्वरोजगार की असीम संभावना है। उन्होंने बताया कि दुमका जिले में 52 बाएफ केन्द्र हैं। नष्ल सुधार के लिए कृत्रिम गर्भाधान का कार्यक्रम इस विभाग के द्वारा कराया जाता है जिससे दुध उत्पादन की क्षमता में वृद्धी होती है। माननीय मुख्यमंत्री ने कहा कि संताल परगना के लोग खेती पर निर्भर रहते हैं। धान, गेहूँ, सब्जी एवं मक्का इत्यादि की खेती यहाँ पर होती है। लेकिन असमय वर्षा एवं सुखाड़ की स्थिति में कृषकों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इसलिए इन्ट्रिग्रेटेड फार्मिंग के जरिए किसान अपनी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ कर सकते हैं। वे वैज्ञानिक तरीके से सरकारी योजनाओं का लाभ उठाते हुए पशुपालन कर स्वरोजगार का सृजन कर सकते हैं। इस तरह चाहे प्राकृतिक विपदा के रूप में तूफान, बाढ़ भी आए तो उनका डटकर मुकाबला कर सकते हैं। प्रखंड स्तर, जिला स्तर एवं प्रमंडल स्तर के पदाधिकारी यह सुनिष्चित करें कि हरएक ग्रामीण को गव्य विकास योजनाओं का लाभ मिले। अगर सही तरीके से योजनाएँ चलाई जाएंगी तो राज्य में दुध के उत्पादन में वृद्धी होगी और बेरोजगारी की समस्या भी दूर होगी। बड़े बड़े उद्योग लगाये जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि गव्य विकास के अनगिनत लाभ हैं। गाय के गोबर से जैविक खाद की भी आपूर्ति होगी जो सतत विकास में सहायता करेगा। गाय की ऐसी नष्लें होनी चाहिए जो कम से कम 5 से 7 किलो दुध का उत्पादन करे। गव्य विकास के प्रति गांव-गांव में जागरूकता फैलाना जरूरी है। बेहतर प्रचार-प्रसार होनी चाहिए ताकि ग्रामीण योजनाओं से लाभ ले सके। उन्होंने ग्रामीणों से भी अपील की कि वे आगे बढ़कर योजनाओं का लाभ उठाएँ एवं अन्य ग्रामीणों को भी इसके बारे में जानकारी दें। इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा एन0एम0पी0एस के अन्तर्गत 6 लाभुकों के बीच परिसम्पत्तियों को वितरण किया गया एवं अनुदान राषि के रूप में 5,61,243/- रू0 दिया गया। प्रषिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र, दुधारू मवेषी वितरण प्रमाण-पत्र, चैफ कटर वितरण प्रमाण-पत्र एवं हरा चारा बीज वितरण किया गया।
No comments:
Post a Comment