Tuesday, 17 March 2015

सूचना भवन, दुमका 

प्रेस विज्ञप्ति

संख्या  068 दिनांक - 17/03/2015
  उपायुक्त, दुमका श्री राहुल कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में प्राईवेट विद्यालयों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित की गई। लगातार आ रही अभिभावकों की षिकायत के मद्देनजर यह बैठक आयोजित की गई थी। 
अभिभावकों के द्वारा बताया गया था कि विद्यालयों के द्वारा तरह-तरह के शुल्क लिए जाते हैं तथा विद्यार्थियों का पुनर्नामांकन करवाया जाता है। किसी एक खास दुकान से पुस्तकों को खरीदने के लिए बाध्य किया जाता है और हरएक वर्ष नई-नई पुस्तकें सिलेवस में डाल दी जाती है। जिससे अभिभावकों पर आर्थिक बोझ बढ़ जाता है। 
उपायुक्त ने कहा कि निजी विद्यालय बच्चों को षिक्षा प्रदान करने के कार्य करते हैं। अतः उनसे अपेक्षा की जाती है कि ज्यादातर मध्यम वर्ग से आने वाले विद्यार्थियों की आर्थिक स्थिति का ख्याल रखें। विद्यालय ट्यूषन फीस में उचित बढ़ोत्तरी किया जाना चाहिए। नामांकन के समय या वर्ष के प्रारंभ में ही अभिभावकों के साथ बैठक कर विद्यालय के प्रतिनिधि ट्यूषन फीस में होने वाली बढ़ोत्तरी के संबंध में निर्णय लें। विद्यालय प्रबंधन किसी एक ही दुकान से स्कूल यूनिफोर्म या किताबें इत्यादि खरीदने के लिए अभिभावकों को बाध्य न करें। उपायुक्त ने कहा कि जिन बच्चों का नामांकन हो चुका है उनका पुनर्नामांकन करवाना सही नहीं है। षिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अन्तर्गत निजी विद्यालय के 1 किलोमीटर की परिधी में आने वाले गरीबी रेखा ने नीचे के परिवार के बच्चों का नामांकन नर्सरी या कक्षा प्रथम के 25 प्रतिषत सीटों पर करना अनिवार्य है। उपायुक्त ने कहा कि आर0टी0ई0 2009 का अनुपालन करना सभी निजी विद्यालयों के लिए अनिवार्य है। बी0पी0एल0 बच्चों के नामांकन की सूची विद्यालय के सूचना पट पर अंकित होनी चाहिए। उपायुक्त ने जिला षिक्षा अधीक्षक को यह निर्देष दिया है कि जिले के लगभग 125 विद्यालयों का जाँच रिपोर्ट जल्द से जल्द रांची भेजें ताकि आर0टी0ई0 के तहत बच्चों का नामांकन हो सके एवं सरकार द्वारा उन्हें सबसिडी प्राप्त हो सके।
बैठक में जिला षिक्षा अधीक्षक एवं जिला मुख्यालय के विद्यालयों के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।


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