Sunday, 24 May 2015

सूचना भवन, दुमका 

प्रेस विज्ञप्ति

संख्या 123 दिनांक - 24/05/2015
दुमका दिनांक 24 मई 2015,
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि आजादी के 66 साल बाद भी संथाल का इलाका विकास से उपेक्षित रहा है। इस इलाके से झारखंड बनने के बाद कई मुख्यमंत्री हुए, झारखंड नामधारी पार्टियों के नेता हुए लेकिन विकास नहीं हो पाया। वह आज दुमका जिला के मलूटी गांव में रात्रि विश्राम के दौरान बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि संथाल की दुर्दषा को देखकर मन दुखित होता है। इसलिए सरकार ने निर्णय लिया है कि उपेक्षित संथाल को अब और उपेक्षा नहीं झेलनी पड़ेगी और मलूटी के उत्थान के लिए विकास, सुषासन और जनता के बीच समन्वय बिठाकर विकसित किया जायेगा। उन्होंने पदाधिकारियों को निदेष दिया कि मलूटी एक ऐतिहासिक धरोहर है जिसे हेरिटेज के रूप  में विकसित करने की रूपरेखा तैयार करें। मलूटी एक आध्यात्मिक गांव है जहंा वर्षों से मां मौलिक्षा की पूजा अर्चना यहां के ग्रामीण करते आए हैं। उन्होंने बासुकीनाथ, देवघर मलूटी व आसपास की ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजने के लिए संस्कृतिक सर्किट बनाने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि संथाल में पर्यटन का काफी स्कोप है और पर्यटन के बढ़ने से लोगों को रोजी रोजगार मिलेगा। मलूटी गांव की समस्या का जिक्र करते हुए उन्होंने दुमका उपायुक्त को निदेष दिया कि 2-3 दिनों के अंदर डीप बोरिंग जरूरत के हिसाब से लगवायें ताकि लोगों को पानी की किल्लत से राहत दी जा सके। बिजली की समस्याओं को लेकर उन्होंने प्रधान सचिव को बंगाल के मुख्य सचिव से बात कर हल निकालने का निदेष दिया और कहा कि जून के पहले सप्ताह से इस इलाके में 200 मेगावाट बिजली उपलब्ध करा दी जायेगी। 
श्री दास ने कहा कि संथाल इलाके में षिक्षा पर सरकार खास ध्यान दे रही है और 15 अगस्त तक जनजाति क्षेत्रों में जनजाति भाषा के षिक्षक की नियुक्ति करा दी जायेगी साथ ही काॅरपोरेषन बनाकर किताबों को भी झारखंड में छपवाया जायेगा ताकि 2016-17 से छात्रों को किताब मिलने में विलंब न हो। उन्होंने भरोसा दिलाया कि गुड गवर्नेंस और विकास सरकार का मुख्य एजेंडे में है और उस दिषा में सरकार काम कर रही है।

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