सूचना भवन, दुमका
प्रेस विज्ञप्ति
संख्या 125 दिनांक - 25/05/2015
दुमका दिनांक 25 मई 2015,
हम राज नहीं काज करने आए हैं। विकास और सुषासन हमारी सरकार की प्राथमिकता है और इसे जन भागीदारी से मैं पूरा करूँगा। यह मेरा आप सबों से वादा है। यह बातें मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने इन्डोर स्टेडियम, दुमका में संताल परगना प्रमण्डल के 105 स्वयं सहायता समूहों (एस0एच0जी0) तथा 45 स्वयं सेवी संस्थाओं (एन0जी0ओ0) के प्रतिनिधियों को संबांधित करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने सबसे पहले स्वयं सहायता समूहों एवं स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों की समस्याओं को सुना और उनकी भावनाओं को समझा। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि स्वयं सहायता समूहों का प्रचलन हमारे संस्कृति में प्राचीनकाल से ही विभिन्न संस्थाओं के रूप में विद्यमान रहा है। स्वयं सेवी संस्थायें और स्वयं सहायता समूह समाज के विकास की आत्मा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास केवल नौकरषाही से नहीं बल्कि प्रषासन में जनता की भागीदारी से ही लाई जा सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी कारण वे गांव-गांव जाकर जमीनी स्तर पर जन समस्याओं से रूबरू हो रहे हैं। तदनुरूप समस्याओं के समाधान के लिए नीतियों का निर्माण करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार श्रीराम सेतु बनाने में एक छोटी सी गिलहरी ने भी उल्लेखनीय भूमिका का निर्वहन किया था। उसी प्रकार राज्य के विकास में प्रदेष की समस्त जनता को अपनी-अपनी भूमिका का ईमानदारी से निर्वहन करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने गांव में बच्चियों को पढ़ाए न जाने तथा कम उम्र में शादी कर दिये जाने पर चिंता व्यक्त की तथा बालिका षिक्षा का महत्व भी लोगो को समझाया।
ग्रामीण क्षेत्रों में नषा के बढ़ते चलन पर उन्होंने चिन्ता व्यक्त की तथा घोषणा की कि जो गांव स्वयं सहायता समूह के सदप्रयासों से पूर्ण रूपेण नषामुक्त हो जाएगा। उस गांव के सहायता समूह को पूर्व में घोषित पुरस्कार की राषि 1 लाख के बदले अब 2 लाख रूपये दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने राजनीति में महिलाओं भागीदारी सुनिष्चित करने पर बल दिया तथा मुखिया का निर्वाचन निर्विरोध होने पर सम्बन्धित गांव को 1 लाख रू0 पुरस्कार देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार बढ़ाने के लिए कृषि के साथ-साथ बागवानी एवं पषुपालन पर भी जोर दिया उन्होंने बतलाया कि दुग्ध उत्पादन तथा स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए इस वित्तीय वर्ष में 40 पषु होस्टल खोले जाऐंगे। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण एवं कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दिए जाने की भी बात कही।
बैठक को कल्याण मंत्री डाॅ0 लोईस मरांडी ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि जन संवाद कार्यक्रम के तहत हमारी सरकार जनता की वास्तविक समस्याओं से रूबरू होकर धरातल स्तर पर उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहती है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की प्राथमिकता समाज के दबे कुचले विकास की रौषनी से दूर लोगों के उदास चेहरे पर मुस्कुराहट लानी है। उन्होंने बतलाया कि हमारी सरकार की प्राथमिकता ग्रामीण एवं कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देकर अधिकाधिक रोजगार का अवसर सृजित करना है उन्होंने उपस्थित स्वयं सहायता समूह तथा स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों से कहा कि अधिकाधिक लोगों को संस्थाओं से जोड़े ताकि राज्य के विकास में आमजनों की भागीदारी सुनिष्चित की जा सके।
बैठक में विभिन्न जिलों के पंजीकृत 105 स्वयं सहायता समूह तथा 45 स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। प्रतिनिधियों ने विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में आने वाली विभिन्न व्यवहारिक समस्याओं से माननीय मुख्यमंत्री एवं समाज कल्याण मंत्री को अवगत कराया। सदस्यों ने बैंकों में विचैलियों के बढ़ते प्रभाव, गांव में यातायात की समस्या, समुचित प्रषिक्षण का न मिल पाना, समय पर बैंक से सहायता उपलब्ध ना हो पाने, विद्यालय में समय पर सहायता उपलब्ध न हो पाने के कारण विद्यालय संचालन में हो रही विभिन्न समस्याओं तथा पेयजल जैसी बुनियादी समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।
बैठक में मुख्यमंत्री के सचिव श्री सुनील वर्णवाल, उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक आदि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास आज प्रातः सबसे पहले दुमका प्रखंड के उपरमुर्गाथली गांव के पहाडि़या जनजातीय ग्रामीणों से मिले और उनका दुःख-दर्द जाना उन्होंने कहा कि पहाडि़या जनजातीय समुदाय को स्नातक तक निःषुल्क षिक्षा दी जाएगाी। सातवीं पास पहाडि़या जनजाति के सदस्यों को पुलिस मंे नौकरी मिलेगी। आदिम जनजाति पहाडि़या कार्यालय पलामू एवं दुमका में खुलेगा। आदिम जनजातियों का विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। दुमका प्रखंड कार्यालय का निरीक्षण करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यालय परिसर एवं कार्यालय को एक ऐसी व्यवस्था के तहत चलायें जिससे आमजनों को काम कराने में आसानी हो और उनमें कार्यालय के प्रति विष्वास पैदा हो। कार्यालय जनता की सेवा के लिए है न कि उनपर शासन करने के लिए।
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास अपने तीन दिवसीय संथाल परगना भ्रमण कार्यक्रम के अंत में दुमका स्थित मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में बैठे तथा मीडिया एवं आमजनों से रूबरू हुए।
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