दुमका, 19 अप्रैल 2017
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 206
10 अप्रैल 2017 से 26 अप्रैल 2017 तक विद्यालय चलें चलायें अभियान 2017 की शुरूआत पूरे राज्य में की गई। मुख्यमंत्री रघुवर दास कुषिचरा गांव में आयोजित विद्यालय चलें चलायंे अभियान में भाग लिया। कुषिचरा पहुंचते ही मुख्यमंत्री ने गांव भ्रमण कर गांव के लोगों से घर घर जाकर मुलाकात की तथा उनकी समस्यायें भी सुनी। मौके पर मुख्यमंत्री के साथ समाज कल्याण महिला एवं बाल विकास मंत्री डा लोईस मरांडी, सचिव स्कूली षिक्षा एवं साक्षरता विभाग अराधना पटनायक भी मौजूद थी। मुख्यमंत्री ने मौके पर मौजूद सभी लोगों से अपने बच्चों को स्कूल भेजने की अपील की।
गांव के भ्रमण के दौरान लोगों से बातचित करने के क्रम में गांव के लोगों ने मुख्यमंत्री को वृद्धा पंेषन, आवास योजना, दिव्यांग पेंषन योजना आदि अपनी समस्याओं से अवगत कराया। गांव की हिरामुनी हेम्ब्रम ने मुख्यमंत्री को बताया कि वह चलने फिरने में असमर्थ है एवं सरकार द्वारा किसी भी तरह की योजना का लाभ उन्हें नहीं मिल पा रहा है। स्थानीय निवासी पषुपति पाल एवं नारायण पाल ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्हें वृद्धा पेंषन का लाभ नही मिल पा रहा है। इस तरह से गांव के अधिकतर लोगों ने मुख्यमंत्री को अपनी परेषानियों से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने उसे जल्द से जल्द दूर करने का निदेष विभागीय अधिकारी को दिया।
उत्क्रमित उच्च विद्यालय कुषिचरा विद्यालय पहुंच कर माननीय मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने षिषु सदन का फिता काटकर उद्घाटन किया। इसके बाद विद्यालय चलें चलायें अभियान 2017 का दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ किया गया। मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने स्कूल के छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि षिक्षा व्यवस्था को मजबुत करना ही मेरा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद षिक्षा व्यवस्था को दुरूस्त करना मेरी प्राथमिकता थी। पढ़ाई ही एक मात्र जिन्दगी में बदलाव लाने का विकल्प है। उन्होंने कहा कि हम षिक्षकों को निजी स्कूल के षिक्षकों से ज्यादा वेतन देते हैं फिर हमारे बच्चों को निजी स्कूल की तरह षिक्षा क्यों नहीं मिल पाती? सरकारी स्कूल में भी निजी स्कूल की तरह षिक्षा व्यवस्था होगी और सरकारी स्कूल के बच्चों को सरकार हर तरह की सुविधा मुहैया करायेगी। उन्होंने कहा कि षिक्षा से ही राज्य का विकास सुनिष्चित हो सकता है। सरकार द्वारा सरकारी स्कूल के बच्चों को भी शैक्षणिक भ्रमण हेतु राज्य के बाहर भेजा जायेगा। बेटा हो या बेटी दोनों को समान षिक्षा दें पहले पढ़ाई फिर अपनी बिटिया के बिदाई के बारे में सोंचे। सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि झारखण्ड का भविष्य षिक्षकों के ही हाथ में है षिक्षक और षिक्षा ही राज्य को एक नई ऊंचाई तक पहुंचाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं आने वाले झारखण्ड का भविष्य षिक्षकों के हाथ में है। उन्होंने सभी बच्चों से कहा कि कुछ भी हो जाय स्कूल एवं पठन पाठन को ना छोड़ें गरीबी को दूर भगाने का षिक्षा ही एक मात्र विकल्प है। उन्होंने कहा कि संताल परगना के विकास से ही पूरे झारखण्ड का विकास संभव है। उन्होंने कहा कि संताल परगना के लोगों में कौषल की कमी नहीं है। बस जरूरत है उन्हें सही दिषा देने की। उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि देष और राज्य युवाओं के हाथ में है। हर युवा एक घंटा समय अपने गांव अपने समाज के लिए दें। मैं विष्वास दिलाता हूँ समाज में बदलाव जरूर आयेगा। उन्होंने कहा कि संताल परगना के लोग बहुत ही सीधे हैं। इन्हें कुछ असमाजिक तत्वों द्वारा बहकाया जाता है। लेकिन मैं विष्वास दिलाता हूँ कि आदिवासियों की जमीन मेरे रहते कोई नहीं छीन सकता।
उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य गरीबी को खत्म करना है। अपने लिए हर कोई जीता है। एक बार दुसरों के लिए भी हमें जी कर देखना चाहिये। गरीब जो आज तक अपने घर से बाहर नहीं गये होंगे। सरकार उन्हें तीर्थ यात्रा कराने का काम कर रही है। इस यात्रा में श्रद्धालुओं की सारी सुख सुविधाओं का ध्यान रखा जायेगा एवं राज्य सरकार तीर्थ यात्रा का खर्च वहन करेगी। सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि संताल परगना से बिचैलियों को खत्म करना ही मेरा लक्ष्य है। बिचैलियों के कारण संताल परगना के विकास में जो बाधायें आती है आने वाले समय में इस पूरी तरह से खत्म कर दिया जायेगा।
माननीय मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने पंचायत में 0 ड्राॅप आउट के लिए चिन्हित बालक/बालिकाओं का नामांकन एवं शून्य छीजन उपलब्धि प्राप्त किये जाने हेतु कुषिचरा पंचायत के मुख्यिा मरांग कुड़ी मरांडी को सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने नये बच्चों का पंजी में नाम अंकित कर उनका नामांकन किया एवं स्कूल बैग एवं पठन पाठन की सामग्री दी।
समाज कल्याण मंत्री डा लोईस मरांडी ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज पढ़ाई हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस पढ़ाई के बल बुते पर हम आगे बढ़ सकते है और अपने आप को हम विकास की मुख्य धारा से जुड़ सकते हैं। सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने विद्यालय चले चलायें अभियान की शुरूआत दुमका जिले से की है इससे साफ पता चलता है कि मुख्यमंत्री संताल परगना के विकास के प्रति कितना समर्पित है। षिक्षित परिवार ही सुखद परिवार बनता है। उन्होंने कहा कि वृद्धा पेंषन, विधवा पेंषन या दिव्यांग पेंषन गिने चुने लोगों को नहीं हर जरूरत मंद को मिलेगा।
षिक्षा सचिव अराधना पटनायक ने कहा कि षिक्षा से ही समाज बदलता है। हर बच्चों को स्कूल भेजना उनके माता पिता का सबसे पहला कर्तव्य होना चाहिये बच्चे अगर पढ़ेंगे तो वह न सिर्फ अपने मांबाप का बल्कि पूरे राज्य का नाम देष और विदेषों में भी रौषन कर सकते हैं उन्होंने कहा कि षिक्षा न मिलने के कारण ही आज सरकार द्वारा व्यस्क स्कूल केन्द्र चलाया जा रहा है। जिसमें 15 वर्ष से 45 वर्ष तक के लोंगो को षिक्षित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सिर्फ शत प्रतिषत नामांकन होने से षिक्षा में सुधार नहीं आ सकता हमें कोषिस करनी होगी कि सभी बच्चे प्रतिदिन स्कूल आयें। सम्बोधित करते हुए अराधना पटनायक ने कहा कि पूरे राज्य में ड्राॅप आउट बच्चों की संख्या 5.5 प्रतिषत है और संताल परगना का 20 प्रतिषत से ज्यादा इसलिए मुख्यमंत्री ने संताल परगना से ही इसकी शुरूआत की है। षिक्षा को अगर औजार की तरह इस्तेमाल करें तो हमारी तकदीर बदल सकती है। षिक्षित झारखण्ड ही विकसित झारखण्ड बन सकता है।
राज्य परियोजना निदेषक मुकेष कुमार ने कहा कि स्कूल में बच्चों का सिर्फ नामांकन ही काफी नहीं है बल्कि उनका ठहराव भी सुनिष्चित करें। उन्होंने कहा कि माता पिता की सबसे पहली जिम्मेवारी बच्चों को स्कूल भेजना है बच्चों को षिक्षित करना एक ऐसा निवेष है जो हमें भविष्य में दिखता है।
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