Friday, 21 April 2017

दुमका 21 अप्रैल 2017 
 प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 210

पथ निर्माण विभाग झारखण्ड सरकार द्वारा दुमका के इन्डोर स्टेडियम में सड़क सुरक्षा को लेकर एक प्रषिक्षण सह कार्यषाला का आयोजन किया गया। दुमका के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा, पथ निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता बी के लाल एवं पथ निर्माण विभाग के अन्य अधिकारियों ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत की। इस कार्यषाला का उद्देष्य पथ निर्माण से जुड़े लोगों को रोड सेफ्टी के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में बताना था। 
पथ निर्माण विभाग से जुड़े लोगों को को सम्बोधित करते हुए दुमका के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने कहा कि डेवलपमेंट से लोगों को फायदा तो होता है लेकिन डेवलपमेंट के कई साईडइफेक्ट भी होते हैं। उन्होंने कहा कि झारखण्ड की जमीन अन्य राज्यों की तुलना में अलग है। यहां की जमीन समतल नहीं है।  झारखण्ड की सड़क पहाड़ पर्वतों को काटकर बनायी गयी है। इसलिये यहां की सड़कों में अन्य राज्यों की अपेक्षा अधिक डायवर्जन है। रिसर्च कर, नये टेक्नोलोजी का उपयोग कर अगर पथ का निर्माण कराया जाय तो सड़क दुर्घटना में कमी आ सकती है। सड़कों की अच्छी जाल पूरे राज्य के साथ-साथ दुमका में भी पूरी तरह से फैल चुकी है। सड़क के अच्छे होने के से युवाओं के द्वारा गाड़ियों को बहुत तेजी से चलाया जाता है। जिसके कारण सड़क दुर्घटना आये दिन तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को अपने महत्व को समझें तथा वाहन चलाते वक्त हेलमेट का प्रयोग अवष्य करें। उन्होंने कहा कि जिला प्रषासन द्वारा सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने हेतु जिला प्रषासन द्वारा लगातार अभियान चलाया जाता रहा है लेकिन मंजिल अभी दूर है। उन्होंने कहा कि 75 प्रतिषत सड़क दुर्घटना से होने वाली क्षति को सिर्फ हेलमेट पहन कर वाहन चलाने से रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना होने से हमारा और आपका कुछ नुकसान नहीं होता बल्कि उस परिवार को बहुत बड़ा नुकसान होता है जिन्होंने अपने बच्चे को सड़क दुर्घटना में खो दिया। उन्होेंने कहा कि अन्य शहरों की तरह दुमका में भी सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था करने की जरूरत है। 
पथ निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता बी के लाल कार्यषाला को सम्बोधित करते हुये कहा कि पथ निर्माण से जुड़े लोगों के लिए इस कार्यषाला का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि 2020 तक झारखण्ड में 50 प्रतिषत सड़क दुर्घटना कम करना हमारा लक्ष्य है। उन्होने कहा कि शत प्रतिषत सड़क दुर्घटना को रोकना संभव नहीं है लेकिन अगर अभी से ही बच्चों को सड़क सुरक्षा के प्रति षिक्षित और जागरूक किया जाय तो सड़क दुर्घटना में होने वाली क्षति को कम किया जा सकता है। उन्होेंने कहा कि ड्राईविंग के नियम को जानना आवष्यक है। पथ निर्माण विभाग के लोगों को ब्लैक स्पाॅट चिन्हित करना, सड़क पर रौषनी की व्यवस्था एवं सड़क के हालात की निगरानी लगातार करने की जरूरत है।
अधीक्षण अभियंता पथ निर्माण विभाग दुमका अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए ट्रैफिक अवेयरनेस होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जिन्दगी बहुत ही किमती है। अगर एक इंसान को अगर हमने मरने से बचा लिया तो इससे बड़ा ट्रैफिक अवेयरनेस कुछ नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि पूरे विष्व में 1.3 मिलीयन लोगों की मौत सड़क दुर्घटना से होती है उनमें से 10 प्रतिषत भारत के लोग होते है।  
जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सिचिव एस के दुबे ने कहा कि किसी के सड़क दुर्घटना से मृत्यु उसके परिवार की सबसे बड़ी हानि होती है। उन्होंने कहा कि दुर्घटना को देखकर भागें नहीं बल्कि आप अपना समय दें और उनकी मदद करें। आपका थोड़ा सा वक्त किसी को दुबारा जीवन दे सकता है। 
कार्यषाल के दूसरे सत्र में नई दिल्ली से आये हाईवे एक्सपर्ट डा एम मुरली कृष्णा, डीजीएम आईसीटी, डा पी के सिकदर, अध्यक्ष आईसीटी ने पथ निर्माण से जुड़े लोगों को सड़क सुरक्षा को लेकर एक प्रषिक्षण सह कार्यषाला में सड़क सुरक्षा के महत्वपूर्ण पहलुओं को समझाया। 
इस कार्यषाला में कार्यपालक अभियंता घनष्याम अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापन एवं मंच संचालन रांची की राजश्री ने किया। 
इस प्रषिक्षण सह कार्यषाल में दुमका के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा, मुख्य अभियंता पथ निर्माण बी के लाल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार एस के दुबे, अधीक्षण अभियंता पथ निर्माण विभाग दुमका अमरेन्द्र सिंह, कार्यपालक अभियंता पथ निर्माण दुमका घनष्याम अग्रवाल, सहायक अभियंता रमेष श्रीवास्तव एवं पथ निर्माण विभाग पाकुड़, जामताड़ा, देवघर, साहेबगंज एवं दुमका के अधिकारी तथा पथ निर्माण के काॅन्ट्रेक्टर उपस्थित थे।  





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