Friday 30 June 2017

दुमका, 30 जून 2017
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 310

सिदो कान्हू मुर्मू विष्वविद्यालय दिग्घी दुमका में हुल दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में माननीया राज्यपाल झारखण्ड श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने संताल अकादमी में बनें लैंग्वेज लैब तथा सुग्गाबथान (गोड्डार) में बने मॉडल कॉलेज का हुआ ऑनलाइन उद्घाटन एवं एडमिनिस्ट्रेटिटव ब्लॉक फेज-2, सेंट्रल लाईब्रेरी व सिक्युरिटी पोस्ट का शिलान्यास के साथ साथ एक मोबाईल एप्प को लौंच किया गया। 
इस अवसर राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने आजादी के लड़ाई में शहीद हुए सभी महापुरूषों सिदो कान्हू चांद भैरव को नमन करते हुए कहा कि संथाल हूल संथाल जनजाति का सबसे पहला स्वतंत्रता संग्राम था जो अंग्रेजो के खिलाफ था जिसका नेतृत्व किया था सिदो कान्हु चांद और भैरव ने। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षा का सर्वोच्च स्थान है. यहां बच्चों में देशभक्ति जगायी जाय. पढ़ने के बाद युवा बड़े पैकेज के लिए देश न छोड़े। युवा सिदो कान्हू से प्रेरणा लेकर देश की मिट्टी से प्रेम करें। यही महापुरुषों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। भले ही पेट भूखा हो, कपड़े तन में भले ही कम हों, लेकिन देश न छोड़े। उन्होंने छात्र-छात्राओं और युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि वे विफलताओं से हताश न हों। देश के लिए खुद के महत्व को समझें। देश को उनसे काफी उम्मीदें हैं। अपने लक्ष्य की ओर सतत प्रयास करें। विफलताओं का सामना कर आगे बढ़े।
इस अवसर पर समाज कल्याण मंत्री डा लुईस मरांडी ने संबोधित करते हुए कहा कि मैं सिदो कान्हू चांद भैरव एवं उनके परिवार को कोटिकोटि नमन करता हूँ। उन्होंने कहा कि जिन मूल्यों को लेकर हूल हुआ था, उसे हमें पूरा करने की जरुरत है। इस हूल के असंख्यक नायकों को इतिहास में शामिल करना होगा। हूल के महत्व को देश-विदेश के लोग जाने ऐसा प्रयास करना होगा।
अशोक भगत ने कहा कि सिदो कान्हू के सपने पूरे नहीं हूए। उन सपनों को हमें पूरा करना होगा।
कार्यक्रम के प्रारंभ में पारंपिरक रीति रिवाज से माननीय राज्यपाल का स्वागत किया गया। राज्यपाल ने विष्वविद्यालय द्वारा कराये गये बैडमिंटन खेल प्रतियोगिता में बालक वर्ग के राजू राणा एवं बालिका वर्ग के शबनम नाज रांची को पुरस्कृत किया गया। 
कार्यक्रम में माननीय राज्यपाल श्रीमती दौपदी मुर्मू, समाज कल्याण मंत्री डा लुईस मरांडी पद्मश्री अषोक भगत, कुलपति सिदो कान्हु मुर्मू विष्वविद्यालय एम पी सिन्हा एवं विष्वविद्यालय के प्रोफेसर एवं काफी संख्या में छात्र छात्रायें उपस्थित थे।









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