Friday, 30 June 2017

दुमका, 30 जून 2017 
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 311

  • संथाल हुल और इस हुल के नायकों को सादर नमन...
  • संथाल परगना का विकास ही हुल के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी...
  • वही समुदाय महान है जो समाज के विकास के लिए चिंतित है...

-द्रौपदी मुर्मू, राज्यपाल झारखण्ड
झारखण्ड राज्य की राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने दुमका के राजभवन में हुल दिवस के अवसर पर  स्थानीय जनजातीय समुदाय के बुद्धिजीवियों के साथ संवाद सह मिलन कार्यक्रम के अवसर पर कहा कि संथाल हुल और संथाल हुल के नायकों सिदो कान्हु चांद भैरव के प्रति यह देष कृतज्ञ है तथा  उन्हें सादर नमन है। राज्यपाल ने कहा कि संथाल हुल के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि संथाल परगना का और जनजातीय समुदाय के विकास और खुषहाली में निहित है। जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधियों द्वारा दिये गये सुझावों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि यह बहुत अच्छी बात है कि आप जहां रहते हैं उस क्षेत्र के विकास के प्रति चिंतित हैं। किसी क्षेत्र का विकास तभी संभव है जब उसके विकास में स्थानीय समुदाय की चिंता सम्मिलित हो। जिन समस्याओं की ओर आपने संकेत किया है, उनमें से कुछ केन्द्र सरकार तो कुछ राज्य सरकार समाधान करेगी किन्तु बहुत सी ऐसी समस्या है जिन्हें हम सबको मिलकर ग्राम स्तर पर पहल करनी होगी। सषक्त गांव होगा तभी सषक्त देष बनेगा। राज्यपाल ने कहा कि राज्य में षिक्षकों की नियुक्ति की गई है तथा जो शेष है उसे भी जल्द ही पूरा कर लिया जायेगा। 
दुमका उपायुक्त मुकेष कुमार ने सबका स्वागत करते हुए कहा कि यह हमारा सौभाग्य है की 1855 ई0 हुल विद्रोह का शुभारंम हमारे संथाल परगना की धरती से हुआ और सफल हुआ। उन्होंने बताया कि माननीय राज्यपाल आम जनता की समस्याओं और उनके विकास के प्रति संवेदनषील हैं और सदैव इनके विकास के लिए तत्पर रहती है।
इससे पहले संथाली समुदाय के बुद्धिजीवियों ने कुछ समस्याओं की ओर अपनी बात रखते हुए सुझाव भी दिया। महत्वपूर्ण सुझावों में संथाल कल्चलर ऐडुकेशन में प्राइमरी षिक्षकों के साथ-साथ पुस्तक की व्यवस्था भी की जाय, हर विद्यालय में संथाली भाषा का पाठ्यक्रम दिया जाय और इसे पढ़ाना अनिवार्य किया जाय, हाई कोर्ट के एक्सटेन्स ब्रांच को यथाषीघ्र पूरा किया जाय। आदिवासियों के जमीन को अवैध तरीके से कब्जा करने पर रोक लगाया जाय। जनजाती शोध संस्थान को भी सक्रीय और कार्यषील बनाया जाय। स्वास्थ्य सुविधा की कमी, जीएनएम, बीएससी नर्सिंग की ट्रेनिंग शुरु की जाय, जिले के आदिवासी आवासीय विद्यालय में पठन-पाठन के स्थिति में सुधार एवं $2 की पढ़ाई जल्द शुरु की जाय, संथाल परगना से महिला एवं पुरुष के पलायन को रोका जाय, पानी, बिजली के समस्याओं को भी दुरुस्त किया जाय, आदिवासी महिलाओं के विकास के लिए लघु एवं कुटीर उद्योग को बढावा दिया जाय, जिले में मलेरिया, ब्रेन मलेरिया, टीबी इत्यादि के उपचार कार्य को वृहत स्तर पर किया जाय। यहां का 10 वीं परीक्षा का परिणाम काफी अच्छा है परंतु $2 में विज्ञान का परिणाम काफी विचारणीय है। काॅलेज का सत्र काफी लेट चल रहा है इसपर भी ध्यान देने की जरुरत है।
राज्यपाल महोदया का मिलन समारोह सह संवाद कार्यक्रम की शुरुआत निर्मला टुडू एवं चन्द्रमोहन हांसदा के द्वारा महामहिम को फूलों का गुलदस्ता देकर तथा विजय टुडू, रसिक बास्की द्वारा हुल समाज पत्रिका प्रदान कर की गई। सभी ग्राम प्रधानों द्वारा एक-एक कर अपना परिचय राज्यपाल महोदया को दिया गया। इसके उपरांत बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र संबंधी समस्याओं एवं उनका निदान बताया गया।


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