Monday, 22 June 2015

सूचना भवन, दुमका 

प्रेस विज्ञप्ति

संख्या 150 दिनांक - 19/06/2015

 मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने दिनांक 23.05.2015 से 25.05.2015 तक अपने दुमका जिला के परिभ्रमण के दौरान मलुटी, नावाडीह एवं उपरमुर्गाथली ग्रामों में विकास एवं मौलिक सुविधाओं के संबंध कई आवष्यक दिषा-निर्देष दिये गये। उपायुक्त श्री राहुल कुमार सिंहा ने तत्परता दिखाते हुए उनका अनुपालन सुनिष्चत कराने का प्रयास किया है। 
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने षिकारीपाड़ा प्रखंड के मलुटी गांव में मलुटी में स्थित मौलिक्षा मंदिर का मरम्मति एवं विभिन्न तालाबों जीर्णोद्धार का निदेष दिया जिसके अनुपालन में उपायुक्त के निदेष पर कार्यपालक अभियंता, ग्रा0वि0वि0प्र0, दुमका के अतिअल्पकालीन निविदा आमंत्रण सूचना सं0- 02/2015-16 द्वारा दिनांक 13.06.2015 को गैर समेकित कार्य योजना अन्तर्गत निविदा आमंत्रित की गई  है। निविदा की प्राक्कलित राषि 32,14,900.00 रू0 है। योजना एक माह में अनावद्ध निधि से पूरी कर ली जाएगी। 
मुख्यमंत्री ने सामाजिक वन सृजन-मलुटी ग्राम के सड़क किनारे विभिन्न पब्लिक प्लेस एवं चैंक-चैराहों पर पेड़ लगाने का निदेष दिया है। उपायुक्त के निदेष पर दिनांक 05 जून को पर्यावरण दिवस के अवसर पर यहाँ 100 पेड़ लगाया गया है एवं वन प्रमंडल पदाधिकारी, दुमका द्वारा मलुटी ग्राम के सड़क किनारे विभिन्न पब्लिक प्लेस एवं चैंक-चैराहों पर 200 पौधों लगाने हेतु वन विभाग को प्रस्ताव समर्पित करते हुए आवष्यक कार्रवाई प्रारम्भ कर दी गई है।
मुख्यमंत्री ने मलुटी में पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने हेतु दो अद्द चापाकल और लगाने का आदेष दिया जिसके अनुपालन में कार्यपालक अभियंता, पेयजल स्वच्छता प्रमंडल दुमका द्वारा दिनांक 26.05.2015 को ग्राम मलुटी में दो अद्द चापाकल अधिष्ठापित कर दिया गया है। पाईपलाईन बिछाकर पेयलजलापूर्ति की व्यवस्था करने के निदेष पर कार्यपालक  अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल-1 दुमका का पत्रांक 671 दिनांक 11.06.15 के द्वारा विभाग को प्रतिवेदित किया गया है कि मलुटी ग्राम में पाईप लाईन बिछाकर जलापूर्ति हेतु विष्व बैंक संपोषित ग्रामीण जलापूर्ति एवं स्वच्छता परियोजना अंतर्गत किया जाना है।  जलापूर्ति योजना का डी.पी.आर. बनाने हेतु सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इस संबंध में विषेष सचिव-सह - निदेषक, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, झारखण्ड, राँची को पत्रांक 022/15-16 दिनांक 10.06.15 के द्वारा निधि का आवंटन एवं मार्गदर्षन हेतु अनुरोध किया गया है।
मुख्यमंत्री ने विद्युत आपूर्ति- जले हुए एवं खराब पड़े हुए ट्रांसफर्मर तथा बिजली के तारों को बदलने का निदेष दिया जिस पर अनुपालन करते हुए एल0टी0 लाईन को नये तार से बदल दिया गया है। मलुटी ग्राम में पूर्व से 200 के0भी0ए0 का दोे एवं 25 के0भी0ए0 का एक ट्रांसफर्मर लगा हुआ है जो इस ग्राम के वत्र्तमान लोड के लिये उपयुक्त है। मलुटी गांव के अगल-बगल के ग्राम प्रतापपुर, सिजुवा बांकाजोर एवं धीरनगर के जले ट्रांसफर्मर को बदल दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने मलुटी गांव के आस पास के सड़कों की मरम्मति एवं मंदिरों के आसपास की कच्ची-पक्की सड़कों की मरम्मति या नये सिरे से निर्माण कराने का आदेष दिया। उपायुक्त ने बताया कि योजना कार्य एक माह के अन्दर पूर्ण हो जायेगी। पत्रांक 162/जि0यो0 दिनांक 05.06.2015 से निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। कार्य की प्रक्कलित राषि 24,93,800.00 रू0 है। योजना अनाबद्ध निधि से स्वीकृत है।
श्री रघुवर दास ने कहा कि पर्यटन को बढावा देने के लिए तारापीठ से मलुटी तथा देवघर बासुकिनाथ से मलुटी को यातायात से जोड़ने का निदेष दिया। उपायुक्त ने पत्रांक 286/जि0परि0 दिनांक  21.04.2015 द्वारा सचिव-सह- आयुक्त, परिवहन विभाग, झारखंड, रांची को पत्र लिखा है। इस संबंध में R.T.A,  प्रमंडल, दुमका द्वारा Route Chart Permit  बनाने की कार्रवाई की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने दुमका प्रखंड के नवाडीह गांव में जन संवाद में प्राप्त षिकायत के आधार पर वर्ष 1944-45 में मयूराक्षी नदी पर बाँध बनने से 144 मौजा के ग्रामीण विस्थापित हो गये थे, जिसमें से कलांतर में बन्दोबस्ती पट्टा से वंचित रह गये लोगों को बन्दोबस्ती पट्टा देने के संबन्ध में कार्रवाई का निदेष दिया। 
उपायुक्त ने कहा कि दुमका जिले के मसलिया, रानीष्वर, दुमका एवं जामा जिनकी भूमि मयूराक्षी जलाषय (मसानजोर डैम) के जलग्रहण क्षेत्र में चली गयी है उन्हंे पूर्व में ही जमींन दिया जा चुका है। उक्त अंचलों के अंचलाधिकारियों को वर्तमान में यदि कोई विस्थापित पूर्नवास के लिये छूटा हुआ है तो उन्हें लैड बैंक से चिह्नित भूमि को उनके साथ बन्दोबस्त करने का निदेष दिया गया है। इस संबंध में गाँव वालों से आवेदन आमंत्रित किये गये परन्तु किसी ने भी विधिवत दस्तावेज लगाते हुए आवेदन नहीं समर्पित किया है। मुख्य षिकायतकत्र्ता श्री प्रियनाथ पाठक ’’विद्रोही’’ द्वारा भी अभी तक किसी किस्म का आवेदन इस निमित्त नहीं दिया गया है। इस बाबत आवेदन प्राप्त होते ही कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने जनता की मांग पर दुमका एवं मसलिया को जोड़ने के लिए मकरानपुर से कुमड़ाबाद के बीच में एक पुल बनाने का निदेष दिया। उपायुक्त ने कहा कि प्रधान सचिव, पथ निर्माण विभाग, झारखंड रांची से दूरभाष पर प्राप्त निदेषानुसार इस कार्यालय के पत्रांक 812 दिनांक 25.05.2015 द्वारा कार्यपालक अभियंता अग्रिम योजना, क्षेत्र सर्वेक्षण प्रमंडल पथ निर्माण विभाग झारखंड रांची को डी0पी0आर0 तैयार करने का अनुरोध किया गया है।
नावाडीह ग्राम में सिंगल फैज बिजली उपलब्ध है। इसे थ्री फैज करने का निदेष मुख्यमंत्री ने दिया है। उपायुक्त ने बताया कि नवाडीह ग्राम में एक फेस से तीन फेज करने का समान निर्गत हो गया है एवं कार्य प्रगति पर है। एक सप्ताह में कार्य पूर्ण हो जाने की संभावना है। स्थानीय मध्य विद्यालय में एक प्रधानाध्यापक की आवष्यकता पर जिला षिक्षा स्थापना समिति की बैठक आहुत की जा रही है जिसके द्वारा मध्य विद्यालय, मलुटी में प्रधानाध्यापक का पदस्थापन कर दिया जायेगा।
दुमका प्रखंड के उपरमुर्गाथली ग्राम में स्थित सभा भवन/कला संस्कृति भवन मरम्मति का निदेष मुख्य मंत्री ने दिया। उपायुक्त ने कहा कि कार्यपालक अभियंता, ग्रा0वि0वि0प्र0, दुमका के अतिअल्पकालीन निविदा आमंत्रण सूचना सं0- 03/2015-16 द्वारा दिनांक 19.06.2015 को गैर समेकित कार्य योजना अन्तर्गत निविदा आमंत्रित की गई  है। जिसकी प्राक्कलित राषि 1,45,500.00 रू0 है। योजना अनावद्ध निधि से की जायेगी। निविदा के अनुसार कार्य समाप्ति अवधि 15 दिनों का है।
मुख्यमंत्री ने पहाडि़या आवासीय विद्यालय की मरम्मति का आदेष दिया। उपायुक्त ने कहा कि आदिम जनजाति (पहाडि़या) आवासीय विद्यालयों के जिर्णोद्धार/मरम्मति एवं निर्माण का प्राक्कलन तीन आवासीय विद्यालयों यथा उपरमुर्गाथली, गोपीकान्दर एवं गुम्मापहाड़ी का प्राक्कलन तैयार हो चुका है। जिसकी कुल प्राक्कलित राषि 1,39,70,100.00 रू0 हैं जिसे स्वीकृति एवं आवंटन उपलब्ध कराने हेतु पत्रांक 184/प0क0 दिनांक 11.06.2015 से सचिव, कल्याण विभाग, झारखंड रांची को भेजा जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने सिंचाई सुविधा के लिए सिचाई कूप की सुविधा नही होने पर आवष्यक उपाय का निदेष दिया। उपायुक्त ने छोटे-छोटे सोकपिट का निर्माण करने हेतु प्राक्कलन तैयार कर लिया गया है एवं आवंटन की मांग हेतु सचिव, कल्याण विभाग, झारखंड रांची को भेजा जा गया है।
उपायुक्त ने कहा कि दुमका के अमलागढ़ी गाँव में सड़क निर्माण का प्राक्कलन तैयार कर लिया गया है। इसे मनरेगा के वार्षिक कार्य योजना में सम्मलित करते हुए इसका कार्य कराया जायेगा।
छात्राओं के लिए पोषाक एवं जूता - पहाडि़या आवासीय विद्यालयों में पढ़ रही छात्राओं को पोषाक एवं जूता मुहैया कराने के संबंध में उपायुक्त ने कहा कि विषिष्ट पदाधिकारी, पहाडि़या कल्याण, दुमका का पत्रांक 185/प0क0 दिनांक 12.06.15 के द्वारा सूचित किया गया है कि पोषाक एवं अन्य सामग्री उपलब्ध हो चुका है।  दिनांक 23.05.15 से 25.06.15 के बीच विद्यालयवार  निर्धारित तिथि में पोषाक एवं जूता-मोजा छात्रों के बीच वितरण किया जायेगा। वत्र्तमान में गर्मी की छुट्टी रहने के कारण विद्यालय बंद है।
पेयजल हेतु इस ग्राम में दो अद्द चापाकलों का अधिष्ठापन ।पेयजल हेतु इस ग्राम में दो अद्द चापाकलों का अधिष्ठापन जल स्तर के काफी नीचे रहने की वजह से नहीं हो पाया। 1000 फीट तक Drilling करने की आवष्यकता महसुस की गई, अतः सभा भवन के निकट एक HYDT (High Yield Drilled Tubewell) का अधिष्ठापन कर दिया गया है।
नये चापाकलों का अधिष्ठापन/पुराने चापाकलों का जिर्णाेद्धार
दुमका जिले की कुल जनसंख्या लगभग 13,21,442 है। प्रति 100 व्यक्ति के हिसाब से 01 अद्द चापाकल का अधिष्ठापन हेतु उपयुक्त माना जाता हैै। इस हिसाब से दुमका जिले में 13 हजार चापाकलों की संख्या होनी चाहिए, जबकि वत्र्तमान में इस जिला में 22,662 चापाकल अधिष्ठापित है। इससे यह सिद्ध होता है कि दुमका जिला में प्रति 100 की जनसंख्या पर एक चापाकल के मानक से कुछ अधिक ही चापाकल है, परन्तु समस्या यह है कि कुछ क्षेत्रों में मानक से अधिक चापाकल है और कुछ क्षेत्रों में मानक से कम। चूँकि मानक के अनुसार जिले में चापाकलों की संख्या अच्छादित होने का रूप ले चुकी है, अतः विभाग से नये चापाकलों के अधिष्ठापन हेतु राषि का आवंटन नहीं किया जाता है। माननीय मुख्यमंत्री, झारखंड सरकार के भ्रमण के दौरान विभिन्न स्रोतों से नये चापाकल अधिष्ठापन के लिये बहुतायत में आवेदन प्राप्त हुए एवं महोदय द्वारा सभी जनप्रतिनिधियों एवं सामान्य जनता से भी हर संभव संख्या में आवेदन प्राप्त करते हुए चापाकलों का अधिष्ठापन का निदेष दिया गया। इस आलोक में जिले में 3,500 से अधिक चापाकल अधिष्ठापन हेतु प्राप्त हुआ, जिसकी संख्या प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। जिला प्रषासन द्वारा इस संबंध में यह निर्णय लिया गया कि संभवतः सारे जगहों पर चापाकल अधिष्ठापन की आवष्यकता नहीं पड़नी चाहिए। प्रति 100 व्यक्ति अथवा 55 LPA प्रति व्यक्ति अथवा प्रत्येक टोले में एक चापाकल हो, को मानते हुए ऐसे ही जगहों को चिह्मित किया गया जहाँ पर चापाकल अधिष्ठापन की तत्काल आवष्यकता है। इस निर्णय के आलोक में आपदा प्रबंधन से प्राप्त हुई राषि कुल 37,85,000.00 रू0 से पचास चापाकल का अधिष्ठापन एवं जिला परिषद्, दुमका द्वारा 2.63 करोड़ (13वीं वित्त आयोग) से 377 चापाकल लगाने का कार्य पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल, दुमका द्वारा निविदा की कार्यवाई पूर्ण कराते हुए किया जा रहा है। इसके आलावे अवषेष सभी चिह्मित किये गये स्थलों पर चापाकल अधिष्ठापन हेतु आवंटन का मांग पत्र विभाग को प्रेषित कर दिया गया है। आवंटन की मांग में इस तथ्य का ध्यान रखा गया है कि पेयजल स्वच्छता प्रमंडल-। एवं ।।, दुमका द्वारा चापाकल या पेयजल के आभाव वाले ऐसी सभी क्षेत्र सम्मिलित हो जाए, जहाँ के पूर्व सर्वेक्षणों के बाद भी अधिष्ठापन का कार्य नहीं हो पाया है।
इस संदर्भ में एक और तथ्य उल्लेखनीय है कि पिछले दो महिनों में दुमका जिले के 22,662 चापाकलों में से 9,085 में साधारण एवं विषेष मरम्मति का कार्य किया गया है। चूँकि नये चापाकल से अधिक मांग पुराने चापाकलों की मरम्मति की होती है। इसलिये जिले में 24 घण्टे चापाकल षिकायत केन्द्र कार्यान्वित है जिसमें लोग दूरभाष पर अपनी षिकायतें दर्ज कराते है।
दुमका जिले में सभी नागरिकों को साफ पेयजल ससमय उपलब्ध कराने हेतु जिला प्रषासन कटिबद्ध है। प्राथमिकता के आधार लगातार कार्य किया जा रहा है।

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