Saturday 13 June 2015

सूचना भवन, दुमका 

प्रेस विज्ञप्ति

संख्या 146 दिनांक - 13/06/2015
आज उपायुक्त, दुमका श्री राहुल कुमार सिन्हा ने दुमका जिला के नक्सल प्रभावित काठीकुण्ड प्रखंड के बड़ा चपुडि़या पंचायत पहुँचे। उन्होंने वहाँ चलाये जा रहे विकास कार्यो का निरीक्षण किया। उपायुक्त ने बताया कि आस-पास के 70 गांव जो नक्सल प्रभावित हैं में विषेष रूप से चिन्हित 50 गांव में सरकार की योजनाआंे का कार्यान्वयन किया जाएगा तथा यह लगातार देखा जाएगा कि  इस क्षेत्र के ग्रामीण इसका लाभ उठा रहे हैं या नहीं। 
उपायुक्त ने यह बात कहते हुए ग्रामीणों से वृद्धवस्था पंेषन, विद्यालयों एवं आंगन बाड़ी केन्द्रों की स्थिति के बारे में उपायुक्त ने सेविका एवं सहायिका को पुरे समर्पण से कार्य करने का निदेष दिया। इस इलाके में स्वयं सहायता समुह के द्वारा चलाये जा रहे जन वितरण प्रणाली का भी निरीक्षण किया। उपायुक्त ने अधिकारियों को यह निर्देष दिया कि आज भी ये ग्रामीण जंगल कि लकडि़यों पर मुख्य रूप से आश्रित हैं इस लिए इन्हें विकास का लाभ मिले यह सुनिष्चित कराना होगा। उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि यूवाओं को मोबाईल बनाने, साईकिल बनाने इत्यादि का प्रषिक्षण दिया जाएगा। गांव में होने वाले फल आम, कटहल, अमरूद आदि विचैलियों को न बेचकर हटिया बाजार लेजाकर बेचने का परामर्ष दिया। 
उपायुक्त ने नक्सल प्रभावित गांव के ग्रामीणों से कहा कि सरकार आपकी है और आपकी सेवा के लिए तत्पर है। पीने का पानी, बच्चों की षिक्षा, छात्रवृत्ति, भोजन की व्यवस्था और पूरे पंचायत में 10 घंटे निःषुल्क बिजली सरकार उपलब्ध कराएगी। उपायुक्त ने कहा कि नक्सलियों के बहकावे में आने की जरूरत नहीं है। श्री राहुल कुमार सिन्हा ने ग्रामीण महिलाओं से बात करते हुए कहा कि बकरी, सुअर, गाय, मुर्गी आदि पषुपालन पर वे ध्यान दें, सरकार उपलब्ध कराएगी। विधवाओं को 2 गाय और 4 बकरियाँ तथा 20 बच्चों पर एक लधु आंगनबाड़ी केन्द्र खोलने की बात उपायुक्त ने कही। उपायुक्त ने नक्सल प्रभावित ग्राम पंचायत के सभी मुखिया को अपने क्षेत्र के सभी ग्रामीणों के बैंक खाता खुलवाने का निदेष दिया। प्रखंड विकास पदाधिकारी और अंचल अधिकारी को विषेष रूप से लगातार ग्रामीणों के सम्पर्क में रहते हुए विकास कार्यों को लागू कराने का निदेष दिया। 
उपायुक्त ने काठीकुण्ड के नारगंज में खोदे जा रहे नये तालाब निर्माण कार्य का भी निरीक्षण किया उन्होंने कहा कि इसकी मापी कराकर उसे अभिलेखबद्ध करते हुए बरसात भर काम रोक दिया जाए।






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