Wednesday 23 October 2019

दिनांक-22 अक्टूबर 2019
प्रेस विज्ञप्ति संख्या-1907

जोहार एच आर डी सेंटर दुमका में भारत सरकार वस्त्र मंत्रालय, कार्यालय विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) द्वारा आदिवासी कठपुतली लोककला ‘चदर-बदर‘ के संरक्षण एवं संवर्द्धन हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि क्षेत्रीय निदेशक ईआरओ कोलकाता बानी व्रत राॅय एवं विशिष्ट अतिथि उप निदेशक जनसम्पर्क शालिनी वर्मा के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
इस अवसर पर क्षेत्रीय निदेशक ईआरओ कोलकाता बानी व्रत राॅय ने कहा कि पारंपरिक हस्तशिल्प को बढ़ावा देना नितांत आवश्यक है। चदर बदोनी कठपुतली लोककला लुप्त प्राय हो चुकी है। चदर-बदर के प्रति लोग को जागरुक करने की आवश्यकता है ताकि अधिक-अधिक लोग जागरुक होकर इस कला में अपनी रचि दिखाएं। केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकार के सम्मिलित प्रयास से इस काफी आगे बढ़ाया जा सकता है। उनकी कला को वर्तमान परिप्रेज्य में संवर्धन करते हुए इसे एक प्लेटफाॅर्म देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कार्यशाला के माध्यम से आप सभी जो भी सुझाव तैयार करेंगे उस सुझाव पर कार्य किया जायेगा।
इस अवसर पर उप निदेशक जनसम्पर्क शालिनी वर्मा ने कहा कि इस चदर-बदर लोककला के माध्यम से पहले समाज के लोगों को जीवन जीने की तरीके के बारे में बताया जाता था, लोक संगीत, कथा एवं कठपुतली नृत्य काफी आकर्षक एवं मनोरंजक हुआ करता था। जो भी पुराने कलाकर अब बचे हुए है वह अब आगे नये कलाकर को तैयार करें ताकि इस कला को आगे बढ़ाने में सहयोग मिल सके। परम्परागत चीजों को आगे बढ़ाना हम सभी का दायित्व है। उन्होंने कहा कि इसे राज्य स्तर, राष्ट्रीय स्तर एवं अंतराष्ट्रीय पटल पर लाने में हम सभी का प्रयास होना चाहिए। सूचना जनसम्पर्क विभाग के द्वारा लगाये जाने वाले मेला प्रदर्शनी में इसका एक स्टाॅल अलग से लगाए जाने का प्रयास रहेगा। उन्होंने कहा कि आगमी विधानसभा चुनाव 2019 में भी मतदाता जागरुकता कार्यक्रम हेतु स्वीप कार्यक्रम के तहत चदर-बदर को भी जोड़ा जायेगा।
इस अवसर पर विश्व भारती शांति निकेतन के सुजीत कुमार पाॅल ने कहा कि आदिवासी क्षेत्र में सरकारी योजनओं का प्रचार-प्रसार करने हेतु इस कठपुतली लोककला को जोड़ने से आदिवासी क्षेत्र में रह रहे लोग को सरकार की योजनाओं की जानकारी प्राप्त करने में आसनी होगी एवं इस कला को भी आगे बढा़ने में बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि कठपुतली लोककला में युवा पीढ़ी को भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की जरुरत है।
इस अवसर पर सहायक निदेशक एचएससी देवघर भुवन भाष्कर, सहायक निदेशक ईआरओ कोलकत्ता एस के गुप्ता, जनमत शोध संस्थान के अशोक कुमार समेत काफी संख्या में कलाकार उपस्थित थे।







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