Wednesday 8 March 2017

दुमका, 08 मार्च 2017
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 141
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर इन्डोर स्टेडियम दुमका में जिला साक्षरता समिति, महिलाओं की संस्था ‘वी’ ने संयुक्त रूप से संगोष्ठी, सम्मान समारोह सह जागरूकता रैली का आयोजन किया। संताल परगना प्रमंडल के आयुक्त एवं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दिनेष चन्द्र मिश्र तथा दुमका के उपायुक्त एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष राहुल कुमार सिन्हा ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत की। इस अवसर पर महिलाओं द्वारा केक भी काटे गये। 
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संताल परगना के आयुक्त दिनेष चन्द्र मिश्र ने कहा कि सरकार महिलाओं को सषक्त एवं स्वावलंबी बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। दहेज प्रथा जैसी कुरीतियां आज भी हमारे समाज में स्थापित है। दहेज लेना और देना दोनो ही हमें छोड़ना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भ्रूण हत्या आज के समय की सबसे बड़ी समस्या है जिसे हमसब को मिलकर खत्म करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बेटी को हर कीमत पर स्कूल भेजिये। उन्होंने कहा कि आज इस दिवस पर हम यह प्रण लें कि बेटा और बेटी में फर्क नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि बेटी अगर पढ़ेगी तो ना हमें दहेज देना पड़ेगा ना ही उसके साथ कोई अत्याचार कर सकेगा। अपने बेटी को आखरी सांस तक पढ़ायें। उन्होंने कहा कि महिलाओं को सषक्त बनाने के लिए कानून सम्पत्ति से लेकर सभी चीजों पर बराबरी का हक देता है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है।एक स्वच्छ समाज का निर्माण करने में अपनी भागीदारी सुनिष्चित करें। 
लोगों को सम्बोधित करते हुए दुमका के उपायुक्त राहुल कुमार सिंन्हा ने कहा कि षिक्षा से ही महिलाओं को सषक्त बनाया जा सकता है। महिलाओं को अगर स्वावलंबी बनाया जाय तो यह समाज के लिए मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों में महिलायें आगे आयें एवं स्वयं सहायता समूह बनाकर जिला राज्य और देष का नाम ऊंचा करें। उन्होंने कहा कि सिर्फ पढ़लिखकर घर में बैठने से नहीं होगा। अपने गांव अपने घर से अपने हुनर को दिखायें वह दिन दूर नहीं जब सामाजिक क्रांति आयेगी। उन्होने कहा कि अपने प्रतिभा को मरने ना दें। सही जगह पर इस्तेमाल करें एवं एक सम्मानजनक आय अर्जित करें। उन्होंने कहा कि स्वावलंबी बने अपके पास सभी संसाधन एवं हुनर उपलब्ध हैं। 
सम्बोधित करते हुए नगर पर्षद अध्यक्षा अमिता रक्षित ने कहा कि अपनी प्रतिभा को पहचाने एवं किसी के दबाव में ना रहें। उन्होंने महिलाओं से कहा कि पति के कंधे से कंधे मिलकर चलें। उन्होंने कहा कि आज भी गांव में महिलाओं के साथ अत्याचार एवं उनकी सोच को दबाया जाता है। हमें जागना होगा एवं जगाना होगा। उन्होंने कहा कि आप सषक्त बनें तभी देष और राज्य का विकास होगा। 
इस अवसर पर महिलाओं कि संस्था ‘वी’ के मुख्य संरक्षिका समाज कल्याण मंत्री डा लोईस मरांडी एवं संरक्षिका जया सिन्हा ने महिला दिवस की शुभकामनायें दी जिसे, सिंहासन कुमारी ने सभा को अवगत कराया।   
सम्बोधित करते हुए उपनिदेषक जनसम्पर्क अजय नाथ झा ने कहा कि अब बेटी तो बचेगी ही और अब समाज से बधाई हो बेटी हुई है की आवाज सुनाई देने लगी है। उन्होंने कहा कि बेटियों को तनाव में न रखें उन्हें अपनी सोच की स्वतंत्रता दें। सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हाउस वाईफ जैसे शब्द को अब बदल दीजिये अगर पुरूष नौकरी करता है तो महिलायें भी चैबीस घंटे घर के काम में लगी रहती हैं। समाज बदल रहा है। हमें भी बदलना होगा। उन्होंने कहा कि बेटी कोई दान की वस्तु नहीं है। पुरूष के आश्रित के रूप मंे बेटियों को आषीर्वाद ना दें। उन्होंने कहा कि दुमका के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा से आदेष प्राप्त कर अगले 15 दिनों तक एक अभियान चलाया जायेगा। इस अभियान के अन्तर्गत सभी घरों के गेट पर उस घर में रहने वाली महिला का नाम सबसे उपर होगा। 
सम्बोधित करते हुए जिला षिक्षा पदाधिकारी धर्मदेव राय ने कहा कि महिलाओं के प्रति अपनी मानसिकता को बदलने की अब जरूरत है। महिला हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कर महिला सषक्तीकरण का एक उदाहरण प्रस्तुत करते आ रही है। 
सम्बोधित करते हुए धनबाद से आये वैज्ञानिक के के शर्मा ने कहा कि महिला को कम ना आकें। उन्होंने महिलाओं से कहा कि उस समस्या का निदान करें जिससे समाज का भला हो। उन्होने कहा कि महिला में अटूट शक्ति होती है। आप आगे बढ़ें मुझे विष्वास है कि समस्या को खत्म करके ही आप दम लेंगे। उन्होंने कहा कि पाॅलिथिन का इस्तेमाल बंद करना एक बहुत ही बड़ी उपलब्धि है। आप सब ने मिलकर दुमका से इसे खत्म करने का प्रयास किया है जिसकी सराहना मैं करता हूँ। 
संताल परगना के आयुक्त एवं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दिनेष चन्द्र मिश्र द्वारा 90 के दषक में साक्षरता अभियान में देष भर में दुमका का नाम रौषन करने के लिए तथा साक्षरता का दीया हर घर तक पहुंचाने के लिए मीना सिंह, रामगढ़ की नागो देवी, गोपीकान्दर की रेवती महारानी, भारती चटर्जी, मेरीनिला मरांडी, सिंहासन कुमारी को शाॅल एवं प्रषस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। 
इन्होंने भी अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर कहा - 
लता मुर्मू - महिला हिंसा गांव हो या शहर आज भी समाज में देखा जा रहा है। हमें जागना होगा एवं इस गम्भीर समस्या को खत्म करना होगा। उन्होंने कहा कि यौन शोषण के बारे में बच्चों को भी बताया जाय ताकि उन्हें गलत और सही में फर्क करने में आसानी हो। उन्होंने कहा कि षिक्षक भी कक्षा में धीरे धीरे यौन शोषण से बचने की जानकारी दी जाय। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति खुद को बदल ले समाज स्वतः बदल जायेगा।
स्मिता आनन्द - षिक्षा से ही महिलाओं को सषक्त बनाया जा सकता है। षिक्षा के अभाव से ही महिलाओं पर शोषण एवं उनकी सोच को दबाया जाता है। उन्होंने कहा कि बेटा अगर षिक्षित होगा तो अपने पिता का नाम रौषन करेगा लेकिन बेटी अगर षिक्षित होगी तो अपने पिता एवं अपने पति का भी नाम रौषन करेगी। उन्होंने कहा कि अब बेटे और बेटी में फर्क करने का वक्त नहीं रहा। 
अन्नु - दहेज समाज का एक अभिषाप है। यह बिमारी इतनी गम्भीर है जिसमें षिक्षित लोग अधिक बिमार हैं। महिला सषक्तिकरण के लिए समाज से इस प्रथा को खत्म करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लड़की को बोझ न माने उन्हें अच्छी तरह षिक्षित करें एक स्वस्थ समाज का निर्माण करें यकिन दिलाती हूं लड़की बोझ नहीं लगेगी। 
पूर्णिमा पाण्डेय - बाल विवाह जैसे कारण से ही महिलायें स्वावलंबी नहीं हो पाती। उन्होंने कहा कि बेटे और बेटी के बीच का अंतर ही बाल विवाह का मुख्य कारण है। हम आज यह प्रण लें कि बाल विवाह न करेंगे न करने देंगे।
किरण तिवारी - महिलाओं को पहले षिक्षित करने की जरूरत है। अगर महिलायें षिक्षित होंगी तो उनपर न अत्याचार होगा न अत्याचार करने वाला बच पायेगा। महिलाओं को हर क्षेत्र में सहयोगी बनने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पुरूष और महिला कंधे से कंधे मिलाकर चलें क्योंकि महिला किसी भी क्षेत्र में पुरूषों से पीछे नहीं है। 
मेरीनिला मरांडी - उन्होंने कहा कि बच्चा मां के गर्भ में है पर उसके भाग्य का निर्णय मां के हाथ में नहीं है। उन्होंने कहा कि परिवार और समाज दोनों को मानसिक विरासत में मिली सोच में बदलाव लाने की आवष्यकता है। उन्होंने कहा कि आज विष्व में 740 लाख अनियोजित गर्भधारण तथा 360 लाख गर्भपात हो रहे हैं जो एक बहुत बड़ी समस्या को दर्षाता है।   
प्रो छाया गुहा - आज पूरे विष्व में प्रतिदिन 800 महिलायें गर्भ संबंधी समस्यायें जिन्हें रोका जा सकता है के कारण मर रही है। पूर साल में लगभग 3 लाख महिलाओं की जान जा रही है। हमारा प्रयास आज भी नाकाफी है। हर व्यक्ति तक स्वास्थ सुविधा पहुंचाना अति आवष्यक है।   
इस अवसर पर जिला ताईक्वान्डो संघ के सचिव स्मिता आनन्द ने अपने पिता एवं साक्षरता के क्षेत्र में दुमका को पूरे भारत में एक अलग पहचान दिलाने वाले स्वर्गीय शंकरषरण श्रीवास्तव के स्वरचित गीत को गाया।
कार्यक्रम के अंत में जिला षिक्षा पदाधिकारी सह जिला साक्षरता समिति के सचिव ने सभी सम्मानित अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किया। पूरे कार्यक्रम का मंच संचालन सिंहासन कुमारी ने किया। 
इससे पूर्व महिला दिवस के अवसर पर एक जागरूकता रैली इन्डोर स्टेडियम दुमका से निकाली गई जिसे दुमका के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। जो शहर के प्रमुख चैक चैराहों से होते हुए इन्डोर स्टेडियम में समाप्त हुई।  
कार्यक्रम को सफल बनाने में जिला साक्षरता समिति, महिलाओं की संस्था ‘वी’, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, ग्रामीण विकास विभाग (पंचायती राज), पेयजल एवं स्वच्छता की भूमिका रही। इस कार्यक्रम में संताल परगना के आयुक्त दिनेष चन्द्र मिश्र, दुमका के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा, नगर परिषद अध्यक्षा अमिता रक्षित, उप निदेषक जनसम्पर्क अजय नाथ झा, जिला षिक्षा पदाधिकारी धर्मदेव राय, जिला षिक्षा अधीक्षक अरूण कुमार., वी संस्था की महिलायें एवं बड़ी तादाद महिलायें विभिन्न विद्यालय के छात्रायें उपस्थित थी।


























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