दिनांक-21 अक्टूबर 2019
प्रेस विज्ञप्ति संख्या-1873
दुमका के जोहार एचआरडी सेंटर में झारक्राफ्ट द्वारा हस्तशिल्प कारीगरों के लिए स्थानीय बाजार विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है। जिसमें मुख्य अतिथि सूचना जनसंपर्क विभाग की उप निदेशक शालिनी वर्मा एवं विशिष्ट अतिथि रेशम उद्योग सहायक निदेशक सुधीर कुमार सिंह थे। इस अवसर पर उपनिदेशक शालिनी वर्मा ने उपस्थित कारीगरों को संबोधित करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में पुरुषों के मुकाबले महिलाएं अधिक रुचि दिखा रही हैं। यह हमारे लिए बहुत गौरव की बात है कि महिलाएं भी अपने पैरों पर खड़े होना चाहती हैं। घर के साथ साथ रोजगार के क्षेत्र में भी आगे बढ़ाना चाहती हैं। उन्होंने महिलाओं को कहा कि हस्तशिल्प के क्षेत्र में सरकार आपको एक अच्छा अवसर दे रही है। इसका सदुपयोग करें। आप अपने उत्पादको को लोगों की रुचि के अनुसार बनाये। जो बाजार एवं समय के साथ बदलते रहती है। उन्होंने कहा कि आपके हाथ में हुनर है। उस हुनर की बदौलत आप आगे निकल सकते हैं। इसके लिए आपको किसी की आवश्यकता नहीं है। पुरुषों के पास रोजगार के अन्य विकल्प भी हैं लेकिन महिलाएं घर गृहस्थी के साथ हस्तशिल्प में आगे बढ़ सकती हैं। उन्होंने कहा कि आपको कहीं जाने की आवश्यकता नहीं है। आपके घर में ही कच्चा माल आएगा और आप उसे नया आकर देकर बाजार में भेज सकती हैं। जिससे इसकी मांग एवं आमदनी बढ़ेगी। इससे आपकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा।
इस अवसर पर सहायक निदेशक सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि हस्तशिल्प के क्षेत्र में जानकारी के अभाव के कारण लोग बड़े स्तर तक का उद्योग स्थापित नहीं कर पाते हैं। बड़े बाजार में उद्योग स्थापित करने के लिए संगठन बनाकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास के लिए आपके सहयोग की आवश्यकता है। झारखंड राज्य में उत्पादित होने वाले हस्तशिल्प कला को सरकार विदेशों तक पहुंचाने का कार्य कर रही है। इस दौरान उन्होंने कई उदाहरण देकर लोगों को जागरूक करने की कोशिश की। इस कार्यशाला का उद्देश्य स्थानीय बाजार में हस्तशिल्प को बढ़ावा देना है।
भारत सरकार के सहायक निदेशक भुवन भास्कर ने कहा कि भारत वह देश है जिसमें लाखों लोगों के पास पारंपरिक कौशल और हैंडक्राफ्ट माल के उत्पादन का ज्ञान है। हस्तशिल्प उद्योग अत्यधिक श्रम आधारित, कुटीर उद्योग है। यह उद्योग कृषि क्षेत्र के बाद अधिकतम रोजगार प्रदान करने वाला व्यवसाय है और यह 6 मिलियन से अधिक कारीगरों को रोजगार प्रदान करता है जिसमें समाज के कमजोर वर्ग और महिलाओं के अधिकतम आबादी शामिल है यह उद्योग अर्थव्यवस्था में भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और यह पूरे देश में ग्रामीण क्षेत्र के से लेकर क्षेत्र तक फैला हुआ है। विदेशी मुद्रा अर्जन करने में हस्तकला की भी एक महत्वपूर्ण भूमिका है। यह छह मिलियन से अधिक कारीगरों को रोजगार प्रदान करता है जिनमें बड़ी संख्या में घरेलू महिलाएं और समाज के कमजोर वर्ग के लोग शामिल है। उन्होंने कहा कि आप इसमें भागीदारी अवश्य बनाये।
इस अवसर पर क्लस्टर मैनेजर सीखा आनंद, कारीगर एवं बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
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