Thursday, 25 February 2016

दुमका, दिनांक 25 फरवरी 2016
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 082 

राजकीय जनजातीय हिजला मेला 2016 में जनजातीय संस्कृति की विविध झलक देखने को मिल रही है। दिषोम मराड़ बुरू थान में कलाकारों द्वारा कला के माध्यम से संताली रीति रिवाज से शादी को प्रदर्षित किया गया। सर्वप्रथम दौड़ में बहू को विठाया जाता है। तत्पष्चात् लड़का अपने बन्धु बाँधवों के कंधे पर बैठकर लड़की के मांग में सिन्दूर डालते हैं। दौड़ा के बगल में एक बड़ा सा घड़ा रखा जाता है। जो पोचई (चावल से बना शराब) से भरा रहता है। अतिथियों का स्वागत पोचई से किया जाता है। सभी अतिथि बर बहू का गिडी चुमोरा (धान और दूब के साथ करते हैं। तत्पष्चात वर एवं बहू पक्ष के लोग मिलकर विवाह मंडप के चारों ओर दोंग नृत्य करते हैं। वर एवं वधू के साथ एक अन्य प्रमुख पात्र होता है जो विधि विधान करवाती है। वर की भूमिका में सरूआ के राजेष मुर्मू, वधू की भूमिका में मकू टुडू, विधि विधान कराने वाली की  भूमिका में मेरी टुडू थी। दलनायक स्नेहलता हाँसदा थी। अन्य कलाकारों में पीटर हेम्ब्रम, चाँद हेम्ब्रम, चरण मुर्मू, दाउद किषोर टुडू, चिनकू किस्कू, चमू सोरेन आदि प्रमुख थे।

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