Saturday 26 November 2016

दुमका, 26 नवम्बर 2016
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 676 
विरोध दर्षाने के लिए हिंसा का सहारा लेना दोषपूर्ण षिक्षा का परिचायक...
- राहुल कुमार सिन्हा, उपायुक्त, दुमका 
यदि काबिलियत और दृढ़ इच्छाषक्ति हो तो ग्रामीण परिवेष में पले बढ़े और षिक्षा प्राप्त किये बच्चे भी अपने जीवन में काफी उन्नति कर सकते हैं। दुमका के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने झारखण्ड षिक्षा परियोजना दुमका द्वारा आउटडोर स्टेडियम दुमका में आयोजित ग्राम षिक्षा समिति के सदस्यों का जिला स्तरीय  एक दिवसीय सम्मेलन सह प्रषिक्षण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि अपने सम्बोधन में यह बात कही। उन्होंने संस्कारपूर्ण गुणवत्तायुक्त षिक्षा दिये जाने की महत्ता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि अक्सर राजनीतिक विरोध को दर्षाने के लिए युवा राष्ट्रीय एवं निजी सम्पत्तियों का नुकसान कर जाते हैं। इससे समाज और राष्ट्र की व्यापक क्षति होती है। यह दोषपूर्ण षिक्षा का परिचायक है। इस हेतु उन्होंने बच्चों में आरम्भ से ही संस्कार पूर्ण षिक्षा दिये जाने की बात कही। उपायुक्त ने कहा कि प्राईवेट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के किताब, पोषाक, यातायात, बच्चों के भोजन एवं अन्य शैक्षणिक गतिविधियों के लिए अभिभावकों को कुछ न कुछ खर्च करना होता है। परन्तु प्रत्येक सरकारी विद्यालयों में यह सारी सुविधायें मुफ्त उपलब्ध कराई जाती है। यहां तक कि सरकारी स्कूल के षिक्षक कठिन प्रतियोगिता परीक्षा पास कर ही सेवा में आते हैं। यदि षिक्षक, अभिभावक एवं विद्यालय प्रबंधन समिति संकल्प ले ले तो वह दिन दूर नहीं जब देष का एक एक बच्चा न सिर्फ साक्षर होगा बल्कि देष का एक महत्वपूर्ण मानव संसाधन बन सकेगा। 
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उद्घाटनकत्र्ता सह कार्यक्रम के अध्यक्ष क्षेत्रीय षिक्षा उप निदेषक अषोक कुमार शर्मा ने अपने सम्बोधन मंे कहा कि एक पंचायत में अधिकतम 12 से 14 विद्यालय आते हैं। प्रत्येक पंचायत के मुखिया जी अपने पोषक क्षेत्रों में पड़ने वाले सभी 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों का विद्यालय में नामांकन एवं उनका विद्यालय में ठहराव के साथ-साथ विद्यालयों में षिक्षकों की उपस्थिति सुनिष्चित कर दें तो समझें कि उनका कार्यकाल सफल हो गया। 
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिला पंचायती राज पदाधिकारी षिवनारायण यादव ने कहा कि प्राथमिक षिक्षा और साक्षरता पंचायतों के अधीन है। यदि सब मिलकर ठान ले तो शत प्रतिषत साक्षरता के लक्ष्य को प्राप्त करना आसान हो जायेगा। उन्होंने कविता और गीतों के माध्यम से उपस्थित जनसमूहों को कई प्रेरणादायी संदेष दिये।
अपने सम्बोधन में जिला षिक्षा पदाधिकारी धर्मदेव राय ने कहा कि षिक्षा से जुड़े हुए बड़े से बड़े पदाधिकारी हो या सबसे निचले स्तर पर काम करने वाला विद्यालय प्रबंधन समिति सबका एक ही काम है कि 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग के सभी बच्चों का विद्यालय में पहुंच एवं ठहराव सुनिष्चित करना है। इसी जन्म में इस जीवन में ‘‘हमको तुमको मान मिलेगा सम्मान मिलेगा’’ गीत के माध्यम से उन्होंने अपने प्रेरणादायी संदेष दिये। 
सिविल सर्जन डाॅ0 वी.के.साह ने षिक्षा एवं स्वास्थ्य में अन्योन्याश्रय संबंध बताते हुए कहा कि षिक्षा के बिना हम अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक नहीं रह सकते और अच्छे स्वास्थ्य के बिना हम अच्छी षिक्षा भी ग्रहण नहीं कर सकते।  
 मुख्यिा संघ के अध्यक्ष चंद्रमोहन हांसदा ने अपने सम्बोधन में कहा कि ग्राम षिक्षा समिति बच्चों को अच्छा नागरिक बनाने हेतु महत्वपूर्ण इकाई है। बच्चों को क्वालिटि षिक्षा और भोजन उपलब्ध कराने में ग्राम षिक्षा समिति की भूमिका महत्वपूर्ण है। 
इससे पूर्व प्रषिक्षक प्रेम कान्त झा ने विद्यालय प्रबंधन समिति के गठन कार्य एवं दायित्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम में स्वागत सम्बोधन जिला षिक्षा अधीक्षक अरूण कुमार ने दिया। अतिथियों का पारम्परिक गीत एवं नृत्य के माध्यम से भव्य स्वागत किया गया। क्षेत्रीय षिक्षा उप निदेषक के द्वारा उपस्थित जनों को संविधान के प्रस्तावना की शपथ दिलाई गई। धन्यवाद ज्ञापन झारखण्ड षिक्षा परियोजना दुमका के सुमंत कुमार ने किया। मंच का संचालन जीवानन्द यादव ने किया। 
इस अवसर पर दुमका के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा, क्षेत्रीय षिक्षा उप निदेषक संताल परगना अषोक कुमार शर्मा, जिला पंचायती राज पदाधिकारी दुमका षिवनारायण यादव, जिला षिक्षा पदाधिकारी दुमका धर्मदेव राय, सिविल सर्जन दुमका डाॅ0 वी.के.साह के अलावा गोड्डा, जामताड़ा एवं पाकुड़ के जिला षिक्षा अधीक्षक, मुख्यिा संघ के अध्यक्ष चंद्रमोहन हांसदा, प्रषिक्षक प्रेम कान्त झा सहित दुमका जिला षिक्षा महकमे के तमाम प्रखंड षिक्षा प्रसार पदाधिकारी ए0पी0ओ0, मुखिया, षिक्षक, षिक्षिका, ग्राम षिक्षा समिति के सदस्य आदि उपस्थित थे। 




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