Wednesday 9 February 2022

दिनांक- 08 फरवरी 2022 प्रेस विज्ञप्ति संख्या-132

 दिनांक- 08 फरवरी 2022

प्रेस विज्ञप्ति संख्या-132


सीडब्ल्यूसी के समक्ष आये बाल विवाह के दो मामले.


कोलकाता एवं साहेबगंज से बरामद की गयी हैं दो बालिकाएं


चाइल्डलाइन ने 14 व 16 वर्ष की बालिकाओं को किया प्रस्तुत


दुमका। बाल कल्याण समिति के समक्ष मंगलवार को चाइल्डलाइन के द्वारा बाल विवाह के मामलों में 16 और 14 वर्ष की दो बालिकाओं को उपस्थित किया गया। इनसे से एक को कोलकाता और दूसरी को साहेबगंज से बरामद किया गया था। बाल कल्याण समिति ने दोनों बालिकाओं का बयान दर्ज किया। इसके अलावा एक बालिका के मामा-मामी और दूसरे की मां का बयान भी दर्ज किया गया। बिहार के बख्तियारपुर में अपने मामा के घर में रहनेवाली 16 वर्षीय बालिका को कोलकाता में दुमका के एक लड़के के साथ बरामद किया गया था। इस लड़का के घरवालों ने विवाह का प्रस्ताव भेजा था पर बालिका के मामा ने नाबालिग होने के कारण विवाह से इनकार कर दिया था। बालिका उसी लड़के के साथ कोलकाता में पायी गयी। बालिका के बरामदगी पर पहले यह मामला दुमका के महिला थाना में पहुंचा था और फिर सूचना मिलने पर चाइल्डलाइन उसे मंगलवार को सीडब्ल्यूसी लेकर आयी। बालिका ने अपने मामा-मामी के साथ रहने की इच्छा जतायी जिनके साथ उन्हें घर भेज दिया गया। दूसरा मामला शहर के बंदरजोरी इलाके की 14 वर्षीय लड़की का साहेबगंज के लड़के से बाल विवाह करने से संबंधित था। यह लड़की 16 जनवरी की शाम से शहर के लाल पोखरा मोहल्ले से लापता थी, जिसको लेकर उसकी मां ने नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज करवायी थी। पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर लड़की को साहेबगंज के जिरूआबाड़ी इलाके से बरामद किया है। बालिका ने अपने बयान में बताया कि साहेबगंज के उस लड़के से वह पिछले छह माह से मिल रही थी। लड़का दुमका में मेठ का काम करता था। 16 जनवरी को दोनों ने दुमका के शिवपहाड़ मंदिर में उससे शादी कर ली और 17 जनवरी को वह उसके साथ उसके जिरूआबाड़ी स्थित घर चली गयी जहां से पुलिस उसे लेकर आयी है। बाल कल्याण समिति के सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डा राज कुमार उपाध्याय और कुमारी विजय लक्ष्मी ने दोनों मामलों की सुनवाई करते हुए बालिकाओं को उनके परिजनों के साथ घर भेज दिया और एक पखवाड़े के बाद समिति के समक्ष हाजिर होने का आदेश दिया। मौके पर चाइल्डलाइन के केन्द्र संचालक मधुसूदन सिंह, टीम सदस्य इब्नूल हसन भी मौजूद थे। 

 डीसीपीओ प्रकाश चंद्र ने बताया कि बाल विवाह ‘अमान्य’ विवाह है। ऐसी शादी शुरू से ही क़ानून की निगाह में वैध नहीं है। बाल विवाह करवाने वाले व्यक्ति (वयस्क) या ऐसे विवाह को करवाने में मदद करने वालों और इसे बढ़ावा देनेवालों को 2 साल की कारावास की सजा और एक लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। यदि किसी को भी बाल विवाह की कोई जानकारी मिलती है या किसी को यदि कोई बच्चा भटकता हुआ या संकट में दिखे तो वह चाइल्डलाइन को इसकी सूचना देेकर बच्चे की मदद कर सकते हैं। इस तरह की सूचना चाइल्डलाइन को फोन नंबर 1098 पर दी जा सकती है।

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जिला कंट्रोल रूम - 06434-295042,9508250080, 9934414404

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