Saturday, 12 March 2016

दुमका, दिनांक 12 मार्च 2016
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 102 

लोक अदालत न्याय उद्देष्यों की आत्मा है...
- प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीष  
सिविल कोर्ट परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीष ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि लोक  अदालत के माध्यम से निष्पादित मामलों की कोई अपील नहीं होती है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत न्यायिक उद्देष्यों की आत्मा है। डी0 जे0 3 आषुतोष दुबे, डिस्ट्रीक्ट बार ऐसोषियेषन के अध्यक्ष विजय सिंह, सी0जे0एम0 राधाकृष्ण इत्यादि ने भी अपने विचार व्यक्त किये सबजज सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अमरेष कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से सैकड़ों हजारों मामलों का निष्पादन होता है। प्रि-लिटिगेषन केसेज का निपटारा सरल तरिके से होता है। राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल तीन बेंचों के माध्यम से मामलों का निष्पादन किया गया। बैंच नं0 1 में डी0जे0 3 आषुतोष दुबे, सत्येन्द्र सिंह व शर्मिला सिन्हा, बैंच नं0 2 में सी0जे0ए0 राधाकृष्ण, अधिवक्ता किरण तिवारी तथा अच्यूत केषव तथा बैंच नं0 3 में कार्यपालक दंडाधिकारी प्रिती लता मुर्मू, अधिवक्ता अमरेन्द्र सुमन एवं सामाजिक कार्यकर्ता लता मुर्मू ने मामलों के निष्पादन से संबंधित सुनवाई में हिस्सा लिया।






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