Tuesday 15 March 2016

दुमका, दिनांक 15 मार्च 2016
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 113 

आंगनबाड़ी केन्द्रों का अनियमित ढंग से संचालन करने वाली सेविका और सहायिका से तीन दिनों के अन्दर स्पष्टीकरण प्राप्त कर बरखास्तगी से संबंधित प्रस्ताव संचिका के माध्यम से प्रस्तुत करें। उपायुक्त, दुमका राहुल कुमार सिन्हा ने जनता दरबार में विभिन्न आंगनबाड़ी केन्द्रों के अनियमित संचालन से संबंधित षिकायतों के आलोक में 12 मार्च 2016 को 10 वरीय पदाधिकारियों के नेतृत्व में गठित टीम द्वारा 10 प्रखंडों के विभिन्न आंगनबाड़ी केन्द्रों के अनियमित संचालन से संबंधित निरीक्षण प्रतिवेदन के आलोक में इस आषय से संबंधित निदेष जिला समाज कल्याण पदाधिकारी को दिया है। उपायुक्त ने निदेष दिया है कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के अनियमित संचालन के सम्बन्ध में सम्बन्धित महिला पर्यवेक्षिकाओं पर भी जिम्मेदारी सुनिष्चित करते हुए उनसे स्पष्टीकरण पूछते हुए अगले आदेष तक उनका वेतन स्थगित रखें। महिला पर्यवेक्षिकाओं द्वारा संतोषजनक स्पष्टीकरण न पाए जाने की स्थिति में सम्बन्धित महिला पर्यवेक्षिकाओं के विरूद्ध प्रपत्र ‘‘क’’ गठित कर कार्रवाई की जाय। उपायुक्त ने सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी से भी स्पष्टीकरण पूछकर उनका जवाब उपायुक्त के समक्ष प्रस्तुत करने से सम्बन्धित निदेष दिया है। अपने अधीनस्थ पदाधिकारी एवं पर्यवेक्षिकाओं को महीने में कम से कम 15 आंगनबाड़ी केन्द्रों का औचक निरीक्षण कर पाये गये त्रुटियों का निराकरण कराना सुनिष्चित करें। अनियमित तरीके से संचालित हो रहे आंगनबाड़ी केन्द्रों के सेविका सहायिकाओं के विरूद्ध जिला कार्यालय को तत्काल इसकी सूचना दें। निरीक्षी पदाधिकारी निरीक्षण के क्रम में पाये गये त्रुटियों एवं उनके निराकरण हेतु दिए गए निर्देषों को केन्द्र में संधारित पंजी में विस्तृत रूप से अंकित करें ताकि वरीय पदाधिकारियों द्वारा अगामी निरीक्षण के दौरान पंजी अवलोकनोपरान्त स्थिति स्वतः स्पष्ट हो सके।
ज्ञातव्य हो कि दुमका के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा के नेतृत्व में 10 वरीय पदाधिकारियों ने सभी 10 प्रखंडों के लगभग 100 आंगनबाड़ी केन्द्रों का औचक निरीक्षण किया। इन केन्द्रों में 70 से 80 प्रतिषत केन्द्र बन्द पाये गये। जनता दरबार तथा फीडबैक के अन्य स्त्रोतों से इन 100 केन्द्रों की षिकायत मिली थी कि ये लगभग बन्द रहते हैं तथा अकार्यषील हो गये हैं। इन षिकायतों की अपने स्तर से पुष्टि कराते हुए उपायुक्त ने गोपनीय रूप से जिला स्तरीय अधिकारियों की टीम बनाकर इन केन्द्र पर एक साथ औचक रूप से पहुँच कर जाँच किया था। उपायुक्त स्वयं नक्सल प्रभावित गोपीकांदर प्रखंड में 10 केन्द्रों पर पहुँचे थे जहाँ उन्हें इनमें से एक भी आंगनबाड़ी केन्द्र कार्यषील नहीं दिखा था। 



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