Tuesday 15 March 2016

दुमका, दिनांक 15 मार्च 2016
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 111 

18 मार्च 2016 को मुख्य सचिव झारखण्ड सरकार की अध्यक्षता में होगी महत्वपूर्ण बैठक इस बैठक में दुमका के निवासी तथा भूमि हस्तांतरण से संबंधित वास्तविक हितधारक (स्टेक होल्डर्स) अपने सुझाव राज्य सरकार को देंगे। दुमका के उपायुक्त श्री राहुल कुमार सिन्हा ने यह अपील है कि 18 मार्च 2016 को इन्डोर स्टेडियम दुमका में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित आम बैठक में दुमका के निवासी विषेष कर भूमि हस्तांरण अधिग्रहण से संबद्ध वास्तविक हितधारक अपने सुझावों से प्रषासन को अवगत करायें। उपायुक्त ने कहा कि  जो व्यक्ति इन्डोर स्टेडियम दुमका में 18 मार्च को आयोजित आम बैठक में अपना सुझाव देना चाहते हैं वे सूचना भवन दुमका में स्वयं उपस्थित होकर या ईमेल - iprddumka@rediffmail.com  पर अपना सुझाव नाम, पता, मोबाईल नम्बर के साथ 17 मार्च 2016 के अपराह्न 4 बजे तक अवष्य दे दें।
उपायुक्त ने आम जनता के सूचनार्थ यह बताया कि सबको ज्ञात है कि दुमका जिला संताल परगना की अधिकांष भूमि अविक्रयषील है। दुमका जिला में केवल रानेष्वर प्रखंड की भूमि ही विक्रयषील है। 
उपायुक्त ने कहा कि जनहित में सामान्य विकास एवं आधारभूत संरचना के विकास के लिये भूमि अर्जन किया जाता रहा है। वर्ष 1981 से लेकर वर्ष 2013 तक अविक्रयषील कृषिभूमि के दर का निर्धारण कृषि उत्पाद के आधार पर किया जाता रहा है। जैसे एक एकड़ भूमि में 56 मन धान तथा 18 काहन पुआल की कीमत कृषि बाजार समिति से प्राप्त कर तीन वर्षों के लिये दर निर्धारित किया जाता रहा है। इसके लिए भूमि का वर्गीकरण धानी - 1, धानी - 2 एवं धानी - 3, बाड़ी - 1 एवं बाड़ी-2 के रूप में  किया जाता रहा है। इस विधि से एक एकड़ के लिए निर्धारित मूल्य यदि 3 लाख रू0 होता है तो अधिग्रहण के उपरांत कृषक को चार गुना राषि अर्थात 3 x 4 = 12 लाख रू0 दिया जाने का प्रावधान था। 
1 जनवरी 2014 से भूमि अर्जन पुनर्वासन एवं पुनव्र्यवस्थापन अधिनियम 2013 लागू हो जाने के बाद से भूमि अर्जन के लिए कृषि उत्पादन के आधार को समाप्त करते हुए बाजार मूल्य के आधार पर कार्रवाई प्रवाधानित किया गया है। 
परन्तु दुमका में रानेष्वर के अलावा कहीं भी अविक्रयषील भूमि नहीं होने के कारण रानेष्वर प्रखंड के उच्चतम निबंधन दर वाली भूमि जैसे रानीग्राम मौजा की 3710 रू0 प्रति डिसमिल को आधार मानते हुए एक एकड़ अर्थात 100 डिसमिल 3710 x 100 = 3,71,000 रू0 दर निर्धारित किया गया तथा इसका 1682080 (सोलह लाख बेरासी हजार अस्सी) रू0 मुआवजा निर्धारित किया गया। 
इसी भूमि के लिए कृषि उत्पाद के आधार पर  वर्ष 2012 में 2886 रू0 प्रति डिसमिल ता 2008 में 2083 रू0 प्रति डिसमिल पर निर्धारित किया गया था। 
राज्य सरकार का उद्देष्य है कि भूमि से जुड़े वास्तविक हितधारक का सुझाव प्राप्त हो कि वर्तमान दर सही है अथवा किसी प्रकार के सुझाव की आवष्यकता है, इससे अवगत हुआ जा सके। अतः प्रषासन की यह अपील है कि भूमि से जुड़े वास्तविक हितधारक किसान, प्रधान आदि सामने आयें और राज्य सरकार को अपने सुझावों से लाभान्वित करें। उपायुक्त ने कहा कि सरकार आपकी है- विकास आपका है तो भूमि अर्जन पर मुआवजा भी आपके सुझावों और समग्र हित को ध्यान में रखते हुये हो। इसके लिए अपने सुझाव दें।


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