दुमका 12 अक्टूबर 2017
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 592
जिला समाज कल्याण पदाधकारी श्वेता भारती की अध्यक्षता में ‘आली’ संस्था एवं जिला समाज कल्याण दुमका के संयुक्त तत्वाधान में “घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005” विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। एसोसिएशन फॉर एड्वोकेसी एंड लीगल इनिशिएटिव्स (आली) की संस्था एक कानूनी पैरोकारी संगठन है जो विगत 18 वर्षो से उत्तर प्रदेश, झारखण्ड में सघन रूप से तथा भारत के अन्य राज्यों में साथी संस्थाओं के सहयोग से महिलाओं और बच्चों के मानवाधिकारों हेतु कार्य कर रही है।आली संस्था की प्रोग्राम समन्वयक रेशमा ने जानकारी दी की आली अपनी स्थापना के समय से ही महिलाओं के साथ घरेलू दायरे में होने वाली हिंसा के खिलाफ काम कर रही है। घरेलू हिंसा से महिलाओ का संरक्षण करने के लिए कानून की मांग तथा कानून के निर्माण के बाद कानून के प्रति जागरूकता तथा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु सक्रिय प्रयास करती रही है। काम करते हुए आली ने इस मुद्दे पर कानूनी समझ विकसित की है। संरक्षण अधिकारी की महिलाओं का घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम, 2005, के प्रमुख आधिकारिक तौर से उचित कार्यान्वयन की जिम्मेदारी होती है एवं इस जिम्मेदारी को सघन रूप से निभाने में संरक्षण अधिकारीयों को चुनौतियों का सामना करना पड़ता है इसी क्रम में आली दिनांक 12 अक्टूबर 2017 को जिला समाज कल्याण दुमका के संयुक्त तत्वाधान में “घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन दुमका में की गई। इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में समाज कल्याण विभाग की स्वेता भारती उपस्थित थीं। उन्होंने बताया कि इस कानून के तहत प्रोटेक्शन अधिकारी की महत्वूर्ण भुमिका है यह समझना आवश्यक है की हम कानुन समझ कर महिलाओं का न्याय प्राप्त करने में सहयोग करें। रिसोर्स पर्सन के रूप में आली लखनऊ से अपूर्वा श्रीवास्तव उपस्थित रही जिन्होंने बताया कि घरेलू हिसा को लेकर बहुत से गलतफहमी हमारे समाज में व्यापत हैं जिसके कारण हम हमेशा ये सोचते हैं की महिलाये ही उसके इस परिस्थिति की जिम्मेवार है इसके उपरांत घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 पर चर्चा करते हुए बताया की यह कानून सजा से जयादा उपचार की बात करता है एवं महिलाओं के साथ होने वाले हिंसा को खत्म करने में सहयोग करता इस कानून के तहत महिला सीधे मजिस्ट्रेट के पास जाकर शिकायत दर्ज कर इस कार्यक्रम में दुमका जिला के दस प्रोटेक्शन अधिकारी , दस महिला परिवेछीका एवं जिला विधिक प्राधिकार के दस अधिवक्ता, तेजस्विनी के कार्यकर्म पदाधिकारी राजीव रंजन , अभिषेक भारती, इस्सनिप के सुधाकर केशरी एवं आली संस्था की कनकलता एवं बबली शामिल रहे जिन्होंने भविष्य में घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने में सहयोग करेंगे आली संस्था की कनकलता एवं बबली।
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