Thursday 3 September 2015

प्रेस विज्ञप्ति

 दुमका। दिनांक - 03/09/2015 (गुरूवारसंख्या 321


आखिरकार स्वीटी पहुँची अपने परिजनों के बीच...

पिछले पाँच दिनों से अपने परिजनों से दूर रही स्वीटी आखिरकार बाबा भोले नाथ तथा जिला प्रषासन के सहयोग से अपने परिजनों से मिल पाने में सफल हो सकी। जब स्वीटी अपने परिजनों से बिछुड़ी थी तो कभी सोच भी नहीं सकती थी कि इतनी सहजता से वह अपने परिजनों से मिल पाएगी। कारण बाबा बैद्यनाथ धाम पहुँचने से पूर्व ही रास्ते में वह अपने साथ यात्रा कर रहे अपनी माँ सुष्मा एवं भाई विक्रम कुमार सिंह से बिछुड़ चुकी थी। राह चलते अन्य काँवरियों से वह यह जानने का प्रयास जरूर करती थी कि उनके माँ एवं भाई को कही देखा है। उसे क्या पता कि बाबा का दर्षन करने आने वाले सारे के सारे लोग गेरूवा वस्त्र में ही होते हैं तथा वे सिर्फ नवादा, बिहार या झारखण्ड के रहने वाले ही नहीं बल्कि कई अन्य प्रांतों एवं देषों से आने वाले श्रद्धालु भी होते हैं। भला उन श्रद्धालुओं को क्या पता कि स्वीटी के माँ और भाई कौन हैं। बहरहाल भटकते हुए स्वीटी बाबा नागेष के दरबार में जा पहुँची। मंदिर प्रषासन द्वारा इस बात की सूचना क्षेत्रीय उप निदेषक सूचना एवं जनसम्पर्क, संताल परगना प्रमंडल, दुमका श्री अजय नाथ झा को दी गई थी। अपनी संवेदनषिलता का परिचय देते हुए उपनिदेषक ने तत्काल उपायुक्त दुमका श्री राहुल कुमार सिन्हा से बात कर उस बच्ची को उसके घर तक पहुँचाने की व्यवस्था सुनिष्चित की तथा एक माह तक भक्तों की सेवा में लीन सूचना सहायता कर्मी सौरभ कुमार मालवीय तथा अष्विनी कुमार मंडल के साथ 13 वर्षीय स्वीटी को उनके मूल निवास स्थान ग्राम- मड़ाचोर, थाना- रोह, जिला नवादा, बिहार भेजने की व्यवस्था कर दी। सौरभ एवं अष्विनी ने पूरी जिम्मेदारी के साथ उस बच्ची को लेकर उसकी माँ सुष्मा कुमारी तथा भाई विक्रम कुमार सिंह को सुपुर्द कर दिया। स्वीटी की माँ सुष्मा भाई विक्रम कुमार सिंह सहित मड़ाचोर ग्राम के सम्पूर्ण ग्राम वासियों ने जिला प्रषासन (सूचना एवं जनसम्पर्क), दुमका, वासुकिनाथ मंदिर प्रषासन तथा उक्त दोनो सूचना सहायता कर्मियों को कोटि-कोटि धन्यवाद दिया।


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