दुमका, दिनांक 14 सितम्बर 2015 प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 348
हिन्दी ही भारत को सच्चे अर्थों में भारत की पहचान हिन्दी है।
-एल0 ख्यांग्ते, आयुक्त संताल परगना प्रमंडल, दुमका
हिन्दी दिवस के अवसर पर राजभाषा विभाग द्वारा आयोजित समारोह में आयुक्त संताल परगना ने कहा कि हिन्दी से ही भारत की पहचान है। इससे सबको महसूस करना होगा। आयुक्त ने कहा कि उनके गृह राज्य मिजोरम में जो गैर हिन्दी भाषी राज्य था आज वहाँ प्रत्येक विद्यालय में मिजो व्यक्ति ही हिन्दी का षिक्षक है। हिन्दी आरम्भ से बोली और समझी जाती है। हम हिन्दी के प्रसार की व्यापक संभावना देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि सेवा में आने के बाद उन्होंने यह प्रण लिया कि वे अपने सभी आदेष चाहे वह न्यायादेष हो हिन्दी में देंगे। आज भी वह अपने इस प्रण पर कायम है। इसलिए हमें आपने संकल्प और कार्य में एकरूपता रखनी होगी।
इस अवसर पर दुमका के उपायुक्त ने कहा कि युवा वर्ग हिन्दी साहित्य को समृद्ध करने के लिए खूब लिखें। हिन्दी आपनी रक्षा करने में रक्षक है। संभावनाओं से भरी हुई है।
पुलिस अधीक्षक श्री विपुल शुक्ला ने कहा कि हिन्दी को रोजगार के अवसरों से जोड़ने के जरूरत है। यह समृद्ध भाषा है।
डाॅ0 प्रमोदिनी हाँसदा ने कहा कि हिन्दी की सहजता सरलता और संभक्ता अप्रतिम है। इसके विकास के लिए प्रयास की जरूरत नहीं-यह स्वयं राह बना लेगी-पर बाजार से और रोजगार से जोड़ना जरूरी है।
डाॅ0 खिरोधर प्रसाद यादव ने कहा कि हिन्दी का प्रष्न भारत की संस्कृति का प्रष्न है-यह सम्पर्क और जन-जन की भाषा है।
डाॅ0 सी एन मिश्रा ने कहा कि 258 मिलियन लोग हिन्दी बोलते हैं। हिन्दी के राजभाषा के रूप् में स्वकार्यता के लिए कार्य करने की अभी भी आवष्यकता है।
डाॅ0 अमरेन्द्र कुमार सिंह सिन्हा ने कहा कि हिन्दी के लिए गौरव महसूर करें हम - मैं हिन्दी हूँ रचना पढ़ी उन्होंने।
श्री अनन्त लाल खिरहर एवं बालगोविन्द मिश्र ने भी अपने विचार रखे। आयुक्त सहित सभी विषिष्ट अतिथियों को अंगवस्त्र दिया गया।
इस अवसर पर जिला वन प्रमंडल पदाधिकारी सहित सभी प्रमंडलस्तरीय अधिकारी तथा साहित्य सेवी जिनमें उपर्युक्त वक्ताओं के अलावा नेषनल स्कूल के प्राचार्य श्री अजय कुमार, अषोक सिंह, विद्यापति झा, किरण तिवारी, शानू, मनोज कुमार घोष आदि उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन श्री मोती चरण मिश्र तथा गोष्ठी के उद्घोषक गौरकान्त झा थे।
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