Thursday 3 September 2015

प्रेस विज्ञप्ति

 दुमका। दिनांक - 03/09/2015 (गुरूवारसंख्या 322

आम जनों की सेवा ही आपका धर्म....

 - राहुल कुमार सिन्हा, उपायुक्त, दुमका
आम जनों की सेवा ही आपका धर्म है। चिकित्सा में बरती गई किसी भी प्रकार की कोताही अक्षम्य होगी। यह बात उपायुक्त, दुमका श्री राहुल कुमार सिन्हा द्वारा दिनांक 03.09.15 को 11.00 बजे पूर्वा0 में सदर अस्पताल, दुमका जो कि अब 300 शैय्या वाले नये भवन में संचालित किया जा रहा है का औचक निरीक्षण के क्रम में कही। उपायुक्त द्वारा नये भवन में संचालित सभी कार्यों को जायजा लिया गया। निरीक्षण के क्रम में पाया गया कि दंत चिकित्सक अभी तक अपने कक्ष में नहीं पहुँचे थे। अस्पताल अधीक्षक द्वारा बताया गया कि अस्पताल में दो दंत चिकित्सक पदस्थापित हैं। जिसमें से 1 चिकित्सक अवकाष पर हैं एक अन्य चिकित्सक श्री षुभ नारायण अवकाष के संबंध में कोई सूचना नहीं दी है। निरीक्षण के क्रम में दंात का इलाज हेतु कई मरीज पहुँचे हुए थे। उपायुक्त द्वारा अस्पताल अधीक्षक को उक्त दंत चिकित्सक को अविलंब फोन पर सम्पर्क कर अस्पताल बुलाने का आदेष दिया गया। लगभग आधे घंटे बाद दंत चिकित्सक डाॅ0 शुभ नारायण उपलब्ध हुए। उनके द्वारा बताया गया कि वे केन्द्रीय कारा से बंदी मरीजों को देख कर आ रहे हैं। इनके मुँह से शराब की बदबू आ रही थी एवं वे ठीक से खड़े नहीं हो पा रहे थे इनका पहनावा भी चिकित्सक की भांति नहीं लग रहा था। उपायुक्त द्वारा दंत चिकित्सक को कड़ी फटकार लगाते हुए सिविल सर्जन को इनका ब्लड सैंपल लेकर अल्कोहल की जांच करते हुए सूचित करने का आदेष दिया गया। साथ ही विलंब से आने एवं अल्कोहल की मात्रा पाये जाने की स्थिति में कड़ा स्पष्टीकरण पूछने का आदेष दिया गया।
उपायुक्त ने निरीक्षण के क्रम में चिकित्सकों का रोस्टर ड्यूटी की सूचना कहीं भी नहीं पाया। जिससे आम जनों को जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाती कि किस समय कौन से चिकित्सक उपलब्ध हैं। उपायुक्त द्वारा प्रत्येक चिकित्सक कक्षों में चिकित्सकों की ड्युटी चार्ट लगाने का निदेष दिया गया। निरीक्षण के क्रम में देखा गया कि कुर्सियों के अभाव में इलाज कराने आये मरीजों एवं उनके संबंधी अस्पताल भवन में इधर उधर घुम रहे हैं एवं भवन के अन्दर पर्याप्त रोषनी भी नहीं पायी गई। उपायुक्त द्वारा सिविल सर्जन, दुमका को पर्याप्त मात्रा में डी0जी0एस0एण्डडी0 दर पर कुर्सी क्रय करते हुए हाॅल के चारो ओर सुव्यवस्थित ढंग से लगवाने का निर्देष दिया गया तथा सभी वार्डों/हाॅल में रोषनी हेतु सी0एफ0एल0 बल्ब लगाने का निदेष दिया गया। 
जाँच घर का निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने पैथोलाॅजी के तकनीषियनों को आदेष दिया कि एम0ओ0यू0 द्वारा निर्धारित दर की एक प्रति कक्ष के बाहर भी चिपका दें। उपायुक्त द्वारा यह भी निदेष दिया गया कि बाहर के चिकित्सकों के प्रिस्केप्षन के आधार पर भी यहाँ आम जनों को जाँच कराने हेतु सुविधा उपलब्ध कराया जाय।  
उपायुक्त द्वारा आॅपरेषन थिएटर का निरीक्षण के क्रम में पाया गया कि सभी उपस्कर/मषीनें पुरानें भवन से ही लाये गये थे। सविल सर्जन द्वारा बताया गया कि पर्याप्त रोषनी एवं मानिटर लगाने हेतु बिजली का प्वाॅइंट नहीं रहने के कारण नये भवन में आॅपरेषन चालू नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में अधिकांष मरीजों को आॅपरेषन हेतु नजदीकी अस्पताल सिउड़ी रेफर कर दिया जाता है। उपायुक्त द्वारा सिविल सर्जन दुमका को एक सप्ताह के अन्दर उपरोक्त व्यवस्था कराते हुए आॅपरेषन थिएटर चालू कराने का निर्देष दिया गया। साथ ही सिविल सर्जन को निदेष दिया गया कि वे सिउड़ी सदर अस्पताल से भी समन्वय रखें एवं इस जिला से रेफर मरीजों को यथासंभव सरकारी सहायता प्रदान करने हेतु आवष्यक कार्रवाई करें।
निरीक्षण के क्रम में ग्रेड-1 नर्सों द्वारा बताया गया कि अस्पताल में मात्र 18 नर्सें हैं जिससे कार्य करने में काफी कठिनाई हो रही है। उपायुक्त द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था के तहत तत्काल अन्य स्थानों से ए0एन0एम0 की प्रतिनियुक्त करने का ओदष दिया गया जहां स्वीकृत बल से अधिक ए0एन0एम0 कार्यरत हैं। साथ ही जिन ए0एन0एम0 द्वारा योगदान नहीं दिया गया है उनके स्थान पर प्रतीक्षा सूची से नियुक्ति कर सभी रिक्त पदों को भरने का निदेष सिविल सर्जन, दुमका को दिया गया। 
निरीक्षण के क्रम में देखा गया कि नेत्र अस्पताल अभी भी पुराने भवन में ही चल रहा है। जबकि नये भवन में पर्याप्त जगह उपलब्ध है एवं पुराना अस्पताल काफी जर्जर हो चुका है। ऐसी स्थिति में उपायुक्त द्वारा नेत्र अस्पताल को अविलंब नये भवन में ही सिफ्ट करने का निदेष दिया गया।













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