Thursday 19 September 2019

दिनांक-19 सितम्बर 2019
प्रेस विज्ञप्ति संख्या-1577

बांस कारीगर मेला के समापन समारोह में मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा...

आउटडोर स्टेडियम दुमका में आयोजित दो दिवसीय बांस कारीगर मेला के समापन समारोह के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड वनों से भरा प्रदेश है। झारखंड के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 33% वन है। यहां के युवाओं महिलाओं को हुनरमंद बनाकर हम वन से उत्पादित प्रोडक्ट को वैल्यू एडेड कर उनके आय को बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने बांस कारीगर मेला का आयोजन कर इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को लाभ पहुंचाने का कार्य किया है। इस मेला के आयोजन का मुख्य उद्देश्य संथाल परगना के साथ साथ झारखंड के बांस कारीगरों को नई नई तकनीक के बारे में जानकारी उपलब्ध कराना है ताकि वे नई नई तकनीक का उपयोग कर बेहतर उत्पाद का निर्माण कर सके,जिसकी मांग पूरे विश्व में हो। पूरी दुनिया तेजी से तकनीक ज्ञान और विज्ञान के माध्यम से बढ़ रहा है। झारखंड किसी भी परिस्थिति में पीछे नहीं रहे। यहां के भी बांस कारीगर नई-नई तकनीक को जाने तथा उसका उपयोग करें। निश्चित रूप से आने वाले दिनों में झारखंड दुनिया के सामने आर्थिक रुप से सुपर पावर के रूप में जाना जाएगा। राज्य सरकार ने सभी क्षेत्रों में कई कार्य किए हैं। विकास की नई लकीर खींचने का कार्य सरकार ने किया है। सरकार तेजी से विकास करने में विश्वास रखती है। पिछले 14 वर्षों में राजनीतिक अस्थिरता के कारण विकास हम पीछे रहे हैं उसे जल्द से जल्द पूरा करना है। झारखंड अपार संभावनाओं से भरा प्रदेश है। कुटीर उद्योग,लघु उद्योग, ग्राम उद्योग अर्थव्यवस्था की रीढ़ होती है। सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुधारने का कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड के माध्यम से छोटे छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड की महिला शक्ति की ताकत को अंग्रेजों ने भी देख लिया था। फूलो झानो जैसी वीरांगना ने अंग्रेजों को यहाँ की महिलाओं की ताकत का एहसास पहले ही करा दिया था। राज्य सरकार ने महिलाओं की ताकत को पहचानने का कार्य किया है। सरकार ने महिला शक्ति को सम्मान देने का कार्य किया है।महिलाओं के हाथ में हुनर देकर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने का कार्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि झारखंड के बांस से बनी सामग्री पूरी दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाए।बइस दिशा में हमें कार्य करने की जरूरत है। मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में देश ही नहीं विदेशों के बाजार में भी झारखंड की महिलाओं,यहां के युवाओं द्वारा बनाए गए बांस की सामग्री दिखाई देगी। सरकार महिलाओं तथा युवाओं के भीतर छुपी कला को निखार कर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि मुझे यह सुनकर खुशी है कि झारखंड में निर्मित बांस के सामग्री की क्वालिटी पूरे देश में सबसे अच्छी है। अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग कर सबसे बेहतरीन प्रोडक्ट का निर्माण करें ताकि सबकी पसंद झारखंड के बांस से बनी सामग्री बने। गरीबों को रोजगार उपलब्ध कराना सरकार का संकल्प है और इस दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री का सपना है कि 2022 तक हर गरीब किसान की आय को दोगुना किया जाए। माननीय प्रधानमंत्री की सोच को साकार करने में हम समर्थ होंगे। उन्होंने कहा कि वन विभाग तथा उद्योग विभाग द्वारा 20 करोड़ बांस के पौधे किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे। 5 साल का डेवलपमेंट प्लान तैयार किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि संथाल परगना में अंतरराष्ट्रीय स्तरीय इंटीग्रेटेड बंबू पार्क की स्थापना की जाएगी ताकि अंतरराष्ट्रीय मानकों के सामग्री का उत्पादन हो सके। आने वाले दिनों में बांस से निर्मित सामग्रियों के क्षेत्र में हम चीन,वियतनाम की बराबरी कर सकेंगे। 1 महीने के अंदर सरकार द्वारा 10 बांस कारीगरों को वियतनाम और चीन भेजा जाएगा ताकि वे उन्नत तकनीक सीखकर यहां के बांस कारीगरों को भी नए-नए तकनीक से अवगत कराएं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कई ऐसे कार्य करने जा रही है जिससे संथाल परगना के बांस कारीगरों के साथ-साथ पूरे झारखंड के बांस कारीगरों को एक नई पहचान मिलेगी। उन्होंने निवेशकों से कहा कि सरकार उद्योग स्थापित करने में हर तरह की करेगी। आईये सरकार आपका स्वागत करती है।आपके द्वारा लगाए उद्योग में रोजगार पाने वाले झारखंड की महिलाओं युवाओं को प्रशिक्षण देने का खर्च भी सरकार वहन करेगी। 
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि समृद्धि राज्य में पल रही गरीबी को खत्म करना सरकार का संकल्प है। सबके बच्चे अच्छे विद्यालय में पढ़ाई करें,सभी बेहतर जीवन यापन करें यह सरकार की सोच है। समाज के अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान लाना है,और इस दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है। एक नई सोच के साथ कार्य करने की जरूरत है। निश्चित रूप से हम झारखंड को एक नई ऊंचाई पर ले जाने में सफल होंगे।


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