Thursday 19 September 2019

दिनांक-19 सितम्बर 2019
प्रेस विज्ञप्ति संख्या-1576

दुमका जिला के जामा प्रखंड में स्थित ईयसएएफ कारखाना का माननीय मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा भ्रमण किया गया। उन्होंने ईयसएएफ कारखाना में बन रहे बांस के उत्पादों का अवलोकन किया। वहां पर कार्यरत बांस कारीगरों से उन्होंने बातचीत की साथ ही उनसे बांस से बन रहे उत्पादों के बारे में पूछा। बांस कारीगरों ने बताया कि बांस के उत्पादों की बिक्री उनके लिए आय का स्रोत बना है, और तकनीकी उपकरणों से कार्य करने में आसानी हो रही है। मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि आने वाले दिनों में बांस के उत्पादों का भरपूर उपयोग पूरे देश विदेश में किया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने संताल परगना क्षेत्र में बने दो बांस के कारखाना का शिलान्यास किया। संताल परगना क्षेत्र में बांस के कुल 9 कारखाने बनाने का कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों की आय को दोगुनी करना हमारी प्राथमिकता है। इससे अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। बांस के उद्योग में कई संभावनाएं हैं इसलिए हमारी कोशिश यही रहनी चाहिए की बांस की उत्पाद को बढ़ाये। बांस के उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए कार्य किया जा रहा है। झारखंड राज्य में बांस सबसे अधिक मात्रा में उपलब्ध है। आज के दिन इस यूनिट से बांस के कारीगरों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह कार्य राज्य में रोजगार के साथ-साथ विकास का एक बेहतर माध्यम है। झारखंड के महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए एक बेहतर मौका है। महिलाओं को अब किसी के ऊपर निर्भर रहने की कोई जरूरत नहीं है। वह अपनी आय को बढ़ा सकती है। बांस कारीगर की संख्या संताल परगना में अधिक है। इसलिए यहां की महिलाओं की आय में वृद्धि लाने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि इस कारखाना से बनने वाले बांस के उत्पादों को विदेश में एक्सपोर्ट किया जाता है। यह हमारे लिए गर्व की बात है। झारखंड की महिलाएं सशक्त एवं मेहनती हैं। चाहे वो कृषि के क्षेत्र में हो या पशुपालन उद्योग में हो। अगर कृषि के क्षेत्र में देखें तो बुवाई का भी काम हमारी महिलाएं करती है, और कटाई का भी काम महिलाएं करती है। पशुपालन क्षेत्र में देखें तो महिलाएं ही सारा काम करती है। झारखंड की आदिवासी महिला सिर्फ मुर्गी पालन के लिए नहीं है, बल्कि हर क्षेत्र में आगे हैं। 

दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है। झारखंड में जो हमारे हस्तशिल्पकार हैं। उनके कन कन में कला है, और इस कला को दुनिया के अनुसार थोड़ा और हुनर दे तो हमारे झारखंड के कारीगरों द्वारा बनाए गए उत्पादों को विदेशी बाजार में उतरेगा। इसके लिए राज्य सरकार एवं उद्योग विभाग मिलकर काम कर रहे हैं। संताल परगना में महिलाओं को बांस के उपकरण एवं तकनीक देकर यहाँ के लोगो के लिए जो मदद की है। उसके लिए मुख्यमंत्री रघुवर दास जी ने धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि संताल परगना की गरीबी को, बांस के उत्पादों की बिक्री कर यहाँ के लोग अपने आप को खुद की मेहनत से गरीबी रेखा से बाहर निकालेंगे। उद्योग विभाग ने संताल परगना के लोगों के लिए बांस कारीगरी के अवसर प्रदान कर रही है। इससे यहां के लोगों की आय में वृद्धि करने का मौका मिला है।






No comments:

Post a Comment