दिनांक- 15 अगस्त 2021
प्रेस विज्ञप्ति संख्या-981
75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर श्री रमेश बैस माननीय राज्यपाल, झारखण्ड का अभिभाषण
प्यारे भाइयों, बहनों एवं बच्चों,
जोहार !
झारखण्ड की उप राजधानी, दुमका से मैं, समस्त देशवासियों एवं झारखण्डवासियों को 75वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ देता हूँ।
2. झारखण्ड की माटी ऐसे अनेक वीर सपूतों की जननी रही है, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति दी है। मुझे अपार हर्ष हो रहा है कि भगवान बिरसा मुण्डा, वीर सिद्धो-कान्हू जैसे अनेक वीर सपूतों के बलिदानों से सिंचित इस भूमि पर राष्ट्रीय पर्व के पावन अवसर पर मुझे आप सभी के बीच उपस्थित होने का अवसर प्राप्त हुआ है। इस अवसर पर झारखण्ड की बलिदानी भूमि से राष्ट्रीय झण्डे को सलामी देने पर मुझे गर्व का अनुभव हो रहा है।
3. राष्ट्रीय पर्व की इस पावन बेला में मैं, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, डॉ राजेंद्र प्रसाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभ भाई पटेल के साथ-साथ झारखंड के महान सपूतों भगवान बिरसा मुण्डा, अमर शहीद सिद्धो-कान्हू, शेख भिखारी, नीलाम्बर-पीताम्बर सहित उन तमाम देशभक्तों के प्रति अपनी सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ, जिन्होंने देश की आजादी की लड़ाई में अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। एक स्वतंत्र, समतामूलक एवं समृद्ध भारत के सपने को पूरा करने के लिए अनेक वीर सपूतों ने अपनी शहादत दी है। उन महान विभूतियों की संघर्ष गाथा एवं शहादत सदैव हमारे लिये प्रेरणा के स्रोत रहेंगे।
4. इस अवसर पर मैं देश की एकता एवं अखंडता की रक्षा करने में शहीद हुए सैनिकों के प्रति भी श्रद्धा-सुमन अर्पित करता हूँ तथा उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ।
5. प्यारे राज्यवासियों, आज़ादी के बाद हमारे देश ने सभी क्षेत्रों में तरक्की की है। विश्व के मानचित्र पर आज हम एक सफल लोकतान्त्रिक देश के रूप में अपनी पहचान स्थापित करने में सफल हुए हैं। इस विकास यात्रा में हमने कई उतार-चढ़ाव भी देखे हैं, परन्तु देश के विकास के मार्ग में आनेवाली हर बाधा, हर मुश्किल का हमने मिल-जुल कर सामना किया है।
6. हम सब जानते हैं कि इस समय पूरा विश्व कोरोना महामारी की चुनौतियों से जूझ रहा है। हमारा देश व राज्य भी इससे अछूता नहीं है। राहत की बात यह है कि राज्यवासियों के सहयोग एवं जागरूकता तथा सरकार द्वारा इस महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों से निबटने हेतु किये गये सुरक्षा उपायों की बदौलत हम इसे काफी हद तक नियंत्रित करने में सफल हुए हैं। राज्य में टीकाकरण का कार्य भी तीव्र गति से जारी है, परन्तु हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि कोरोना महामारी का खतरा अभी टला नहीं है, थोड़ी सी लापरवाही भी हमें मुश्किल में डाल सकती है। राज्यवासियों से मेरी अपील है कि इस महामारी से संबंधित सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का हम सब पालन करें।
7. झारखण्ड की भूमि अतुल्य प्राकृतिक सौंदर्य एवं बहुमूल्य खनिज संसाधनों से परिपूर्ण है। प्रकृति ने झारखण्ड को सजाने-सँवारने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। राज्य में विकास की अपार संभावनायें हैं। संभावनाओं से परिपूर्ण इस राज्य को आगे बढ़ाने की जिम्मेवारी हम सबकी है। हमारी सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है। लोक-कल्याणकारी, संवेदनशील, पारदर्शी व बेहतर प्रशासन की स्थापना, समावेशी विकास तथा विकास में जनता की सहभागिता सुनिश्चित करने के लक्ष्य को लेकर सरकार आगे बढ़ रही है।
8. कोरोना महामारी की चुनौतियों के बीच राज्य में विकास की गति बाधित न हो, इसके लिए भी हमारी सरकार प्रयासरत है। झारखण्ड की अर्थव्यवस्था में उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका है। राज्य में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने तथा निवेश को आकर्षित करने एवं स्थापित औद्योगिक इकाईयों को प्रोत्साहित करने हेतु नई झारखण्ड औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति-2021 को लागू किया गया है। इससे निजी क्षेत्र में राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध हो सकेंगे।
9. हमारी सरकार द्वारा लघु एवं कुटीर उद्योगों का विकास कर राज्य की अर्थव्यस्था को मजबूत करने का कार्य किया जा रहा है। झारखण्ड रेशम उत्पादन में देश का प्रमुख एवं अग्रणी राज्य है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में झारखण्ड में कुल 2185 मीट्रिक टन कचे रेशम का उत्पादन हुआ है। इसमें संथाल परगना क्षेत्र विशेष कर दुमका का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। दुमका क्षेत्र में इस वर्ष लगभग 900 मीट्रिक टन कचे रेशम का उत्पादन अनुमानित है। टसर उत्पादन में गुणात्मक एवं संख्यात्मक वृद्धि के उद्देश्य से सरकार द्वारा रेशम उत्पादकों को उन्नत कीटपालन तकनीक का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मेगा हैण्डलूम कलस्टर के द्वारा दुमका के बुनकरों को लाभान्वित किया जा रहा है।
10. संथाल परगना क्षेत्र में पारम्परिक रूप से बाँस शिल्प का हुनर पाया जाता है। बाँस शिल्प कला का विकास कर इसे राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए "मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड" द्वारा पूरे राज्य से 10,336 लाभुकों का चयन कर उन्हें बाजार आधारित बाँस शिल्प में 30 दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
11. राज्य सरकार द्वारा नियुक्ति की प्रक्रिया को गति प्रदान करने हेतु विभिन्न नियुक्ति नियमावलियों एवं परीक्षा संचालन नियमावलियों के गठन/संशोधन की कार्रवाई प्राथमिकता के साथ की गयी है। परीक्षा संचालन नियमावली के अन्तर्गत अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता के रूप में अभ्यर्थियों का मैट्रिक/10वीं कक्षा तथा इंटरमीडिएट/10+2 कक्षा झारखण्ड राज्य अवस्थित मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान से उत्तीर्ण होना एवं अभ्यर्थियों को स्थानीय रीति-रिवाज, भाषा एवं परिवेश का ज्ञान होना अनिवार्य किया गया है। इससे झारखण्ड राज्य की शिक्षा प्रणाली को गति मिलेगी। झारखण्ड राज्य की आरक्षण नीति से आच्छादित अभ्यर्थियों के मामले में उपरोक्त प्रावधान को शिथिल किया गया है ताकि राज्य के आरक्षण नीति से आच्छादित छात्रों के हितों की रक्षा हो सके।
12. राज्य के विकास में सभी वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के अन्तर्गत झारखण्ड राज्य आदिवासी सहकारी विकास निगम, झारखण्ड राज्य अनुसूचित जाति सहकारिता विकास निगम, झारखण्ड राज्य अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम तथा झारखण्ड राज्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक वर्ग, पिछड़ा वर्ग के युवाओं को स्वरोजगार शुरू करने हेतु सुगम एवं सस्ते दर पर ऋण एवं ऋण पर अनुदान का लाभ दिया जा रहा है। इस योजना के अन्तर्गत लाभुकों को अधिकतम 25 लाख रुपये का ऋण दिये जाने का प्रावधान है, जिसमें ऋण अनुदान 40 प्रतिशत की दर से या अधिकतम 5 लाख रुपये, दोनों में से जो कम राशि हो, लाभुकों को दिया जायेगा।
13. झारखण्ड की अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान है। कृषि ऋण के बोझ से दबे राज्य के छोटे एवं सीमान्त किसानों को उनके अल्पकालीन फसल ऋण माफी के लिए झारखण्ड राज्य कृषि ऋण माफी योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस योजना अन्तर्गत अब तक कुल 750 करोड़ रुपये की राशि 1,82,561 (एक लाख बयासी हजार पांच सौ एकसठ) कृषकों के ऋण खाते में अंतरित की गई।
14. इस वर्ष नई योजना के रूप में समेकित बिरसा ग्राम विकास योजना-सह-कृषक पाठशाला की शुरूआत की जा रही है। प्रत्येक जिले में एक कृषि प्रक्षेत्र को समेकित रूप से कृषि के विभिन्न आयामों जैसे-उन्नत कृषि तकनीक, उद्यानिक फसलों की बेमौसमी खेती, पशुपालन, मत्स्य पालन, सिंचाई की उन्नत व्यवस्था विकसित करते हुए कृषक पाठशाला की स्थापना की जाएगी। उक्त कृषक पाठशाला में स्थानीय कृषकों की क्षमता का विकास करते हुए उन्हें कृषि क्षेत्र, पशुपालन क्षेत्र, मत्स्यपालन, सूकरपालन इत्यादि में दक्ष एवं रोजगारोन्मुखी बनाकर उनकी आय में बढ़ोतरी की जायेगी।
15. कृषि उत्पादों के बेहतर भण्डारण एवं विपणन के उद्देश्य से झारखण्ड के विभिन्न जिलों में 5000 मीट्रिक टन क्षमता के मॉडल शीतगृह का निर्माण किया जा रहा है।
16. मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना अन्तर्गत पशुपालन के द्वारा राज्य के किसानों को स्वावलंबी बनाने का प्रयास किया जा रहा है। ग्रामीण किसान एवं खेतिहर मजदूर भाइयों को अनुदान पर पशुधन उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही पशुपालन के लिए शेड निर्माण हेतु भी अनुदान दी जा रही है। इसके अन्तर्गत राज्य के 62 हजार किसानों को कुल 147 करोड़ रूपये अनुदान के रूप में उपलब्ध कराया जायेगा।
17. हमारी सरकार द्वारा मनरेगा एवं अन्य योजनाओं के अभिसरण के माध्यम से विगत वर्ष राज्य में चार महत्वपूर्ण योजनाओं यथा- बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना, वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना तथा दीदी बाड़ी योजना का शुभारम्भ किया गया था। उक्त सभी योजनायें सफलतापूर्वक क्रियान्वित की जा रही है। बिरसा हरित ग्राम योजना के अन्तर्गत लगभग 21 हजार एकड़ भूमि में फलदार वृक्ष लगाये जा रहे हैं। नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना के तहत् राज्य में जलछाजन सिद्धांत को अपनाते हुए लगभग 30,000 हेक्टेयर भूमि का उपचार किया गया है। वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना के तहत् 97 खेल मैदानों के निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा 1717 खेल के मैदान का निर्माण कार्य प्रगति पर है। राज्य की लगभग 02 लाख महिलाओं को दीदी बाड़ी योजना से लाभान्वित किया जा रहा है।
18. शहरी क्षेत्र में श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु मुख्यमंत्री श्रमिक योजना क्रियान्वित की जा रही है। इस योजना के अन्तर्गत अब तक 15,442 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है तथा कुल 1,13,088 (एक लाख तेरह हजार अठासी) मानव दिवस सृजित किए जा चुके हैं।
19. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत राज्य के 24 जिलों के 263 प्रखण्डों के 27,586 (सत्ताईस हजार पांच सौ छियासी) गाँवों में करीब 2,61,239 (दो लाख एकसठ हजार दो सौ उन्चालीस) सखी मंडलों का गठन किया जा चुका है। झारखण्ड के करीब 32 लाख से ज्यादा परिवारों को सखी मंडल में जोड़ा जा चुका है। आजीविका सशक्तिकरण के तहत करीब 17 लाख परिवारों को कृषि आधारित आजीविका एवं करीब 3 लाख परिवारों को पशुपालन से जोड़ा गया है। फुलो-झानो आशीर्वाद अभियान के अंतर्गत राज्य की करीब 13,300 महिलाओं को हड़िया-दारू निर्माण एवं बिक्री के कार्य से मुक्त कराकर आजीविका के विभिन्न साधनों से जोड़ा गया है।
20. राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अन्तर्गत क्रियान्वित शेल्टर फॉर अर्बन होमलेस योजना के तहत् कामकाजी एवं अन्य शहरी बेघरों के लिए राज्य के 45 नगर निकायों में कुल 95 आश्रयगृह संचालित हैं। दुमका प्रक्षेत्र में 19 आश्रयगृह संचालित हैं। शहरी गरीब महिलाओं को स्वयं सहायता समूह से जोड़ते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। दुमका प्रक्षेत्र में 1,786 स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया है एवं कुल 1.32 करोड़ रुपये की राशि चक्रीय निधि के रूप में प्रदान की गई है। कौशल प्रशिक्षण के अन्तर्गत कुल 93,157 शहरी-गरीबों/SHG के सदस्यों को विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षित किया गया है। दुमका प्रक्षेत्र में कुल 13,821 शहरी गरीबों/SHG के सदस्यों को विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षित किया गया है एवं 5,597 लाभुकों को रोजगार/स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराये गये हैं।
21. शिक्षा एवं स्वास्थ्य हमारी मूलभूत आवश्यकता है। शिक्षा के विकास हेतु सरकार द्वारा हर स्तर पर प्रयास जारी है। शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने तथा राज्य में शिक्षा-व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु राज्य सरकार द्वारा 80 उत्कृष्ट विद्यालय (स्कूल ऑफ एक्सीलेंस) तथा 325 प्रखण्ड स्तरीय लीडर स्कूल के साथ-साथ 4091 पंचायत स्तरीय आदर्श विद्यालय की परिकल्पना की गयी है। प्रथम फेज में लगभग 290 करोड़ की लागत से जिला स्तर पर संचालित 80 विद्यालयों को स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने हेतु कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
22. राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षा के उन्नयन हेतु 974 विद्यालयों में कम्प्यूटर शिक्षा की व्यवस्था उपलब्ध कराने हेतु आई.सी.टी. लैब स्थापित किया गया है। इसमें से 203 विद्यालय संथाल परगना प्रमण्डल के अन्तर्गत है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में 1972 विद्यालयों में आई.सी.टी. लैब स्थापित करने की योजना है, जिसमें 530 विद्यालय संथाल परगना प्रमण्डल के अन्तर्गत है। इसके अतिरिक्त राज्य के 388 विद्यालयों में व्यवसायिक शिक्षा प्रारंभ किया गया है। संथाल परगना प्रमण्डल में 86 विद्यालयों में व्यवसायिक शिक्षा संचालित की जा रही है।
23. विगत वर्ष हमारी सरकार द्वारा मुख्यमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना की शुरूआत की गई, जिसके तहत् ऐसे छात्र/छात्राओं जिन्हें किसी भी स्तर से किसी प्रकार की छात्रवृत्ति का लाभ नहीं मिल पाता है, उन्हें छात्रवृत्ति का लाभ प्रदान किया जा सकेगा। वर्तमान वित्तीय वर्ष में इसके लिए 10 करोड़ रूपये का भुगतान किया जाना है जिससे कुल 1,28,292 (एक लाख अठाईस हजार दो सौ बानवे) विद्यार्थी लाभान्वित होंगे।
24. इसके अतिरिक्त अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अन्तर्गत संचालित प्री-मैट्रिक एवं पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृति योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्री-मैट्रिक छात्रवृति योजना के तहत् 16,33,541 (सोलह लाख तैंतीस हजार पांच सौ एकतालीस) छात्र/छात्राओं को कुल 194 करोड़ रूपये तथा पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृति योजना के तहत् 2,93,389 (दो लाख तिरानवे हजार तीन सौ नवासी) छात्र-छात्राओं को कुल 234 करोड़ का भुगतान किया गया है।
25. उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा किये गये प्रयासों के फलस्वरूप वर्तमान में सकल नामांकन अनुपात बढ़कर 20.9 हो गया है। सकल नामांकन अनुपात दर में वृद्धि के उद्देश्य से 'झारखण्ड खुला विश्वविद्यालय' एवं 'झारखण्ड जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना की कार्रवाई की जा रही है।
26. कोविड-19 संक्रमण को रोकने तथा संभावित तीसरी लहर से बचाव एवं रोकथाम हेतु सतत् निगरानी एवं सघन जाँच की जा रही है। इसके लिए टेस्ट, ट्रैक, आइसोलेट, ट्रीट तथा वैक्सीनेट की रणनीति अपनायी गई है। पी. एम. केयर्स फण्ड द्वारा झारखण्ड राज्य में कुल 38 पी०एस०ए० प्लांट एवं राज्य के अन्य स्रोतों से 34 पी.एस.ए. प्लांट अर्थात् कुल 72 पी०एस०ए० प्लांट अधिष्ठापन का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर में कम आयु वर्ग बच्चों के संक्रमित होने की आशंका को ध्यान में रखकर समुचित तैयारी की जा रही है।
27. झारखण्ड में स्वास्थ्य व्यवस्था सुदृढ़ करने हेतु पलामू, दुमका एवं हजारीबाग में मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा इन नव-निर्मित मेडिकल कॉलेजों के लिए 500 बेड अस्पताल का निर्माण कार्य प्रगति पर है। कोडरमा एवं चाईबासा में मेडिकल कॉलेज का निर्माण एवं सदर अस्पताल का उन्नयन कार्य प्रगति पर है। सदर अस्पताल, राँची में 200 बेड मातृ एवं शिशु सेवा केन्द्र तथा अन्य 300 बेड वाले वार्ड ब्लॉक का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है एवं अस्पताल का परिचालन प्रारम्भ हो चुका है।
28. जिला स्तर पर प्रशासनिक आधारभूत संरचना के उन्नयन हेतु गिरिडीह में 37 करोड़ रूपये की लागत से नये समाहरणालय भवन का निर्माण कार्य कराया जा रहा है जो पूर्ण होने वाला है। धनबाद में 33.94 करोड़ रूपये एवं गोड्डा में 38.35 करोड़ रूपये की लागत से नये समाहरणालय भवन का निर्माण कार्य प्रगति पर है। गढ़वा में 54 करोड़ रूपये की लागत से नये समाहरणालय भवन के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है। गुमला, सरायकेला-खरसावाँ में अनुमण्डलीय कार्यालय भवन का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
29. राज्य के आर्थिक, सामाजिक, औद्यौगिक एवं पर्यटन के विकास हेतु उन्नत यातायात व्यवस्था का होना जरूरी है। राज्य में आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने के लिए लगभग 2000 किलोमीटर सड़क के उन्नयन की कार्रवाई की जा रही है। इसके अन्तर्गत अंतर जिला मार्ग एवं विभिन्न जिलों के महत्वपूर्ण मार्गों को शामिल किया गया है। झारखण्ड को उड़ीसा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, बिहार एवं पश्चिम बंगाल से जोड़ने वाले महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उच्च मार्गों को भारत सरकार के माध्यम से चार लेनिंग का कार्य कराया जाना प्रस्तावित है।
30. संथाल परगना क्षेत्र में सड़कों का नेटवर्क स्थापित करने हेतु कार्रवाई की जा रही है। इस क्रम में गोविन्दपुर से साहेबगंज मार्ग को इन्डस्ट्रियल कोरीडोर के रूप में विकसित करने की योजना है। इसके अन्तर्गत पाकुड़ तथा दुमका जिला अन्तर्गत महत्वपूर्ण मार्ग के निर्माण की स्वीकृति दी गई है।
31. ग्रामीण क्षेत्रों के बेहतर सड़क सम्पर्क हेतु इस वित्तीय वर्ष में राज्य संपोषित योजना के अंतर्गत 420 ग्रामीण सड़कों के कुल 2,031 किलोमीटर सड़क का निर्माण कार्य किया जा रहा है जिसमें 220 किलोमीटर का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत 592 ग्रामीण सड़क के कुल 1,632 किलोमीटर सड़क का निर्माण कार्य किया जा रहा है जिसमें 256 किलोमीटर का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। संथाल परगना प्रमण्डल में राज्य संपोषित योजना के अंतर्गत कुल 86 ग्रामीण सड़कों के 545 किलोमीटर तथा प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत 50 मार्गों के 278 किलोमीटर मार्गों के निर्माण का कार्य किया जा रहा है।
32. झारखण्ड को बिजली अधिशेष राज्य बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। पतरातू में 2400 मेगावाट और NTPC उत्तरी कर्णपुरा में 1980 मेगावाट के विद्युत उत्पादन केंद्र स्थापित किये गये हैं। ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं पर वित्तीय बोझ को कम करने के लिए बकाया राशि के ब्याज को माफ करने हेतु एकमुश्त समझौता योजना की शुरूआत की गई है। स्वच्छ एवं नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए रांची के गेतलसूद बांध में 100 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट लगाया जा रहा है। राज्य के 453 गाँव में बिजली पहुँचाने के लिए 5.1 मेगावाट क्षमता वाला स्टैंडअलोन सोलर ग्रिड स्थापित किया गया है। गिरिडीह को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने की कार्रवाई की जा रही है।
33. हर घर को स्वच्छ जल उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। जल जीवन मिशन के तहत् राज्य के 59 लाख ग्रामीण परिवारों को कार्यरत नल के द्वारा शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य है, जिसके विरूद्ध अबतक 8 लाख ग्रामीण परिवारों को कार्यरत नल के द्वारा शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया गया है। इस वर्ष लगभग 16 लाख ग्रामीण परिवारों को पाईप द्वारा शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु कार्रवाई की जा रही है।
34. खेल के क्षेत्र में झारखण्ड राज्य की एक अलग पहचान रही है। झारखण्ड में खेल प्रतिभाओं को निखारने हेतु नई खेल नीति, 2020 का गठन किया गया है। साथ ही सरकार की ओर से खिलाड़ियों को समुचित सहयोग प्रदान करने हेतु राज्य गठन के बाद पहली बार राज्य में जिला क्रीड़ा पदाधिकारियों की नियुक्ति की गई है। खेल प्रतिभाओं को उचित सम्मान देते हुए हमारी सरकार ने " झारखण्ड खिलाड़ी सीधी नियुक्ति नियमावली" के तहत् अन्तर्राष्ट्रीय/राष्ट्रीय स्तर पर 39 पदक विजेता खिलाड़ियों का चयन कर विभिन्न विभागों में खेल कोटा के अन्तर्गत नियुक्त किया गया है।
35. पिछले दिनों टोक्यो ओलम्पिक में भारतीय महिला हॉकी टीम ने जिसमें झारखण्ड की दो बेटियाँ शामिल थी, सेमीफाइनल में पहुँचकर इतिहास रचा और यह साबित कर दिया कि वे दुनिया की बेहतर से बेहतर टीम को हराने की क्षमता रखती हैं। झारखण्ड की बेटियों सलीमा टेटे एवं निक्की प्रधान के बेहतर प्रदर्शन को सम्मान देते हुए भारतीय महिला हॉकी टीम में शामिल इन दोनों खिलाड़ियों को 50-50 लाख रूपये की नगद राशि का भुगतान किया गया है।
36. राज्य में अधिकाधिक वृद्धजनों को सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने हेतु राज्य सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री राज्य वृद्धावस्था पेंशन योजना के अन्तर्गत निर्धारित लक्ष्य 3.50 लाख को बढ़ाकर 7.00 लाख कर दिया है तथा वर्तमान में इस योजना से लगभग 5.50 लाख वृद्धजन लाभान्वित हो रहे हैं। बेसहारा बुजुर्गों के आश्रय हेतु वृद्धाश्रम राष्ट्रीय हेल्पलाईन नं.-14567 संचालित किया जा रहा है।
37. राज्य में कुपोषण उन्मूलन हेतु राज्य सरकार प्रयासरत है। हमारी सरकार राज्य के 38432 आँगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से कोरोना काल में भी घर-घर जाकर बच्चों, गर्भवती महिलाओं तथा धातृ माताओं को गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक आहार उपलब्ध करा रही है। कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर में बच्चों के भी प्रभावित होने की आशंका है। ऐसे में बच्चों को बेहतर पोषण उपलब्ध कराने का प्रयास भी किया जा रहा है। राज्य सरकार ने सभी आँगनबाड़ी केन्द्रों को पूरक पोषाहार निर्माण हेतु एल.पी.जी. की सुविधा प्रदान की है।
38. विकास का लाभ राज्य के सभी वर्गों, विशेष कर वंचित वर्गों तक पहुंचे, सरकार इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है। जनता की सहभागिता एवं रचनात्मक सहयोग से राज्य के समक्ष आने वाली चुनौतियों का सामना करने में सरकार सक्षम होगी, ऐसा मेरा विश्वास है।
39. राष्ट्रीय पर्व के इस पावन अवसर पर अंत में मैं, कहना चाहूँगा कि झारखण्ड की खुशहाली के लिए, यहाँ के लोगों के कल्याण के लिए तथा राज्य को एक विकसित राज्य बनाने के लिए हमें एकजुट होकर सचे मन से प्रयास करने का संकल्प लेना होगा। राज्यहित में हमें अपने सामाजिक-राजनीतिक मतभेद भुलाकर झारखण्ड के विकास के लिए एक बेहतर माहौल तैयार करना होगा, ताकि हर चेहरे पर मुस्कान लाने में हम सफल हो सकें।
अन्त में मैं एक बार पुन: आप सभी को 75वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें देता हूँ। मेरी मंगलकामना है कि समस्त झारखण्डवासी स्वस्थ रहें! सुरक्षित रहें!
जय हिन्द!
जय झारखण्ड!
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