Sunday, 8 September 2019

दिनांक-08 सितम्बर 2019
प्रेस विज्ञप्ति संख्या-1463

उपायुक्त दुमका राजेश्वरी बी के निदेश पर पूरे जिले में पोषण माह अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में सूचना जनसंपर्क विभाग की ओर चयनित कलाकारों के द्वारा गीत संगीत एवं नुक्कड़ नाटक के माध्यम से आज मानिक सेन हेम्ब्रम के द्वारा पोषण माह अभियान के तहत प्रखंड रानेश्वर पंचायत दक्षिणजोल एवं हरिपुर के सुदूर क्षेत्रों में रह रहे ग्रामीणों, महिलाओं को बताया कि  गर्भवती महिलाएं
रोज़ाना आयरन और विटामिन युक्त तरह-तरह के पोषक आहार लें।
पौष्टिकीकृत दूध और तेल तथा आयोडीन युक्त नमक खायें ।
आई.एफ.ए. की एक लाल गोली रोज़ाना, चौथे महीने से 180 दिन तक लें।
कैल्शियम की निर्धारित खुराक लें।
एक एल्बेण्डाजोल की गोली दूसरी तिमाही में लें ।
ऊंचे स्थान पर ढक कर रखा हुआ शुद्ध पानी ही पीयें।
प्रसव से पहले कम से कम चार ए.एन.सी. जांच ए.एन.एम. दीदी या डॉक्टर से ज़रूर करवायें।
नज़दीकी अस्पताल या चिकित्सा केन्द्र पर ही अपना प्रसव करायें।
व्यक्तिगत साफ-सफाई और स्वच्छता का ध्यान रखें।
खाना खाने से पहले साबुन से हाथ ज़रूर धोयें।
शौच के बाद साबुन से हाथ अवश्य धोयें।
हमेशा शौचालय का इस्तेमाल करें।
धात्री महिलाएं
रोज़ाना आयरन और विटामिन युक्त तरह-तरह के पोषक आहार लें।
पौष्टिकीकृत दूध और तेल तथा आयोडीन युक्त नमक खायें।
प्रसव से लेकर 6 महीने तक (180 दिन) रोज़ाना आई.एफ.ए. की एक लाल गोली लें।
कैल्शियम की निर्धारित खुराक लें ।
ऊंचे स्थान पर ढक कर रखा हुआ शुद्ध पानी ही पीयें।
नवजात शिशु को जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान शुरू करायें तथा शिशु को अपना पहला पीला गाढ़ा दूध पिलायें। मां का पहला पीला गाढ़ा दूध बच्चे का पहला टीका होता है।
शिशु को शुरुआती 6 महीने सिर्फ अपना दूध ही पिलायें और ऊपर से कुछ न दें।
व्यक्तिगत और अपने बच्चे की स्वच्छता का ध्यान रखें।
खाना बनाने तथा खाना खाने से पहले साबुन से हाथ ज़रूर धोयें।
बच्चे का शौच निपटाने के बाद और अपने शौच के बाद साबुन से हाथ अवश्य धोयें।
बच्चे का शौच निपटान और अपने शौच के लिए हमेशा शौचालय का इस्तेमाल करें।
बच्चे
महीने पूरे होने पर मां के दूध के साथ ऊपरी आहार शुरू करें।
रोज़ाना आयरन और विटामिन युक्त तरह-तरह के पोषक आहार दें।
मसला हुआ और गाढ़ा पौष्टिक ऊपरी आहार दें।
पौष्टिकीकृत दूध और तेल तथा आयोडीन युक्त नमक खायें।
आई.एफ.ए. और विटामिन-ए की निर्धारित खुराक दिलवायें।
पेट के कीड़ों से बचने के लिये 12 से 24 महीने के बच्चे को एल्बेण्डाज़ोल की आधी गोली तथा 24 से 59 महीने के बच्चे को एक गोली साल में दो बार आंगनवाड़ी केन्द्र पर दिलवायें ।
आंगनवाड़ी केन्द्र पर नियमित रूप से लेकर जायें तथा उसका वज़न अवश्य करवायें।
बौद्धिक विकास के लिये पौष्टिक आहार उसकी उम्र के अनुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा, ए.एन.एम. या डॉक्टर द्वारा बतायी गयी मात्रा के अनुसार दें।
5 साल की उम्र तक सूची अनुसार सभी टीके नियमित रूप से ज़रूर लगवायें।
व्यक्तिगत साफ-सफाई और स्वच्छता की आदत डलवायें।
ऊंचे स्थान पर ढक कर रखा हुआ शुद्ध पानी ही पिलायें।
खाना खाने और खिलाने से पहले साबुन से हाथ ज़रूर धोयें।
शौच के बाद साबुन से हाथ अवश्य धोयें।
उम्र अनुसार बच्चे के साथ खेलें एवं बातचीत करें।
बच्चे के शौच का निपटान हमेशा शौचालय में करें।
किशोरियां
किशोरियों को रोज़ाना आयरन और विटामिन युक्त तरह-तरह के पौष्टिक आहार ज़रूर खिलायें जिससे माहवारी के दौरान रक्त स्राव से होने वाली आयरन की कमी पूरी कर उसका संपूर्ण विकास हो।
पौष्टिकीकृत दूध और तेल तथा आयोडीन युक्त नमक खायें।
आई.एफ.ए. की एक नीली गोली हफ्ते में एक बार लें।
व्यक्तिगत साफ-सफाई और माहवारी स्वच्छता का ध्यान रखें।
पेट के कीड़ों से बचने के लिये एल्बेण्डाजोल की एक गोली साल में दो बार लें।
ऊंचे स्थान पर ढक कर रखा हुआ शुद्ध पानी ही पीयें।
खाना खाने से पहले साबुन से हाथ ज़रूर धोयें।
शौच के बाद साबुन से हाथ अवश्य धोयें।
हमेशा शौचालय का इस्तेमाल करें।


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