Thursday 25 July 2019

दिनांक-25 जुलाई 2019
प्रेस विज्ञप्ति संख्या-1078
आदियोगी शिव – बोध और अनुभूति के प्रतीक हैं...

शिव को योग का प्रवर्तक माना जाता है। आदियोगी भगवान शिव की 112 फुट की आवक्ष प्रतिमा को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने दुनिया की सबसे बड़ी आवक्ष प्रतिमा के रूप में दर्ज किया है।श्रावणी मेला के दौरान बासुकीनाथ में भी आदियोगी शिव की प्रतिमा श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बन गया है। इस प्रतिमा की ऊँचाई लगभग14 फ़ीट है और इसे बहुत ही बेहतरीन तरीके से बनाया गया है। इस प्रतिमा को बनाने में प्लास्टर ऑफ पेरिस,गंगा मिट्टी, भूसा,ऑयल पेंट और कई सामग्री का उपयोग किया गया है।

श्रद्धालु आदियोगी शिव की प्रतिमा के साथ खूब लेते हैं सेल्फी...

श्रावणी मेला के दौरान श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य भव्य टेंट सिटी का निर्माण किया गया है। बासुकीनाथ आने वाले श्रद्धालु बाबा फौजदारी नाथ पर जलार्पण करने के उपरांत जैसे ही वे विश्राम करने के लिए टेंट सिटी में पहुंचते हैं। उन्हें आदि योगी शिव की भव्य प्रतिमा नजर आती है। एक क्षण के लिए उन्हें साक्षात भगवान शिव का दर्शन हो जाता है और वे प्रतिमा के साथ ढेर सारी तस्वीरें खिंचाते हैं।

शिव की सवारी भी है आकर्षण का केंद्र...
शिव की सवारी नंदी बैल को भी बड़े खास तरीके से तैयार किया गया है। इसे भी कुछ खास सामग्री से बनाया गया है,जो बहुत ही आकर्षक दिखता है और श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। शिव की सवारी नंदी बैल में कुछ धातुओं का प्रयोग किया गया है जो इसे और भी आकर्षक बनाता है।



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