दिनांक-27 जुलाई 2019
प्रेस विज्ञप्ति संख्या-1136
बांस से बने मचिया की खूब होती है खरीददारी...
श्रावणी मेले के दौरान वासुकिनाथधाम में आपको कंधे पर दोनों बगल लकड़ी के मचिया टंगे हुए व्यक्ति दिख जायेंगे। दरअसल इनकी दुकान कंधे पर होती है और ये सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में घुम-घुम कर बेचते हैं। मचिया शब्द अगर थोड़ा अजीब लगा तो बताता हूँ ये है क्या। बांस के छोटे-छोटे डंडे से इसे बनाया जाता है और नीचे की तरफ साइकिल की पुरानी टायर लगयी जाती है ताकि मजबूती बने रहे। साहेबगंज जिला से आये विशेस्वर ने बताया कि प्रत्येक दिन मैं 80 से 100 पीस बेच देता हूँ। एक जोड़ा की कीमत 200 रु और 280 रु है लोग बड़े शोक से इसकी खरीददारी करते हैं। उन्होंने बताया मैं यूपी, एमपी, पष्चिम बंगाल और अलग-अलग राज्यों में जा कर इसे बेचता हूँ लेकिन सावन के महीने में वासुकिनाथ आना नहीं भूलता एक महीना बाबा के दरबार में ही अपना दुकान लगाता हूँ और यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा करता हूँ।
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