दुमका 09 दिसम्बर 2018
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 1150
दुमका जिले के सुखाड़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने पहुँची केन्द्रीय जाँच दल ने आज स्थानीय परिसदन भवन के सभा कक्ष में जिले के अधिकारियों के साथ बैठक की। जाँच दल में कृषि मंत्रालय से सम्बद्ध समिति के डाॅ0 षिवेन्दु शंकर राय तथा नीति आयोग से गणेष राम ने बैठक की।
डाॅ0 षिवेन्दु ने बताया कि उनके द्वारा सुखाड़ प्रभावित क्षेत्रों का स्थल निरीक्षण किया गया है। कई स्थानों पर किसानों ने बताया कि इस वर्ष वर्षा बहुत ही कम हुई है जिसके कारण फसल बहुत कम हुई। जो थोड़ी बहुत फसल हुई है वह समान्य ऊंचाई से बहुत ही कम है, जिसमें दाने भी बहुत ही कम हुए हैं। किसानों ने बताया कि इस वर्ष कम वर्षा के कारण सुखाड़ की स्थिती उत्पन्न हो गई है। उन्होंने कहा कि दुमका जिले के किसानों के लिए जीवन रेखा मानी जाने वाली मयूराक्षी नदी भी सूखी दिखाई दे रही है।
डाॅ षिवेन्दु ने कहा कि शीघ्र ही वे अपना प्रतिवेदन केन्द्र को समर्पित करेंगे। सुखाड़ घोषित करने के लिए निर्धारित मानक है जिनके आधार पर किसी भी क्षेत्र को अति रुप से सुखा प्रभावित अथवा मध्यम सुखा प्रभावित माना जाता है। कई बार तकनीकि कारणों से अत्यन्त सुखा प्रभावित क्षेत्र भी मध्यम सुखा प्रभावित माना जाता है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इस संबंध में अधिकारी अपना स्पष्ट प्रतिवेदन देंगे ताकि किसानों के हितों में निर्णय लिया जा सके। किसानों को फसल बीमा का लाभ मिल सके। उन्होंने जिला प्रषासन के अधिकारियों से कहा कि आगामी ऋतु के लिए तैयारी अभी से आरंभ कर दें।
उन्होंने उपस्थित अधिकारियों से जानना चहा कि वे इन सुखाड़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए क्या विषेष प्रयास कर रहे है। अधिकारियों ने बताया कि सुखाड़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों में कुपोषण की समस्या एवं स्वस्थ संबंधित समस्याऐं उत्पन्न होती है। जिला प्रषासन द्वारा जगह-जगह पर हेल्थ कैम्प लगाया जाता है। मुखियों को 10 हजार रुपये की काॅरपस फन्ड दिया गया है ताकि अनाज की कमी के करण यदि कोई परिवार भूखा है तो मुखिया अथवा पंचायत सेवक बाजार से आनाज खरीद कर उस परिवार तक अविलंब पहंुचा दें। यह प्रयास है कि को किसी भी व्यक्ति की मौत भूख के कारण ना हो।
बैठक के दौरान उप विकास आयुक्त वरुण रंजन ने पावर पाइंट प्रेजेंटेषन के माध्यम से जिले में सुखा प्रभावित क्षेत्र की स्थिति को स्पष्ट किया साथ ही आगामी ऋतु को ध्यान में रखते हुए जिला प्रषासन द्वारा किये जा रहे प्रयास पर उनका ध्यान आकृष्ट कराया। उन्होंने कहा कि पेयजल की समस्या हो सकती है इसको ध्यान में रखते हुए चापाकलों की मरम्मति अभियान के तहत करायी जा रही है। जिले में ‘‘जल है जहान है 2.0‘‘ अभियान आरंभ किया गया हैं, जिसके तहत सब्जी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पूरे जिले में 2500 कूपों का निर्माण कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन कूपों के निर्माण से किसानों की आय में काफी वृद्धि होगी तथा उन्हें वैकल्पिक फसल का लाभ मिल सकेगा।
बैठक में उप विकास आयुक्त वरुण रंजन, प्रषिक्षु आईएएस शषि प्रकाष के साथ जिले के वरीय अधिकारीगण उपस्थित थे।
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