Tuesday 24 January 2017

दुमका, 23 जनवरी 2017
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 047
अग्र परियोजना केन्द्र, गोपीकंादर, दुमका के परिसर में एक दिवसीय तसर कृषकों का कार्यषाला -सह-सेमिनार का उदघाटन दीप प्रज्जवलित कर मुख्य अतिथि श्री रमेष प्रसाद गुप्ता महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र, दुमका ने किया। सर्व प्रथम परियोजना पदाधिकारी मो0 नईमउद्दीन के द्वारा इस कार्यालषाला सह सेमिनार के उद्देष्य पर विस्तार पुर्वक चर्चा किया गया।
मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कीटपालकों से आह्वान किया कि अपने तसर उत्पादन को दोगुना करने का प्रयास करें। इसके लिए सरकार आपके साथ है उत्पादन बढ़ोतरी के लिए जो तकनीकी ज्ञान की आवष्यकता है उसे अधिकारियों एवं वैज्ञानिकों के द्वारा पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नये-नये तकनीक के से ही आगे  बढ़ा जा सकता है। विषिष्ट अतिथि सुधीर कुमार सिंह सहायक उद्योग निदेषक (रेषम) संथाल परगना, दुमका ने कीटपालकों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार के द्वारा जो निर्धारित दर है उस दर पर ही अपने कोकून को बेचें। उससे कम दर देने वाले एवं बिचोलियों से बचें। सरकार द्वारा निर्धारित बीज कोकून का दर 2.80 पैसे है एवं वाणिज्यिक ए ग्रेड ककून का दर 2.70 पैसा है। श्री सिंह ने कीटपालाको से अड्डा बारी का प्रबंधन पर विस्तार से चर्चा किया जैसे समय से खाद्य पौधो का पुरनींग एवं पोलाईडीन अप्रेल एवं मई माह में अड्डा बारी की साफ सफाई चूना ब्लींचींग का समय पर छिड़काव करने का अनुरोध किया साथ ही ककून से भेलूएडीषन की और बढ़ने की आवष्यकता है इसके लिए सरकार हर कदम पर आपके साथ है आपलोग भी इसमें वृहत रूप से रूची लें। वैज्ञानिक श्री गिरी ने कैषलेस की जानकारी कीटपालकों को दिये किस प्रकार कैषलेंष का काम किया जा सकता है यानि आपके पैसे को कोई बिचोलिया के द्वारा इधर उद्यर नहीं किया जा सकता है मोबाईल के माध्यम से भी कैषलेस का कार्य किस तरह असानी से किया जा सकता है इसकी जानकारी दिया गया। जिला परिषद सदस्य श्रीमति निर्मला टुडू ने अपने भाषा (संथाली) में कीटपालकों से कहा कि समूह और संगठन बनाकर इस कार्य को और आगे बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने मंच पर उपस्थित सभी अधिकारियों से अनुरोध किया कि गोपीकंादर दुमका जिला का सबसे पिछड़ा प्रखण्ड है जिस प्रकार आपलोग एक साथ एकत्रित होकर कीटपालकों को तकनीकी ज्ञान देकर इन्हें जागरूक कर रहें हैं इस तरह का कार्यक्रम गोपीकंादर के सूदूर गॅंाव में करने की आवष्यकता है। तकनीकी सत्र में अग्र परियोजना पदाधिकारी लिटीपाड़ा श्री प्रेम कुमार गुप्ता द्वारा बीजागार प्रबंधन पर जानकारी दिया गया। वैज्ञानीक डी0 मो0 खान द्वारा तसर कीटों का रोग प्रबंधन पर, वैज्ञानीक सी0 श्री रामनगीना द्वारा कीटपालन प्रबंधन पर, मो0 अतीक द्वारा खाध पौधों के रोग प्रबंधन पर श्री मुरलीधर सिंह प्रबंधक द्वारा फसल बीमा एवं स्वस्थ बीमा पर विस्तार से जानकारी दिया गया। इस कार्याषाला में खरोनी पंचायत के मुख्यिा बी0एस0एम0टी0 सी0 के श्री घोष एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। मंच का संचालन मो0 नईमउद्दीन ने किया।








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