Saturday, 28 January 2017

दुमका, 28 जनवरी 2017 प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 058
रेषमी दुनिया का बादषाह बने दुमका...
- जोयेस बेसरा, अध्यक्षा जिला परिसद
इण्डोर स्टेडियम दुमका में एक दिवसीय कार्यषाला सह सेमिनार का उदघाटन जोयस बेसरा अध्यक्ष’’ जिला परिषद द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। दीप प्रज्वलन समय उपविकास आयुक्त दुमका, उपनिदेषक जनसम्पर्क संथाल परगना उपस्थित थे इस कार्यषाला में जिले के विभीन्न प्रखण्डों के तसर उत्पादक एवं देवघर जिला के वन्या कल्सटर ने भाग लिया जिनकी संख्या लगभग 600 के आस पास था। उपस्थित अतिथियों का सुधीर कुमार सिंह सहायक उद्योग निदेषक (रेषम) ने पुष्पगुच्छ से स्वागत किया साथ ही, इस कार्याषाला के उद्देष्य पर विस्तार से प्रकाष डाले सुधीर सिंह अपने संबोधन तसर उत्पादकों से अनुरोध किया कि उत्पादन को और बढ़ाने की आवष्यकता है इसके लिए सतत प्रयास करना होगा तसर खाद्य पौधे का सुरक्षा करना एवं सेवा करना आपकी प्रथम प्राथमिकता है। 
जोयेस बेसरा ने तसर उत्पादकों संबोधित करते हुए कहा कि तसर उत्पादन के साथ साथ धागा बनाने एवं कपड़ा बनाने का काम करें क्योंकि तसर उत्पादन करता है लेकिन सिल्क सीटी के नाम से भागलपुर को जाना जाता है। उन्होंने तसर उतपादकों से कहा कि पुरा महकमा आपके साथ है आपलोग परिश्रम के साथ दुमका जिला को सील्क सीटी में बदलें।
उपविकास आयुक्त ने तसर उत्पदकों को संबोधित करते हुए कहा कि आज हर क्षेत्र में तकनीक इस्तमाल हो रहा है आपके इस कार्याषाला में वैज्ञानिकगण आये हुए हैं आप अपने तसर उत्पादन में वैज्ञानिकों द्वारा बताये गये तकनीक का अधिक से अधिक तकनीक का इस्तमाल करें जिससे आपका उत्पादन भी बढ़ेगा और आय भी बढ़ेगा।
उपनिदेषक सूचना एवं जनसम्पर्क, संथाल परगना, दुमका ने संबोधित करते हुए तसर उत्पादकों से कहा कि कच्चा माल आपके यहाॅं पूरे राज्य में सबसे अधिक उत्पादन होता है लेकिन रेषम का वस्त्र अगल बगल के जिलों में होता है कच्चा माल आपक पास प्रयाप्त होने के बाद भी आप रेषम वस्त्र के क्षेत्र में पीछे हैं इसे उत्पादन करने की आवष्यकता है।
इस कार्यषाला में डा गिरी के द्वारा कैषलेस पर विस्तार से चर्चा किया गया मोबाईल के द्वारा कैषलेस, इण्टरनेट बैंकिंग के द्वारा कैषलेस डेबिडकार्ड के द्वारा कैषलेस क्रेडिट कार्ड के द्वारा कैषलेस एंव भीम एप्प के द्वारा कैसे कैषलेस का कैसे इस्तमाल किया जा सकता है चर्चा किया।
इस कार्यषाला के अतिरिक्त इण्डोर स्टेडियम, दुमका में तसर से सम्बंधित जीवंत प्रदर्षनी भी लगायी गयी थी जिसका उदघाटन तसर खाद्य पौधा में जल डालकर उपायुक्त दुमका के द्वारा किया गया। जिसका अवलोकन भी उपायुक्त महोदय द्वारा किया गया इस प्रदर्षनी की विषेषता यह थी की झारखंड के अलावे देष के विभिन्न राज्यों मे किस प्रकार का तसर इको रेष होता है उसे दर्षाया गया था। तसर कीट का जीवन चक्र को प्रदर्षित किया गया। तसर कोकून से कितने प्रकार का धागा बनता है उसको भी दर्षाया गया था। विभिन्न स्कूलों के 2500 से अधिक विद्यार्थियों ने काफी रूचि लेकर प्रदर्षनी का अवलोकन किया एवं तसर के संबंध में अपना ज्ञानवर्धन किया। साथ ही चैम्बर आॅफ काॅर्स एवं जिले के गणमान्य व्यक्तियों ने भी प्रदर्षनी का अवलोकन किया एवं सराहा है। 
अधिक तसर उत्पादन करने वाले कृषकों को मुख्य अतिथि के द्वारा पुरस्कृत किया गया सेवेन सोरेन धोबना 23500 कोकून का उत्पादन किया जिससे उन्हें 65800 रुपया का आय हुआ दूसरे स्थान पर अलन सोरेन जिन्होंने 17750 बीज कोकून का उत्पादन किया जिससे उन्हें 48160 रुपया का आय हुआ तीसने स्थान पर प्रधान हॅंासदा जिन्होंने 20850 वाणिज्यिक कोकून का उत्पादन किया जिससे उन्हें 41600 रुपया का आय हुआ इस कार्यक्रम में निदेषक आत्मा डीआईओ दुमका डीपीओ दुमका उपसमाहत्र्ता स्थापना, दुमका डा खान वैज्ञानीक डी डा गिरी वैज्ञानीक डी0 श्री नगीना वैज्ञानीक सी0 अग्र परियोजना पदाधिकारी काठीकुण्ड,षिकारीपाड़ा एवं अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
तकनीकी सत्र में मो0 नईमउद्दीन कीटपालन प्रबंधन पर,डा0 खान खाध पौधा प्रबंधन पर डा गिरी रो प्रबंधन पर शम्भू बीजागार प्रबंधन पर मुरलीधर सिंह खाधा पौधा के रोग प्रबंधन पर विस्तार से चर्चा किया निदेषक आत्मा के द्वारा तसर उत्पादकों को कृषि विभाग के विभीन्न योजनाओं से अवगत कराया तथा उससे लाभ लेने को कहा। मंच का संचालन मो0 नईमुद्दीन अग्र परियोजना पदाधिकारी काठीकुण्ड के द्वारा किया गया। 






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