Wednesday 11 January 2017

दुमका, 09 जनवरी 2017
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 013 
अग्र परियोजना केन्द्र कष्चिरा के परिसर में एक दिवसीय कार्यषाला सह सेमिनार का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम मुख्य अतिथि महाप्रबंधक, जिला उधोग केन्द्र दुमका रमेष प्रसाद गुप्ता द्वारा दीप प्रज्जवलित कर आयोजन का शुभारंम किया गया।
मंच पर आसीन सभी अतिथियों का स्वागत भाषण मो0 खादिम अविक अग्र परियोजना पदाधिकारी ने किया। मो0 अटीक ने अपने सम्बोधन में इस कार्यषाला सह सेमिनार के उद्देष्यों को समझाया। डाॅ0 एस0 गिरि, वैज्ञानिक ’’डी’’ द्वारा तसर कीट प्रबंधन पर प्रकाष डाला गया साथ ही मुद्रा योजना एवं कैषलेस प्रक्रिया पर भी कृषकों का सम्बोधित किये। वैज्ञानिक ’’डी’’ ठण्ड-ज्ब् काठीकुंड मे कीटपालकों से आवाहन किया कि अड्डाबारी में कीटपालन से पूर्व एवं पष्चात चूना एवं विलचींग पाउडर का प्रयोग अवष्य करें तथा कीटपालन के उपरांत तसर खाद्य पौधों का प्रुनिंग अति आवष्यक है, जिससे तसर कीट में लगने वाले रोग पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
सुधीर कुमार सिंह स0उ0नि0 (रेषम) दुमका ने तसर कीटपालकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि तसर उत्पादन में असीम संभावनाएँ हैं। आज कीटपालन के माध्यम से वन संरक्षण का कार्य सम्पादित हो रहा है। पर्यावरण संतुलन में तसर खाद्य पौधों का महत्व बढ़ रहा है, बहुत हद तक तसर उत्पादन से पलायन नियंत्रण एवं रोजगार अधिक संगठित होकर तसर उत्पादन करेंगे तो वह दिन दूर नही जब दुमका जिला देष में तसर (रेषम) के क्षेत्र में पहले नम्बर पर रहेंगे।
विषिष्ट अतिथि कीटपालकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि नगण्य लागत एवं कम अवधि में तसर उत्पादन ही एक ऐसा व्यवसाय है जो सबसे अधिक आर्थिक लाभ प्रदान करता है। बीज उत्पादन से लेकर कोसा उत्पादन तक यदि किसी प्रकार की तकनीकी समस्या आये तो आप कृषक वंधु कुष्चिरा कार्यालय काठीकुंड कार्यालय में सम्पर्क कर सकते है।
मंच का संचालन मो0 नईमउद्दीन अग्र परियोजना पदाधिकारी काठीकुंड द्वारा किया गया।
द्वितीय सत्र में प्रेम कुमार गुप्ता, अग्र परियोजना पदाधिकारी लिट्टीपाड़ा पाकुड़ के द्वारा बीजगार प्रबंधन पर विस्तार से चर्चा की गयी। मुरलीधर सिंह प्रबंधक के द्वारा रोग नियंत्रण पर विस्तार समझया गया। परियोजना सहायक अमित महतो द्वारा तसर खाद्य पौधा प्रबंधन पर चर्चा किया गया।
कमाण्ड क्षेत्र के उत्कृष्ट कीटपालक रंगाई देहरी, (चीरुडीह) को प्रथम पुरस्कार एवं सहदेव किस्कू , (कुंडापहाड़ी) को द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इस कार्यषाला में डाॅ0 नकुल साहा अखिलेष्वर प्रसाद, पी0 के घोष एवं कार्यालय के सभी कर्मी, महिला एवं पुरुष कीटपालक उपस्थित थे।








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