दुमका 30 जुलाई 2018
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 417
राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव के अवसर पर 108 मंदिरों के गांव से राज्य ही नही देश के मानचित्र पर अपनी पहचान रखने वाला मलूटी में मुख्य प्रदर्शनी शिविर सह सूचना सहायता शिविर का उद्घाटन दुमका के उप विकास आयुक्त वरुण रंजन ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त वरुण रंजन ने कहा कि 108 मंदिर एवं 108 सरोवर का गांव मलूटी दुमका के साथ-साथ राज्य के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में से एक है। मलूटी मंदिर की मूल टेराकोटा को बरकरार रखने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि बासुकिनाथ धाम आने वाले श्रद्धालु मलूटी होते हुए तारापीठ पहुंचते हैं या फिर मसानजोर से मलूटी होते हुए तारापीठ को जाते हैं। इस पूरे टूरिस्ट सर्किट को विकसित करने की आवश्यकता है। मलूटी आने वाला श्रद्धालुओं का सत्कार बेहतर ढंग से हो। श्रद्धालुओं को हर जरुरी सुविधा मिल सके। मलूटी में श्रद्धालु अपने पूरे परिवार के साथ यहां के अदभुत मंदिरों को देखने आयें इसके लिए कई तरह के कार्य करने की जरुरत है। मलूटी आने वाले श्रद्धालु को एक अच्छा वातावरण मिले ताकि वे यहां से लोटने के बाद यहां के बारे में लोगों को बतायें तथा अगली बार फिर मलूटी आयें। उन्होंने कहा कि श्रावणी मेला 2018 के उद्घाटन समारोह में माननीय मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने भी मलूटी के विकास की बात कही। निश्चित रुप से आपके सहयोग से मलूटी का सर्वागीण विकास होकर रहेगा तथा श्रद्धालु मलूटी में भी अपना वक्त बितायेंगे।
इस दौरान उन्होंने प्रदर्शनी शिविर का अवलोकन करते हुए वहां के टेराकोटा आर्ट एवं शिल्प कला को काफी सराहा है। उन्होंने कहा कि टेराकोटा आर्ट के क्षेत्र में यहां के लोगों को और अधिक जागरूक करने की आवश्यकता है।
उन्होंने उपस्थित सूचना सहायता कर्मियों को समझाते हुए कहा कि देश विदेश से आने वाले श्रद्धलुओं के साथ विनम्र व्यवहार रखे। उन्हें किसी भी प्रकार की कठिनाई नहीं होनी चाहिये इसका ध्यान रखना आपकी जिम्मेदारी है।
मलूटी में सूचना जनसम्पर्क द्वारा बनाये गये प्रदर्शनी शिविर सह सूचना सहायता शिविर में श्रद्धालुओं को सभी प्रकार की जानकारी मिलेगी।
मुख्य प्रदर्शनी शिविर सह सूचना सहायता शिविर के उद्घाटन के अवसर पर एनईपी निदेशक विनय कुमार शिंकू, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी दुमका सैयद राशिद अख्तर, नजारत उप समाहर्ता सुदेश कुमार, शिकारीपाड़ा के प्रखंड विकास पदाधिकारी तथा अंचल अधिकारी, स्थानीय मुखिया एवं बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण उपस्थित थे।
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