Wednesday 19 January 2022

दिनांक- 18 जनवरी 2022 प्रेस विज्ञप्ति संख्या-0062

 दिनांक- 18 जनवरी 2022

प्रेस विज्ञप्ति संख्या-0062

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सीडब्ल्यूसी ने बाल विवाह करनेवाली बालिका को माता के हवाले किया

08 दिसम्बर को रामपुरहाट से रेस्क्यू की गयी थी शिकारीपाड़ा की बालिका

जिले के शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र की 16 वर्षीय बालिका ने घर से भागकर रामपुरहाट में एक नाबालिग के साथ विवाह कर ली थी, जिसे वहां चाइल्डलाइन के माध्यम से रेस्क्यू किया गया था। इस बालिका को मंगलवार को दुमका चाइल्डलाइन की टीम सदस्य शांतिलता हेम्ब्रम ने सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत किया। चाइल्उलाइन दुमका के केन्द्र समन्वयक मधुदूसन सिंह ने बताया कि बाल विवाह के इस मामले में चाइल्डलाइन के पहल पर पश्चिम बंगाल के वीरभुम जिला की पुलिस ने बालिका का रेस्क्यू करवाया था और उसे वहां के सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। दुमका चाइल्डलाइन की टीम ने बालिका का सोसल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट वीरभूम के सीडब्ल्यूसी को उपलब्ध करवा दिया था। सीडब्ल्यूसी ने सुनवायी के दौरान बालिका को नवीन नामक संस्था द्वारा संचालित बाल गृह (बालिका) में रखा था। बालिका के दुमका जिला का निवासी होने के आधार पर उसके केस को ट्रान्सफर कर दुमका सीडब्ल्यूसी भेजा गया है। दुमका सीडब्ल्यूसी के सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डा राज कुमार उपाध्याय एवं कुमारी विजय लक्ष्मी ने इस मामले की सुनवायी करते हुए बालिका और उसकी मां का बयान दर्ज किया। बालिका ने बताया कि रामपुरहाट के नाबालिग लड़के से उसकी फोन पर दोस्ती हो गयी थी। वह उसके साथ घर से भाग कर रामपुरहाट चली गयी और 6 दिसम्बर 2021 को दोनों ने काली मंदिर में शादी कर ली। 08 दिसम्बर को चाइल्डलाइन के पहल पर उसे रेस्क्यू कर 17 जनवरी 2022 तक वहां के बालिका होम में रखा गया और फिर दुमका भेज दिया गया। बालिका ने कहा कि वह अपनी मां के साथ घर जाना चाहती है। उसकी मां ने बताया कि उसका पति मजदूरी करता है। बेटी ने घर से भागकर एक लड़के से शादी कर ली जिसके बारे में उसे चाइल्डलाइन से जानकारी मिली। मां ने समिति को भरोषा दिलाया कि वह बेटी को अच्छे तरीके से रखेगी और इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने देगी। समिति ने मां के साथ बेटी को घर भेज दिया और 19 फरवरी 2022 को उसे पुनः समिति के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश दिया। डीसीपीओ प्रकाश चंद्रा ने बताया कि बाल विवाह अमान्य’ विवाह है। यानी यह एक ऐसी शादी, जो हुई ही नहीं है, यानी ऐसी शादी शुरू से ही क़ानून की निगाह में वैध नहीं है। बाल विवाह करवाने वाले व्यक्ति (वयस्क) या ऐसे विवाह को करवाने में मदद करने वालों और इसे बढ़ावा देनेवालों को 2 साल की कारावास की सजा और एक लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। यदि किसी को भी बाल विवाह की कोई जानकारी मिलती है तो इसकी सूचना चाइल्डलाइन को फोन नंबर 1098 पर या बाल विवाह निषेध पदाधिकारी सह बीडीओ को इसकी सूचना दे सकते हैं।

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