दुमका 02 सितम्बर 2017
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 515
इन्डोर स्टेडियम स्थित झारखण्ड कला केन्द्र, दुमका में कला संस्कृति खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग झारखण्ड रांची के सहयोग से जनमत शोध संस्थान द्वारा आयोजित आदिवासी लोक कला चदर-बदर के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए पपेट्री निमार्ण पर आधारित प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम दिनांक 02 सितम्बर से 22 सितम्बर 2017 तक कुल 21 दिनों तक यह आवासीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित है।
आदिवासी लोक कला चदर-बदर के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए पपेट्री निमार्ण पर आधारित प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन जिला परिषद अध्यक्षा जोयेसे बेसरा, नगर पर्षद अध्यक्षा अमिता रक्षित, सिंहासन कुमार मनवी के अन्नू, मेरिनीला मरांडी, उमाशंकर चैबे जनमत शोध संस्थान के सचिव अशोक सिंह आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया।
इस अवसर पर जिला परिषद अध्यक्षा जोयेस बेसरा ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि चदर-बदर संताल आदिवासी समुदाय की एक परंपरागत कठपुतली लोक कला है। यह मुख्यतः झारखण्ड के संताल परगना एवं पश्चिम बंगाल के झारखण्ड सीमावर्ती इलाके से सटे आदिवासी बहुल इलाकों में काफी प्रचलित व लोकप्रिय रही थी जो अब लगभग पिछले डेढ दशक से विलुप्त प्राय हो गई है। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाल के माध्यम से आदिवासी संस्कृति और कला को बचाने का एक बहुत बड़ा प्रयास किया जा रहा है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नगर पर्षद अध्यक्षा अमिता रक्षित ने कहा कि मांदर, नगाड़ा, झाल, करताल आदि के साथ साथ अपने परम्परागत वेशभूषा, आदिवासी संस्कृति और आदिवासी गीत एवं नृत्य कला से सुशोभित यह कठपुतली नृत्य चदर बदर बखूबी मन को मोहित करती है। बदलते समय और बदलाव की आंधी बयार ने इतनी महत्वपूर्ण व लोकप्रिय परंपरागत लोग कला को हाशिए के उस कगार पर ठेल दिया है जहां आज लगभग इस प्रकार विलुप्त प्राय हो गई है कि संबंधित समुदाय की नई पीढ़ी इससे पूर्णतः अंजान है। अतः इस आदिवासी संस्कृति को बचाना हमारा कर्तव्य है।
स्वागत संबोधन जनमत शोध संस्थान के सचिव अशोक सिंह ने चदर-बदर संताल आदिवासी समुदाय की एक परंपरागत कठपुतली लोक कला के शोध के विषय में काफी विस्तार से बतलाया। उन्होंने बतलाया कि इस आदिवासी लोक कला चदर-बदर के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए पपेट्री निमार्ण पर आधारित प्रशिक्षण कार्यशाला का विजन और मिशन यह है कि जनता की जानकारी और उसकी काबिलियत को बढ़ाना तथा उन्हें शासन मे भागीदार बनाने में सहयोग प्रदान करना। जन मद्दो पर शोध अध्ययन, सर्वे, जनमत संग्रह, शिक्षण-प्रषिक्षण, सूचनाओं का आदान प्रदान एवं सार्वजनिक नीतियों के विवेचन-विश्लेषण कर नये ज्ञान को पैदा करना एवं जनहित में उसका प्रचार प्रसार कर जनता की जानकारी को बढ़ाना साथ ही चुनौतियों को रेखांकित कर संभावनाओं व अवसरों को पहचानने की सलाहियत विकसित करने में उनका साथी बनना तथा उसके अनुरूप क्षमता वृद्धि के माध्यम से समाज में परिवर्तन लाना। उन्होंने कहा कि आज इसी उद्देश्य से इस 21 दिवसीय आवासीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है।
आदिवासी लोक कला चदर-बदर के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए पपेट्री निमार्ण पर आधारित प्रशिक्षण कार्यशाला का मंच संचालन गौरकांत झा ने किया।
इस अवसर पर जिला परिषद अध्यक्षा जोयेसे बेसरा, नगर पर्षद अध्यक्षा अमिता रक्षित, सिंहासन कुमार मनवी के अन्नू, मेरिनीला मरांडी, उमाशंकर चैबे जनमत शोध संस्थान के सचिव अशोक सिंह, चदर बदर के कलाकार एवं प्रशिक्षण के लिए दूर दराज के गांवों से आये प्रशिक्षणार्थी उपस्थित थे।
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