Wednesday 15 February 2017

दुमका, 15 फरवरी 2017
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 104

राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव - कला संस्कृति 
मंगलवार को जनसंस्कृति कथकली नृत्य केरल के कलाकरों के साथ-साथ नटराज कलाकेन्द्र सरायकेला के कलाकारों ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुत कर मंगलवार देर रात तक दर्षकों को आनन्दित किया। छऊ नृत्य के कलाकारों ने अपने चेहरे पर मुखौटा लगाकर विभिन्न शारीरिक भाव मंगिमाओं का प्रदर्षन कर वीर रस से परिपूर्ण ऊर्जावान नृत्य नाटिका प्रस्तुत किया वहीं जनसंस्कृति कथकली नृत्य कलाकेन्द्र के कलाकारों ने दक्षिण भारत के लोकप्रिय शास्त्रीय नृत्य कुचीपुड़ी तथा मोहिनी अट्टम का प्रदर्षन कर दर्षकों को रोमांचित किया। खासकर मोहिनी अट्टम नृत्य जिसका विषय वस्तु भगवान विष्णु द्वारा भष्मासुर का अन्त करने के लिए मोहिनी का रुप धारण कर किया गया नृत्य है ने दर्षकों को देर रात तक बाॅधे रखा। दक्षिण भारतीय नृत्य शैली के प्रमुख गुरु विष्व भारती शान्ति निकेतन के प्रोफेसर सुचीन्द्र नाथन की धर्मपत्नी श्रीमती निम्मी कलामंडलम् तथा वरीय छात्रा तमेका चक्रवर्ती, उस्मिता राय सुदीप्ता बाग्ची आदि ने महाभारत की कथा को मनमोहक प्रस्तुति दी।
उसी प्रकार भीतरी कलामंच पर मंगलवार देर रात्रि तक $2 नेषनल स्कूल दुमका तथा $2 जिला स्कूल दुमका के नाट्य दलों ने भावपूूर्ण संताली नाटक प्रस्तुत किया। 
सम्पूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रम के संयोजन में राजकीय जनजातीय हिजला मेला सांस्कृतिक समिति की संयोजिका जिला परिषद अध्यक्षा जाॅयेस बेसरा एवं नगर पर्षद अध्यक्षा अमिता रक्षित, उपसंयोजक गौरकान्त झा, मदन कुमार, एमानुएल सोरेन, जीवानन्द यादव, सुरेन्द्र नारायण यादव, अनुमंडल नाजिर चन्द्रषेखर झा, अनिल मरांडी, मनोज कुमार घोष, पीटर हेम्ब्रम, मेरीनीला मरांडी, सेलवेस्टर बेसरा, सुमिता बास्की आदि की भूमिका सराहनीय रही है। 


  

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