Thursday 16 February 2017

दुमका, 16 फरवरी 2017 प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 109

राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव में गुरूवार को बाहरी कलामंच पर संजीव परिहस्त कत्थक षिक्षा केन्द्र देवघर, बाराणसी की प्रख्यात गायिका ममता शर्मा एवं आकाषवाणी एवं दूरदर्षन की नामचीन लोकगायिका सुलेखा रमैया के साथ सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के वरीय गायक सुरेन्द्र यादव ने बेहतरीन प्रस्तुति से मेला घूमने आये दर्षकों को उत्तर भारत की प्रमुख शस्त्रीय नृत्य शैली कत्थक के साथ-साथ लोकगीतों के मधुर धुनों पर देर रात्रि तक झुमाया। संजीव परिहस्त कत्थक केन्द्र देवघर कलादल की ब्यूटी कुमारी, प्रतिमा हांसदा, तन्नु कुमारी, प्रियंका राय, गांगा कुमारी, शालिनी केसरी तथा स्वयं संजीव परिहस्त ने कत्थक नृत्य शैली में षिववंदना, सरगम, तराना प्रस्तुत किये। वहीं इसी कलादल के धनंजय खबारे ने बाल झारने वाले कंघी की सहायता से गीत की मधुर तान से दर्षकों को आनंदित किया। 
ममता शर्मा ने अपने सहयोगी तबला बादक पं0 नंदकिषोर मिश्रा तथा हारमोनियम बादक विजय शर्मा के साथ कर्णप्रिय षिव स्तुति के साथ-साथ होरी व अन्य लोकगीत से दर्षकों का मनोरंजन किया। आकाषवाणी और दूरदर्षन की प्रमुख लोक गायिका सुलेखा रमैया ने बनारस के साड़ी मंगा दे हो, आ गइले राजा फागुन महिनवा, आई दइयां टिकुली हेरा गेल आदि लोकगीतों से दर्षकों को नाचने पर विवष कर दिया। सुरेन्द्र नारायण यादव के होरी गीत ने दर्षकों को होरी के रंग से सराबोर कर दिया। 
गुरूवार को बाहरी कला मैदान में टोंगरा दुमका के प्रदीप किस्कू, पत्ताबाड़ी दुमका के लुकजान हेम्ब्रम, मसलिया की संगीता बेसरा, ताराबांध जामा की अनिता हेम्ब्रम, पाकुड़िया की रूसिका जियाड़ अरवाड़ा दुमका की सर्वोदय कला जत्था, काठीकुण्ड की अमित कुमार टुडू गु्रप, गोड्डा का बदोली बिसाहा, काषी पहाड़ी गोपकान्दर का चाय चम्पा गु्रप, रामगढ़ दुमका का समाज सुधार एभेन अखाड़ा, झाोपा दुमका का रसीला ग्रुप, गुहियाजोरी दुमका का लिठुर झुमोक, जामा दुमका का टीआर एडीई ग्रुप ने पूरे मेला परिसर में घूम-धूम कर जनजातीय संगीत एवं नृत्य की अनुपम छटा बिखेरी। देर रात्रि में भीतरी कलामंच पर आदिवासी कल्याण छात्रावास 3 के छात्रों ने बेहतर निर्देषन एवं अभिनय से सुसज्जित महत्वपूर्ण नाटक प्रस्तुत किया। 
कार्यक्रम के संयोजन में हिजला कला संस्कृति समिति के उप संयोजक गौर कान्त झा मदन कुमार, मेरीनीला मरांडी, नीतू भारती, महेन्द्र प्रसाद साह, कजरूल हुसैन, मनोज कुमार घोष आदि की भूमिका सराहनीय रही। 
इस अवसर पर उमाषंकर चैबे, रमण कुमार वर्मा, रंजन कुमार पाण्डेय, संदीप कुमार जय आदि के साथ साथ बड़ी संख्या में दर्षक मौजूद थे। 












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