दुमका 26 जनवरी 2019
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 0089
गणतंत्र दिवस 2019
माननीय मुख्यमंत्री के सम्बोधन का प्रारूप
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प्यारे भाईयों, बहनों एवं बच्चों,
जोहार,
प्रकृति की गोद में बसे संथाल परगना की सांस्कृृतिक, आध्यात्मिक एवं वीर सपूतों की बलिदानी भूमि से मैं, समस्त झारखण्ड वासियों को 70वें गणंतत्र दिवस की शुभकामनाएँ देता हूँ और आप सब का हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ। भारत के लिए गणतंत्र दिवस केवल एक पर्व नहीं बल्कि गौरव और सम्मान है। आज का यह दिन हमारे सम्प्रभुता एवं जनतंत्र के प्रति एक गहरी आस्था का राष्ट्रीय पर्व है।
2ण् आज का यह दिन उन महापुरूषों को स्मरण एवं नमन करने का दिन है जिनकी कुर्बानी एवं कुशल नेतृत्व ने हमे गुलामी की जंजीरों से आजाद कराया तथा विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के रूप में स्थापित किया। इस पावन अवसर पर मैं, राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी, पं0 जवाहरलाल नेहरू, डाॅ0 राजेन्द्र प्रसाद, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, बाबा साहब डाॅ0 भीमराव अम्बेदकर, मौलाना अबुल कलाम आजाद, सरदार बल्लभ भाई पटेल आदि राष्ट्र निर्माताओं को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।
3ण् साथ ही साथ जंग-ए-आजादी में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले झारखण्ड के वीर सपूतों धरती आबा भगवान बिरसा मुण्डा, शहीद तिलका मांझी, वीर सिद्धो-कान्हू, चाँद-भैरव, बहन फूलो-झानो, वीर बुधु भगत, जतरा टाना भगत, नीलाम्बर-पीताम्बर, शेख भिखारी, पाण्डेय गणपत राय, शहीद विश्वनाथ शाहदेव, टिकैत उमराँव जैसे महान विभूतियों को अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ।
4ण् हमारी स्वतंत्रता एवं अखण्डता को अक्षुण्ण रखने का सर्वाधिक श्रेय जाता है हमारी सेना के वीर जवानों को जो अपने देश की एकता एवं अखण्डता के लिए अपने घर-परिवारों से दूर रहकर अपनी जान हथेली पर रख कर दिन-रात राष्ट्र की सेवा में लगे रहते है, ताकि हम अपने घरों में चैन की नींद सो सकें। सेना के सभी जवानों के साथ-साथ देश की सीमाओं पर तैनात सुरक्षा बलों को भी मैं अपनी और समस्त राज्यवासियों की ओर से इस 70वें गणतंत्र दिवस की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।
5ण् मेरे प्यारे राज्यवासियों! हमारे देश के संविधान निर्माताओं ने एक ऐसे समाज की परिकल्पना की थी, जिसमें न तो आर्थिक विषमता हो और न ही सामाजिक भेद-भाव हो। जहाँ समाज का कमजोर-से कमजोर व्यक्ति का भी अपना अधिकार सुरक्षित होय जहाँ समस्त नागरिकों को विकास के समान अवसर उपलब्ध हों। संविधान की भावनाओं के अनुरूप हमने भी एक ऐसे झारखण्ड के निर्माण का सपना देखा है जो भय, भूख एवं भ्रष्टाचार के साथ-साथ उग्रवाद एवं अपराध मुक्त हो।
6ण् आतंकवाद एवं उग्रवाद, राज्य एवं देश दोनों के ही विकास मार्ग में सबसे बड़ी चुनौती है। हमने इन चुनौतियों का डटकर सामना किया है। वामपंथी उग्रवाद की समस्या से निपटने के लिए हमने कई सख्त कदम उठाये हैं, जिसका परिणाम है कि उग्रवादी हिंसा की घटनाओं में काफी कमी आयी है। सरकार के सद्प्रयासों का ही फल है कि उग्रवाद प्रभावित जिलों की संख्या 21 से घटकर 19 रह गयी है तथा अति उग्रवाद प्रभावित जिलों की संख्या 16 से घटकर 13 हो गयी है।
7ण् राज्य में नक्सलवाद की चुनौतियों से निबटने हेतु हमने बहुआयामी रूख अख्तियार करते हुए सुरक्षा उपायों को विकास कार्य से जोड़कर एक सकारात्मक राजनीति की शुरूआत की है। अब सुरक्षा बल नक्सलियों के खिलाफ अभियान के साथ-साथ विकास कार्य में भी अपना योगदान दे रहे हैं। नक्सल प्रभावित इलाकों के विकास को दृष्टिपथ में रखते हुए इन क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है, जिसमें स्थानीय लोगों का भी सहयोग प्राप्त हो रहा है। मैं, उन सभी विमुख युवाओं से आह्वान करता हूँ कि वे हिंसा का त्याग कर देश और राज्य के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें।
8ण् विधि व्यवस्था एवं प्रशासन राज्य सरकार के ऐसे कर्तव्य हैं जिससे राज्य की छवि निखरती है या बिगड़ती है। सुदृढ़ विधि व्यवस्था से ही राज्य सरकार द्वारा संचालित कल्याणकारी एवं विकास की योजनायें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल हो सकती है और तब ही राज्य एवं जनता का सर्वांगीण विकास हो सकता है। इन्ही बातों को दृष्टिपथ में रखते हुए हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार जैसी जटिल समस्याओं से निपटने के लिए कठोर कदम उठाये हैं। भ्रष्टाचार के विरूद्ध प्रभावी कार्रवाई हेतु निगरानी ब्यूरो, झारखण्ड, रांची को सृदृढ़ करते हुए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, झारखण्ड के रूप में पुर्नगठित किया है। आम जनों की सुविधा हेतु रांची के अतिरिक्त हजारीबाग, जमशेदपुर, धनबाद, दुमका एवं पलामू मंे भी क्षेत्रीय कार्यालयों की स्थापना की गयी है, जहाँ पर भ्रष्टाचार एवं घूसखोरी संबंधी मामलों में प्राथमिकी दर्ज करायी जा सकती है।
9ण् हमारे राज्य में कृषि और किसान दोनों का ही महत्वपूर्ण स्थान है। कृषि के क्षेत्र में विकास हमारी प्राथमिकता है तथा अन्नदाता किसानों की आय दोगुनी करना हमारा लक्ष्य है। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु राज्य सरकार कृषि आशीर्वाद योजना प्रारम्भ करने जा रही है जिसका लाभ राज्य के 22 लाख 76 हजार लघु एवं सीमांत किसानों को मिलेगा। राज्य के किसानों को नई एवं उन्नत तकनीकों से अवगत कराने हेतु अब तक राज्य के 76 किसानों को ईजरायल दौरे पर भेजा गया। पिछला 24 किसानों का दल जिन्हें ईजरायल भेजा गया, वो पूर्ण रूप से महिला दल था जिसमें 20 किसान संथाल परगना से है एवं उनमें से कई यहाँ उपस्थित है। यह न केवल कृषि के विकास बल्कि महिला सशक्तीकरण की दिशा में भी सरकार का एक सार्थक प्रयास है। ईजरायल से उन्नत कृषि तकनीक सीखकर आये किसान भाई-बहन अब राज्य के अन्य किसानों को ट्रेनिंग दे रहें हैं, जिसका लाभ आनेवाले दिनों में मिलेगा।
10. झारखण्ड देश का इकलौता ऐसा राज्य है जो किसानों के फसल बीमा का प्रिमियम भी भरता है। वर्ष 2019-20 में भी राज्य के किसानों का मुफ्त फसल बीमा कराया जायेगा। राज्य में पहली बार ळसवइंस थ्ववक ंदक ।हतपबनसजनतम ैनउउपज का आयोजन किया गया, जिसमें 7 देशों एवं 8 राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ राज्य के दस हजार किसानों ने भाग लिया। इससे राज्य के किसानों को कृषि के आधुनिकतम तकनीकी के साथ-साथ अपने उपज के बेहतर कीमत प्राप्त करने के उपायों की जानकारी प्राप्त हो सकी। पिछले चार वर्षों में राज्य के कृषि विकास दर में 19.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई जिससे स्पष्ट है कि हमारे किसान सजग एवं प्रयत्नशील है एवं उनके आय दूगुनी होने से अब कोई नहीें रोक सकता है।
11. राज्य में सिंचाई व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए हमारी सरकार प्रयासरत है। राज्य के कुल 102 पुरानी वृहद् एवं मध्यम सिंचाई योजनाओं की सिंचाई क्षमता में रख-रखाव एवं मरम्मति के अभाव के कारण लगभग 40 प्रतिशत की गिरावट आई थी। हमारी सरकार ने इन सभी पुरानी सिंचाई योजनाओं के शत् प्रतिशत जीर्णोद्धार का निर्णय लिया है, ताकि सृजित क्षमता के अनुसार उनसे सिंचाई का कार्य लिया जा सके। अब तक 50 योजनाओं के जीर्णोद्धार का कार्य प्रारंभ हो चुका है। सिंचाई से ही जुड़ी एक बड़ी योजना-उत्तर कोयल सिंचाई योजना, जो वर्षों से अपूर्ण थी को पूरा करने के कार्य का शिलान्यास माननीय प्रधानमंत्री द्वारा दिनांक 05 जनवरी, 2019 को किया गया। इसके अलावा हमने इसी वर्ष ’’सुजलाम सुभलाम योजना’’ प्रारम्भ किया है जिसके तहत भारतीय जैन संगठन के सहयोग से 5000 तालाबों का गहरीकरण कर सिंचाई क्षमता में वृद्धि की जाएगी।
12ण् सर्वसुलभ एवं गुणवत्तापूर्ण चिकित्सीय सुविधाओं को जन-जन तक पहुँचाने के लिए हमारी सरकार कृत-संकल्पित है। विगत चार वर्षों में स्वास्थ्य के क्षेत्र में राज्य में अनेक लोकोपयोगी कार्यक्रम प्रारम्भ किये गये हैं तथा च्च्च्ए निजी संस्थाएँ, छळव्ए एवं पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से सामुदायिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा रहा है। हमारे प्रयासों का प्रतिफल है कि राज्य का स्वास्थ्य सूचकांक बेहतर हुआ हैय जहाँ पूर्व में राज्य में शिशु मृत्यु दर 34 प्रति हजार जीवित जन्म था, जो अब घटकर 29 हो गया है।
13ण् दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना ”प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना-आयुष्मान भारत” का शुभारंभ माननीय प्रधानमंत्री के कर-कमलों द्वारा राज्य की राजधानी, रांची से किया गया, जिसका लाभ राज्य के 57 लाख गरीब परिवार को मिलेगा। इस योजनान्तर्गत मात्र तीन महीने में ही 22 हजार से अधिक झारखण्ड वासियों का मुफ्त ईलाज किया जा चुका है। राज्य की जनता को आपातकालीन स्थितियों में समुचित स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने हेतु अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस 108 एम्बुलेंस की सेवा पूरे राज्य में 24वो घंटे मिल रही है। इसके माध्यम से अब तक 86,754 मरीजों को समय पर अस्पताल पहुँचाने का कार्य किया जा चुका है। राज्य के दुर्गम पहाड़ी एवं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मुख्यमंत्री बाईक एम्बुलेंस योजना की शुरूआत की जा रही है। इसमें मोटर साईकिल पर एम्बुलेंस की सुविधा दी जाएगी। इसके अतिरिक्त बच्चे के जन्म होने पर बेवी केयर किट की सुविधा दी जाएगी। साथ ही, राज्य की सभी 40,000 सहिया बहनों को मुख्यमंत्री आरोग्य कुँजी योजना के तहत प्राथमिक ईलाज हेतु किट उपलब्ध कराया जाएगा ताकि वे गाँव में रहकर गरीब लोगों की ईलाज कर सके।
14ण् स्वास्थ्य सुविधाओं को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाने के लिए एवं स्वास्थ्य संबंधी आधारभूत संरचनाओं को मजबूत करने के उद्देश्य से विगत 04 वर्षों में 05 मेडिकल काॅलेज, देवघर में एम्स तथा रांची में कैंसर अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है। राज्य में ।प्प्डै के निर्माण से उच्च स्तर की चिकित्सा सुविधा प्राप्त करने के लिए हमारे राज्यवासियों को राज्य से बाहर नहीं जाना पडे़गा। इसके अतिरिक्त राज्य में डाॅक्टरों की कमी को ध्यान में रखते हुए डठठै के सीटों की संख्या 300 से बढ़कर 900 की जा रही है। पहले राज्य में एक भी डेंटल काॅलेज नहीं था, परन्तु आज राज्य में एक सरकारी एवं तीन निजी डेंटल काॅलेज खुल गये हैं।
15ण् शिक्षा की गुणवत्तापूर्ण प्रगति हमारी नई पीढ़ी की उन्नति की अनिवार्य शत्र्त है। शिक्षा के विकास से ही हम नई वैश्विक चुनौतियों से निबटने में सफल हो पायेंगे। राज्य के सभी विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्येश्य से विद्यालयों का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। विद्यालयों में बेंच-डेस्क, पंखा इत्यादि की मूलभूत व्यवस्थाओं के साथ-साथ विद्यालयों में शौचालय एवं पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है, जिससे विद्यालयों में छात्र/छात्राओं की उपस्थिति में लगातार वृद्धि हुई है जिसका परिणाम है कि राज्य का ड्राप आॅउट दर घटकर शून्य तथा साक्षरता दर बढ़कर 81.25 प्रतिशत हो गया है।
16ण् नारी शक्ति-मातृ शक्ति के प्रति हमेशा से ही हमारे मन में विशेष सम्मान का भाव रहा है। उनकी क्षमताओं का लाभ परिवार, समाज एवं राज्य को मिल सके, इसकी लगातार कोशिश हमारी सरकार द्वारा की जाती रही है। महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों का ज्यादा से ज्यादा गठन, उन समूहों का बैंकों से जुड़ाव, उनका आर्थिक गतिविधियों के साथ जुड़ाव, उनकी कौशल वृद्धि एक सुविचारित कदम है। इससे हमारे राज्य की महिलाएँ आत्म निर्भर बन रही है साथ ही अपने परिवार को अर्थिक सबलता प्रदान करने में सफल हो रही हैं। हमारी सरकार ने महिलाओं को स्वावलंबी और सशक्त बनाने के लिए 1 लाख से ज्यादा सखी मण्डलों के माध्यम से 17 लाख से अधिक बहनों को रोजगार उपलब्ध कराया है। महिला सशक्तिकरण हेतु नवस्थापित राजकीय महिला पाॅलिटेकनिक काॅलेज, दुमका को पूर्णतः छात्राओं के लिए आरक्षित रखा गया है।
17ण् महिला सशक्तिकरण एवं बालिका शिक्षा पर जोर देने तथा बाल विवाह जैसी कुप्रथा का अंत करने के उद्येश्य से हमारी सरकार ने मुख्यमंत्री सुकन्या योजना प्रारम्भ की है। इस योजनान्तर्गत जन्म से दो वर्ष तक की बालिका के माता के खाते में रु0 5000, कक्षा-प् में नामांकन कराने पर, कक्षा-टए टप्प्प्ए ग् तथा ग्प्प् उŸाीर्ण करने पर रु0 5000 - 5000 देय होगा एवं 18-20 वर्ष की आयु पूरी करने तथा मतदाता सूची में नाम दर्ज होने पर रु0 10,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत शादी के समय त्ेण् 30000/- भी दिया जाएगा। राज्य की महिलाओं को सशक्त बनाने तथा विकास की मुख्य धारा से जोड़ने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
18ण् आज हम विज्ञान एवं तकनीक के दौर से गुजर रहे हैं। अब देश एवं राज्य के विकास हेतु परम्परागत शिक्षा के साथ-साथ तकनीकी ज्ञान भी अति आवश्यक हो चुका है। राज्य के छात्र/छात्राओं को तकनीकी रूप से कुशल बनाने के उद्देश्य से हमारी सरकार ने विगत चार वर्षों में 43 नई प्ज्प् एवं 13 नये पाॅलिटेकनिक काॅलेज की स्थापना की है।
19ण् हमारी सरकार राज्य से बेरोजगारी मिटाने की दिशा में सार्थक कदम उठा रही है। इसके अन्तर्गत पिछले चार सालों में 35 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार एवं स्वरोजगार उपलब्ध कराया है। एक लाख से ज्यादा युवाओं को विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरी मिली है, जिसमें 95वें फीसदी से ज्यादा झारखण्डवासी हैं। साथ ही साथ 50 हजार से ज्यादा सरकारी नियुक्तियाँ प्रक्रियाधीन है। सरकार के द्वारा उठाये गये इन कदमों से युवाओं में नई आशा का संचार हुआ है तथा प्रतिभा पलायन पर भी अंकुश लगाने में हम कामयाब हुए हैं। सरकारी नौकरियों में भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु हमारी सरकार ने आदिम जन जातियों के लिए दो प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की है। इस वर्ष 10 जनवरी को आयोजित ळसवइंस ैापसस ैनउउपज में एक लाख छः हजार युवाओं को निजी क्षेत्र में नियुक्ति पत्र दिया गया। हमारी प्रभावी औद्योगिक नीतियों खासकर टेक्सटाईल नीति एवं फूड प्रोसेंसिंग नीति से निजी क्षेत्रों में रोजगार के काफी अवसर उत्पन्न हुए है और अब मजबूरी में हमारे युवाओं को पलायन करने की आवश्यकता नहीं है।
20ण् हमें यह कहते हुए अपार हर्ष हो रहा है कि आज झारखण्ड का हर गाँव बिजली से रौशन है। चार वर्ष पूर्व जहाँ झारखण्ड के 68 लाख घरों में से मात्र 38 लाख घरों में ही बिजली थी, 30 लाख घरों में अंधेरा थाय आज झारखण्ड के सभी 68 लाख घरों में बिजली पहुँचा दी गई है। हमारी सरकार राज्य को ऊर्जा हब बनाने के लिए वचनबद्ध है इसी उद्देश्य से पतरातू वाष्प प्रतिष्ठान, पतरातू में 4000 मेगावाट थर्मलपावर प्लांट लगा रही है। राज्य में अक्षय ऊर्जा के विकास हेतु भी सरकार प्रयत्नशील है। इसके अन्तर्गत 530 सरकारी भवनों में 13.175 मेगावाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट का अधिष्ठापन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा 383 सरकारी भवनों में 5.135 मेगावाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट का अधिष्ठापन कार्य प्रक्रियाधीन है, जो इस वर्ष तक पूर्ण कर लिया जायेगा।
21ण् सरकार गठन के बाद से ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा पिछड़े वर्ग का अधिकतम कल्याण हमारी प्राथमिकता रही है। इस हेतु झारखण्ड पुलिस में अब तक उपेक्षित रहे पहाड़िया समुदाय के लिए दो बटालियन का गठन किया गया है तथा राज्य में आदिम जनजाति के विकास के लिए आदिम जनजाति विकास प्राधिकार का गठन किया गया है।
22ण् विŸाीय वर्ष 2018-19 में अनुसूचित जनजाति क्षेत्र तथा अनुसूचित जाति विकास बजट का कुल आकार 24,410 करोड़ रूपये था तथा विŸाीय वर्ष 2019-20 के लिए 27,142 करोड़ रूपये है जो पिछले वर्ष की तुलना में 11.19 प्रतिशत अधिक है।
इसके अतिरिक्त राज्य के सभी गाँवों में आदिवासी विकास समिति/ग्राम विकास समिति का गठन करने का निर्णय लिया गया है। यह समिति स्थानीय महत्व की छोटी योजना जिसकी प्राक्कलित राशि 5 लाख रूपये तक हो, एवं क्रियान्वयन अवधि एक वर्ष से कम हो का क्रियान्वयन कर सकेगी। इसके लिए विŸाीय वर्ष 2018-19 में 60 करोड़ रूपये उपलब्ध कराया गया था तथा विŸाीय वर्ष 2019-20 में 120 करोड़ रूपये उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अतिरिक्त अनुसूचित जनजाति अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्राओं को बेहŸार शैक्षणिक माहौल में गुणवŸाापूर्ण शिक्षा मिले इसके लिए 143 आवासीय विद्यालय एवं 32 पहाड़िया दिवाकालीन विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है।
साथ ही, अनुसूचित जनजाति के छात्र/छात्राओं को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के उद्येश्य से 7 एकलव्य माॅडल आवासीय विद्यालय एवं 11 आश्रम विद्यालय कुल 18 विद्यालय संचालित हैं। इसमें से 4 एकलव्य/आश्रम विद्यालयों को ब्ठैम् से सम्बद्धता प्राप्त हो गई है तथा शेष 14 के लिए विŸाीय वर्ष 2019-20 में कार्रवाई की जायगी।
राज्य के अति कमजोर जनजातीय समूह के शत प्रतिशत परिवारों को आवासीय सुविधा बिरसा आवास योजना के माध्यम से उपलब्ध कराने के लिए विŸाीय वर्ष 2019-20 में 3000 घरों के निर्माण का लक्ष्य तय किया गया है।
झारखण्ड राज्य में पहली बार झारखण्ड राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग का गठन किया जा रहा है। इसी प्रकार राज्य में पहली बार पिछड़ा वर्ग विŸा विकास निगम का भी गठन किया जा रहा है।
23. राज्य के संथाल परगना क्षेत्र को विकास की मुख्य धारा में लाने के लिए विŸाीय वर्ष 2019-20 में निम्नांकित योजनाओं/आधारभूत संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा:-
1. गोड्डा जिले में सैनिक स्कूल एवं प्रोफेशनल काॅलेज का निर्माण,
2. देवघर एवं साहेबगंज जिले में 50 हजार लीटर क्षमता का डेयरी प्लांट का निर्माण,
3. दुमका, जामताड़ा व पाकुड़ जिले में 5 हजार डज् क्षमता का कोल्ड स्टोरेज का निर्माण,
4. देवघर जिले के सारठ प्रखण्ड में महिला काॅलेज एवं साहेबगंज जिले में ।छड स्कूल तथा कौशल काॅलेज की स्थापना,
5. दुमका जिले के दुधानी में खादी पार्क तथा देवघर जिले में सांस्कृतिक भवन का निर्माण,
6. दुमका जिले में कला केन्द्र एवं नर्सिंग कौशल काॅलेज का निर्माण,
7. साहेबगंज, पाकुड़ और गोड्डा जिले में नये ग्रिड सब-स्टेशन का निर्माण,
8. देवघर, वासुकीनाथ एवं साहेबगंज में जलापूर्ति योजना,
9. देवघर मंडल कारा को केन्द्रीय कारा के रूप में विकसित किया जाएगा।
24ण् हमारी सरकार ने अनुसूचित जाति/ जनजाति के योग्य छात्र/छात्राओं की देश के प्रतिष्ठित सेवाओं में भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से न्च्ैब् की प्रारंभिक परीक्षा उतीर्ण करने के उपरान्त मुख्य परीक्षा/साक्षत्कार की तैयारी हेतु एकमुश्त 1.00 लाख रूपये की प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया है।
25ण् हमारी सरकार आदिवासी संस्कृति को अक्षुण्ण रखने के लिए जबरन एवं प्रलोभन देकर धर्मांतरण रोकने हेतु सख्त कानून बनाये हैं, जिसके तहत् चार वर्ष की सजा एवं एक लाख रुपये तक जुर्माना का प्रावधान किया गया है। आदिवासी महापुरूषों के सम्मान में रांची के बिरसा मुण्डा जेल को संग्रहालय के रूप में विकसित किया जा रहा है। जहाँ भगवान बिरसा मुण्डा के साथ सिद्धो-कान्हू, नीलाम्बर-पीताम्बर सहित अन्य महापुरूषों की प्रतिमा का भी निर्माण किया जा रहा है। ऐसे आदिवासी शहीदों के गाँवों को ’’शहीद ग्राम विकास योजना’’ के तहत आदर्श ग्राम बनाने हेतु योजनाएँ स्वीकृत की गई है।
26ण् झारखण्ड में पहली वार स्थानीय पारम्परिक स्वशासन व्यवस्था के अन्तर्गत मानकी को 3000/- रुपये, मुण्डा एवं ग्राम प्रधान को 2000/- रुपये तथा डाकुवा, परगणैत, परमाणिक, जोगमांझी, कुड़ाम नायकी, नायकी, गोडै़त, मूल रैयत, पड़हा राज, ग्राम सभा प्रधान, घटवाल एवं तावेदार को 1000/- रुपये प्रतिमाह की दर से सम्मान राशि दी जा रही है।
27ण् हमारी सरकार आदिम जनजाति के सभी गांवों में पाइपलाइन से पेयजलापूर्ति की व्यवस्था करने जा रही हैै। सभी एसटी-एससी बहुल गांवों में पानी टंकी बनाकर सभी घरों में पानी पहुंचाया जायेगा।
28ण् उन्नत सड़कों का विकास किसी भी प्रदेश के विकास का आईना होता है। राज्य के विकास के रथ को गति प्रदान करने के उद्देश्य से हमारी सरकार गुणवत्तापूर्ण सड़कों का जाल पूरे राज्य में बिछा रही है। इस हेतु सभी अनजुडे़ बसावटों को बारह मासी सड़क से जोड़ने के साथ-साथ कोडरमा-गिरिडीह, रांची- बरकाकाना- हजारीबाग-कोडरमा, कोडरमा-तिलैया तथा हंसडीहा-गोड्डा रेल लाईन निर्माण का कार्य इस वर्ष पूरा कर लिया जायेगा।
29ण् परिवहन व्यवस्था को और अधिक सृदृढ़ बनाने के उद्देश्य से भारत सरकार की त्महपवदंस ब्वददमबजपअपजल ैबीमउम ’’उड़ान’’ के तहत जमशेदपुर, बोकारो तथा दुमका से नियमित उड़ान सेवा प्रारंभ करने की योजना प्रक्रियाधीन है। इसके अतिरिक्त बाबा नगरी देवघर में घरेलू हवाई अड़डा का निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है जो वर्ष 2020 तक बनकर तैयार हो जायेगा।
30ण् हमारी सरकार राज्य के समग्र एवं त्वरित औद्यौगिक विकास के लिए निरन्तर प्रयत्नशील है। राज्य के औद्योगिक विकास हेतु विगत चार वर्षों में हमारी सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सरकार के सार्थक प्रयासों के कारण ही राज्य में एक अनुकूल औद्योगिक वातावरण का निर्माण हो रहा है, जिससे कि न सिर्फ राज्य में पूंजी निवेश का निरन्तर मार्ग प्रशस्त हो रहा है, बल्कि रोजगार के अवसर भी सृजित हो रहे हैं। जिसका लाभ राज्य के नौजवानों को मिल रहा है।
31ण् झारखण्ड काॅरपोरेट सोशल दायित्व ;ब्ैत्द्ध काउन्सिल लागू करने वाला प्रथम राज्य है। ब्ैत् फन्ड का उपयोग राज्य के विकास एवं कल्याणकारी कार्यों में किया जा रहा है। राज्य सरकार अबतक उपेक्षित रहे संथालपरगना के चतुर्दिक विकास हेतु देवीपुर, देवघर में प्लास्टिक पार्क तथा सिपेट ;ब्प्च्म्ज्द्ध ब्मदजतम देवघर की स्थापना हेतु प्रयासरत है। भारत सरकार द्वारा दुमका प्रक्षेत्र के लिए स्टोन कलस्टर की स्थापना के निमित सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है।
32ण् राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु गिरिडीह जिलान्तर्गत जलीय सूर्य मंदिर तथा झारखण्डी धाम, साहेबगंज जिलान्तर्गत शिवगादी धाम एवं पूर्वी सिंहभूम जिलान्तर्गत बुरूडीह डैम का पर्यटकीय विकास कार्य किया जा रहा है। साथ ही रजरप्पा एवं पतरातु डैम को विश्वस्तरीय पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। लुगुबुरू मेले को राजकीय मेले का दर्जा दिया गया है एवं लुगुबुरू तीर्थ स्थल में मेडिटेशन संेटर एवं अतिथिशाला का निर्माण कराया गया है। हमारी सरकार के प्रयासों से राज्य में देशी एवं विदेशी पर्यटकों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है।
33ण् अंत में, मैं पुनः आप सबों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामना देता हूँ। आईए! राष्ट्रीय पर्व के इस अवसर पर एक ऐसा झारखण्ड बनाने का संकल्प लें, जो उन स्वप्नों एवं आशाओं के अनुरूप हो, जिसके लिए काफी त्याग और बलिदान के बाद इस राज्य का सृजन हुआ था। मैं एक ऐसे झारखण्ड की परिकल्पना करता हँू, जो गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा एवं भ्रष्टाचार आदि से मुक्त हो और आत्मविश्वास से परिपूर्ण होकर विकास की ओर अग्रसर रहे। मैं आप सभी का भी आह्वान करता हँू कि इस परिकल्पना को साकार करने में आप सब अपनी सक्रिय भागीदारी निभायें एवं वचनबद्धता दिखाएं।
जय हिन्द!
जय भारत!
जय झारखण्ड!