दिनांक- 07 अप्रैल 2022
प्रेस विज्ञप्ति संख्या-301
जिला प्रशासन 16 एवं 17 अप्रैल 2022 को राज्यकीय पुस्कालय में प्रथम दुमका साहित्य उत्सव आयोजित करेगी। इस कार्यक्रम में देश भर के कई प्रख्यात लेखक एवं कवि भाग लेंगे और पुस्कालय के महत्व,कला-संस्कृति ,समाज, प्रकाशन, यात्रा, वन्य जीवन, भाषा आदि विषयों पर साहित्य के प्रभाव के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा प्रस्तुत करेंगे। दुमका जिला में शिक्षा, साहित्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। अधिक से अधिक लोग इस महोत्सव का हिस्सा बने इसके लिए जिला प्रशासन विभिन्न गतिविधियों से लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रही है।
दो दिवसीय इस साहित्य समागम में देश के साहित्य अकादमी पुरस्कार श्री नीलोत्पाल मृणाल, अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त उपन्यासकार एवं समालोचक श्री चंद्रहास चौधरी,अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कथाकार एवं भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी रजत उभयकर, वाणी प्रकाशन की कार्यकारी निदेशक श्रीमती अदिति महेश्वरी, विख्यात पक्षी विज्ञानी एवं संरक्षणवादी श्री विक्रम ग्रेवाल एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लेखक श्री मिहिर वत्स जैसे प्रसिद्ध साहित्यकार भाग लेंगे।
प्रथम दुमका साहित्य उत्सव में पहले दिन अलग-अलग सत्र आयोजित होंगे।
दूसरे दिन समापन सत्र के अतिरिक्त तीन से चार अलग-अलग सत्रों में पुस्तकों पर चर्चा की जाएगी। इन सत्रों में लेखक पुस्तक के संबंध में विचार रखेंगे एवं इसके बाद पुस्तक पर चर्चा होगी एवं सत्र में प्रश्नोत्तर भी होंगे।
दो दिवसीय कार्यक्रम में विभिन्न विभागों द्वारा स्टॉल भी लगाए जाएंगे। जिसमें लोगों को कई प्रकार की जानकारियां उपलब्ध कराई जाएंगी।
ऐतिहासिक भ्रमणशील पुस्तकालय का जीर्णोद्धार किया गया है। इसका उपयोग 1950 के दशक में स्टेट लाइब्रेरी (1956 में स्थापित) द्वारा किया गया था। अब फिर से उसका उपयोग कराए जाने को लेकर सुसज्जित किया गया है। जल्द ही लोग इसे एंटीक के तौर पर इस्तेमाल कर पाएंगे।
इस ऐतिहासिक भ्रमणशील पुस्तकालय 1956 में स्थापित दुमका के राजकीय पुस्तकालय को 1958 में उपलब्ध कराया गया था यह मोबाइल लाइब्रेरी वैन फारगो ट्रक की चेसिस पर बने उक्त लाइब्रेरी वैन को चलाने में हर तीन किमी पर एक लीटर ईधन की जरूरत होती थी। 1974 तक पूरे संताल परगना में पुस्तकप्रेमियों तक पहुंच का माध्यम रहा।
राजकीय पुस्तकालय संताल परगना की कभी शान रहे भ्रमणशील पुस्तकालय वाहन का एक बार फिर लोग दीदार करेंगे। एक बार फिर से भ्रमणशील पुस्तकालय वाहन को राजकीय पुस्तकालय का आकर्षण बनाया गया है। इसका रंग-रोगन होगा और विशिष्ट संग्रह के रूप में इसका लोग आनंद जल्द ही ले पाएंगे।
76277 किमी चलने के बाद अमेरिकी कंपनी फारगो ट्रक में बना यह भ्रमणशील पुस्तकालय वाहन 1974 से यूं ही पड़ा हुआ था। अब राजकीय पुस्तकालय के कायाकल्प के साथ-साथ इस भ्रमणशील पुस्तकालय वाहन को भी सजाया गया है। संताल परगना के सुदुरवर्ती इलाके के पुस्तकप्रेमियों तक पहुंचनेवाला यह वाहन अपने साथ एक ट्रॉली भी लेकर चलता था। जिसमें चार साइकिल लदी रहती थी। इस वाहन के गांवों में न पहुंचने की स्थिति में साइकिलों से ही पाठ्य सामग्री व समाचार सूचनाएं पहुंचायी जाती थी।
जिला प्रशासन ने ध्यानाकृष्ट करते हुए राजकीय पुस्तकालय को संवारने की पहल की। उन्होंने इसके लिए शिक्षकों-शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की यहां प्रतिनियुक्ति की। पुस्तकों की सूची तैयार करायी। अब उसकी कैटलागिंग हो रही है। एनआइसी के सर्वर में बने दुमका जिले के बेवसाइट में डाला गया है,ताकि लोग पुस्तकों की उपलब्धता के बारे में जानकारी हासिल कर सकें।
हम साहित्यप्रेमीयों, साहित्यकारों, लेखकों से आग्रह करते हैं कि साहित्य, प्रकाशन, यात्रा, वन्य जीवन, समाज, भाषा और पुस्तकालयों के बारे में हिंदी और अंग्रेजी रोमांचक चर्चा के लिए हमारे साथ जुड़े।
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