Sunday, 17 April 2022

दिनांक- 4 अप्रैल 2022 प्रेस विज्ञप्ति संख्या-0293

 दिनांक- 4 अप्रैल 2022

प्रेस विज्ञप्ति संख्या-0293


राजभवन के सामने प्लास्टिक बोतल चुनते पाये गये तीन बच्चे


सीडब्ल्यूसी ने तीनों बच्चों को सीआईएसएस के रूप में किया चिन्हित


स्कूल में नाम लिखने और नियमित रूप से स्कूल भेजने का दिया निर्देश


उपराजधानी दुमका के राजभवन के सामने सोमवार को दो भाईयों समेत तीन बच्चे प्लास्टिक के बोतल चुनते पाये गये। उनके साथ कबाड़ी दुकानदार भी अपनी टैम्पो लेकर चल रहा था। चाइल्डलाइन दुमका की टीम ने इसकी सूचना बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) को दी। समिति के सदस्य डा राज कुमार उपाध्याय मौके पर पहुंचे। इनमें से एक बच्चा पहले भी कबाड़ चुनता हुआ पाया गया था और सीडब्ल्यूसी के द्वारा उसे सीआईएसएस (चिल्ड्रेन इन स्ट्रीट सिचुएसन) के रूप में चिन्हित किया गया था। नगर थाना पुलिस के माध्यम से टैंपो समेत चालक को थाना और बच्चों को चाइल्डलाइन को सौंपा गया। चाइल्डलाइन के द्वारा तीनों बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अमरेन्द्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डा राज कुमार उपाध्याय एवं कुमारी विजय लक्ष्मी ने तीनों बच्चों और उनकी मां का बयान लिया। तीनों बच्चों ने समिति को दिये अपने बयान में बताया कि वे दुमका शहर के अलावा रिंग रोड एवं शिकारीपाड़ा इलाके में प्लास्टिक की बोतलें, शराब की खाली बोतलें, तांबा, टीना आदि चुनते हैं जिसे बेचकर प्रतिदिन 300 से 500 रुपये मिलते हैं। दो बच्चों की मां ने बताया कि शहर के लूट पाड़ा इलाके में कबाड़ी का व्यवसाय करनेवाला व्यक्ति बच्चों को अपने साथ टैम्पो से ले गया था, जिसकी जानकारी उसे नहीं थी। दोनों बच्चों ने पढ़ने की इच्छा जतायी और कहा कि भविष्य में वे कबाड़ चुनने का या कोई और काम नहीं करेंगे। बाल कल्याण समिति ने दोनों बच्चों का सरकारी स्कूल में नाम लिखवाने का निर्देश और उसकी मां को अंतिम चेतावनी देते हुए दोनों बच्चों को सौंप दिया। समिति ने कहा कि यदि भविष्य में ये बच्चे काम करते हुए या प्लास्टिक बोतल चुनते हुए पाये जाएंगे ,तो समिति उन्हें बालक गृह में आवासीत कर देगी। तीसरे बच्चे को भी उसकी मां को सौंप दिया गया। समिति ने तीनों बच्चों को सीआईएसएस के तहत चिन्हित कर उनके पुर्नवास की प्रक्रिया शुरू कर दी है। तीनों बच्चों को नियमित रूप से स्कूल भेजने का निर्देश दिया गया है। सीडब्ल्यूसी के चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि ने सीआईएसएस के तहत चिन्हित बच्चों को राष्ट्रीय बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग द्वारा विकसित बाल स्वराज पोर्टल पर उनके स्तर से अपलोड किया जा रहा है। पोर्टल पर अपलोड बच्चों के डाटा से आयोग को पता चलेगा कि क्या वह बच्चा पात्रता के आधार पर लाभ एवं आर्थिक लाभ प्राप्त करने का हकदार है। सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देश के आलोक में सीआईएसएस बच्चों को समाज कल्याण विभाग के स्पान्सरशिप स्कीम के तहत बच्चों के शिक्षा, पोषण एवं स्वास्थ्य सुविधा के लिए तीन साल तक 2000 रुपये मासिक उनके संयुक्त अकाउंट में दिये जाएंगे। साथ ही उनके परिवार को सरकार की अन्य योजनाओं से प्राथमिकता के आधार पर जोड़ कर उनका पुनर्वास किया जायेगा।

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