Monday 25 April 2022

दिनांक- 23 अप्रैल 2022 प्रेस विज्ञप्ति संख्या-0459

 दिनांक- 23 अप्रैल 2022

प्रेस विज्ञप्ति संख्या-0459


सीडब्ल्यूसी ने भाई बहनों को एक साथ रखने का लिया निर्णय

अनाथ हुए बालक और बालिका दोनों को समिति ने भेजा बालिकागृह


जिले के जामा प्रखण्ड के फाड़ासिमल गांव के दो अनाथ भाई बहनों को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने एक साथ बालगृह (बालिका) में आवासित कर दिया है। दरअसल फाड़ासिमल गांव के एक ही परिवार के तीन सदस्यों (बच्चों के पिता, चाचा और दादी) की मृत्यु एक सप्ताह के अंदर हो जाने से उस परिवार के दो बच्चे अनाथ हो गये। जब इसकी खबर मीडिया में आयी तो चेयरपर्सन अमरेन्द्र यादव ने चाइल्डलाईन दुमका के केन्द्र समन्वयक मधुसूदन सिंह को इसकी सूचना देते हुए दोनों बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। शनिवार को चाइल्डलाईन के टीम सदस्य अनिल कुमार साह और शांतिलता हेम्ब्रम , झामुमो नेत्री चंपा देवी और उसके चचेरा दादा के साथ दोनों अनाथ बच्चों को लेकर बाल कल्याण समिति के कार्यालय पहुंचे और बालक एवं बालिका को समिति के समक्ष प्रस्तुत किया। समिति के चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डा राज कुमार उपाध्याय, कुमारी विजय लक्ष्मी और नूतन बाला ने 8 वर्ष की बालिका और 6 वर्ष के बालक और उसके चचेरा दादा का बयान दर्ज किया और चाइल्डलाईन के रिपोर्ट का अवलोकन किया। चचेरे दादा ने बताया कि उनके परिवार में 10 सदस्य हैं, ऐसे में वह इन दोनों बच्चों की देखभाल करने में असमर्थ हैं।

     समिति द्वारा आमतौर पर बालक को बालगृह (बालक) और बालिका को बालगृह (बालिका) में आवासित कराया जाता है। चूंकि दोनों भाई-बहन बचपन से साथ रहे हैं और उनमें काफी भावनात्मक लगाव भी देखा गया। इसलिए समिति ने बालकों के सर्वोत्तम हित में दोनों को एक साथ धधकिया स्थित बालगृह (बालिका) में आवासित करने का निर्णय लेते हुए दोनों को बालिकागृह भेज दिया। चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि 10 वर्ष तक के बालक और बालिका को एक साथ बालगृह में रखा जा सकता है, इसी आधार पर अनाथ हुए भाई बहनों को बालिका गृह में रखा गया है ताकि पिता, चाचा और दादी को खो चुके दोनों बच्चे एक दूसरे से दूर नहीं हों। 

        जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी (डीसीपीओ) प्रकाश चंद्र ने बताया कि बाल कल्याण समिति के माध्यम से अनाथ बच्चों को समाज कल्याण विभाग की स्पॉन्सरशिप योजना का लाभ भी दिया जा सकता है। इस के तहत बच्चे को पोषण, स्वास्थ्य एवं शिक्षा के लिए 2000 रुपये प्रतिमाह उनके अकाउंट में दिया जाता है। उन्होंने आम जनता से अपील की कि अनाथ बच्चों या बच्चों के अनाथ होने की जानकारी मिलने पर चाइल्डलाईन के निःशुल्क हेल्पलाईन नं. 1098 पर , बाल कल्याण समिति या जिला बाल संरक्षण इकाई को सूचना दें ताकि ऐसे बच्चों को मदद पहुंचायी जा सके।

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