दिनांक- 25 अप्रैल 2022
प्रेस विज्ञप्ति संख्या-0470
सीडब्ल्यूसी के समक्ष चाइल्डलाईन ने छह बच्चों को किया प्रस्तुत
दो बच्चों को समिति ने भेजा बालगृह, चार बच्चों को स्पान्सरशिप से जोड़ने का निर्णय
बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष सोमवार को चाइल्डलाईनके द्वारा तीन परिवारों के चार बालिकाओं समेत छह बच्चों को प्रस्तुत किया गया। इनमें से एक परिवार के दो बच्चों को सीडब्ल्यूसी ने अपने देखभाल एवं संरक्षण में लेते हुए उन्हें बालगृह (बालक) में आवासित कर दिया, जबकि अन्य चार बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना से जोड़ने का निर्णय लिया गया। जामा प्रखण्ड के भटनिया पंचायत के 15 व 12 वर्ष के भाई बहन को लेकर पहुंची उसकी मां और मामा ने बताया कि बच्चों के पिता की मृत्यु के बाद से दोनों की देखभाल में कठिनाई आ रही है। मां और मामा दोनों मजदूरी करते हैं, जिसके कारण वे बच्चों की सही ढंग से देखभाल नहीं कर पा रहे हैं, बच्चे दोस्तों के साथ इधर-उधर घुमते रहते हैं। वह चाहते हैं कि बच्चों को समिति बालक गृह में रखकर उनकी पढ़ाई करवाए। काठीकुण्ड के आस्ताजोड़ा पंचायत से दो वर्षीय बालक को लेकर आयी उसकी मां ने अपने बयान में बताया कि बच्चे के पिता की एक साल बाद मृत्यु हो चुकी है। वह दुमका के रिंग रोड में स्थित एक होटल में वेटर का काम करती है। बच्चा अपनी नानी के पास काठीकुण्ड में रहता है। वह बच्चे के पोषण व पढ़ाई के लिए मदद की आस लेकर बाल कल्याण समिति आयी है।
दुमका शहर के रसिकपुर मोहल्ले से दो बहनों व एक भाई को लेकर आयी बड़ी बहन ने बताया कि उनके माता-पिता दोनों की मृत्यु हो गयी है। वह शादीशुदा है और दुमका में ही रहती है। फिलहाल वह दोनों बहन व भाई को अपनी देखरेख में रखे हुए है पर उनके पालन-पोषण व पढ़ाई में कठिनाई आ रही है, जिस कारण वह चाहती है कि इन बच्चों को स्पॉन्सरशिप स्कीम का लाभ प्रदान किया जाये। समिति के चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डा राज कुमार उपाध्याय, कुमारी विजय लक्ष्मी और महिला सदस्य नूतन बाला ने बच्चों और उनके अभिभावकों का बयान दर्ज करते हुए छहों बच्चों को सीएनसीपी (चिल्ड्रेन इन नीड, केयर एंड प्रोटेक्सन) घोषित करते हुए जामा के दो बच्चों को बालगृह (बालक एवं बालिका) में आवासीत कर दिया। रसिकपुर के तीनों बच्चों और काठीकुण्ड के बालक को स्पॉन्सरशिप योजना से जोड़ने का निर्णय लिया गया। चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता दोनों या पिता नहीं हैं, उन्हें समाज कल्याण विभाग के स्पॉन्सरशिप स्कीम के तहत उनके पोषण, स्वास्थ्य एवं पढ़ाई के लिए 2000 रुपये मासिक 18 वर्ष की आयु तक या तीन साल तक दिया जा सकता है , पर इसके लिए परिवार की वार्षिक आय 75000 रुपये सालाना से कम होनी चाहिये। चाइल्डलाईन की टीम को चिन्हित बच्चों का पारिवारिक आय प्रमाण पत्र बनाने में सहयोग करने का निर्देश दिया गया है।
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