Monday 26 July 2021

दिनांक- 26 जुलाई 2021 प्रेस विज्ञप्ति संख्या-880

 दिनांक- 26 जुलाई 2021

प्रेस विज्ञप्ति संख्या-880


तिरुपति की निःसंतान दंपत्ति को मिला घर का चिराग...


साहेबगंज जिले में करीब 9 माह पूर्व एक दो वर्षीय बालिका को लावारिस अवस्था में छोड़  दिया गया था। बालिका को बाल कल्याण समिति , साहेबगंज के आदेश से  बाल कल्याण समिति,दुमका के समक्ष उपस्थापित कराया गया था। समिति के आदेश से बच्ची को स्पेशलाइज्ड एडॉप्शन एजेंसी,दुमका में आवासित कराया गया था। तिरुपति,आंध्र प्रदेश के एक निःसंतान दंपत्ति ने कारा ( सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी) के वेबसाइट में बच्ची को गोद लेने हेतु अपना निबंधन 2018 में कराया था। कारा द्वारा दुमका एडॉप्शन एजेंसी में रह रहे बालिका को आरक्षित किया गया था । आंध्र प्रदेश के इस दंपत्ति ने एडॉप्शन कमेटी के समक्ष सशरीर उपस्थित होकर बालिका को गोद लेने की अपनी इच्छा जाहिर की थी। समिति द्वारा वांछित आवश्यक कागजातों की जांच की गई। एडॉप्शन कमेटी द्वारा दंपत्ति की काउंसलिंग की गई एवं संतुष्ट होने पर एडॉप्शन कमिटी ने सर्वसम्मति से बालिका  को प्री एडॉप्शन फोस्टर केयर के तहत गोद देने का निर्णय लिया ।

जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि ऐसे निःसंतान दंपत्ति /गोद लेने के इच्छुक व्यक्ति समाज कल्याण मंत्रालय के कारा ( सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी)  के वेबसाइट (cara.nic.in) पर स्वयं पंजीकरण कर सकते हैं । साथ ही उन्होंने बताया कि कारा के द्वारा "पहले आओ, पहले पाओ "

के तर्ज पर इच्छुक व्यक्ति को गोद दिया जाता है , अतः ऐसे व्यक्ति जितना जल्द हो कारा के वेबसाइट पर निबंधन करा लें।

अध्यक्ष बाल कल्याण समिति ने बताया कि ऐसे परित्यक्त,अनाथ ,सरेंडर बच्चे जो कि लावारिस हालत में पाए जाते हैं, उनके जैविक माता पिता की खोज समिति के आदेश से 60 दिनों तक विभिन्न माध्यमों से  कराई जाती है, निर्धारित समयावधि के अंदर अगर कोई अभिभावक अपना दावा पेश नहीं करते हैं, तो समिति  द्वारा उक्त बालक/शिशु को लीगली फ्री  कर दिया जाता है और ऐसे बालक /शिशु को कारा के गाइडलाइन के अनुरूप  गोद दे दिया जाता है । शिशु / बालक के संबंध में अंतिम आदेश जिले के कुटुंब न्यायालय द्वारा पारित किया जाता है।

सदस्य ने बताया कि गोद लेने के इच्छुक दंपति/ व्यक्ति को कारा के  गाइडलाईन का अनुपालन करना आवश्यक है, अन्यथा  यह अवैध होगा।

            शिशु को गोद में पाकर निः संतान दंपत्ति ने भगवान को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्हें जीने की आश मिल गई है और वे अपना सारा जीवन बच्ची के भविष्य निर्माण में लगा देंगे। विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान के कर्मियों ने शिशु को अश्रुपूरित नेत्र से भविष्य की शुभकामनाओं के साथ विदाई दी।

मौके पर एडॉप्शन कमेटी के अध्यक्ष सह जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी , समिति के सदस्य, मैनेजर के अलावे संस्थान की सोशल वर्कर आदि उपस्थित थे। 


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