Wednesday 31 October 2018

दुमका 31 अक्टूबर 2018
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 990
दुमका के उपायुक्त मुकेश कुमार के नेतृत्व में झारखंड से इजराइल गए 21 किसानों एवं छह अधिकारियों की टीम ने नेटाफिम हेडक्वार्टर मगाला भ्रमण के उपरांत तेल अवीव से 20 किमी की दूरी पर अवस्थित एससीआर डेयरी सेंटर का भ्रमण स्थानीय कॉर्डिनेटर के साथ किया। एससीआर डेयरी विश्व में एक सबसे बड़ी कंपनी के रूप में जानी जाती है, जो डेरी फार्म से संबंधित समस्याओं का समाधान करने का कार्य करती है। उपायुक्त मुकेश कुमार के नेतृत्व में इजरायल गए प्रतिनिधिमंडल को ग्लोबल सेल्स मैनेजर श्री गाय ईजोबीच द्वारा प्रेजेंटेशन दिया गया। प्रेजेंटेशन के माध्यम से पूरी तरह से स्वचालित डेयरी फार्म के विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं से अवगत कराया गया। प्रेजेंटेशन के दौरान श्री गाय ने तकनीकी समाधानों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। डेयरीफार्म के वैज्ञानिक प्रबंधन द्वारा अब तक कई देषों एवं लोगों को डेयरी से संबंधित समाधान प्रदान किए गए हैं। भारत सहित दुनिया भर के कई देशों में एससीआर डेयरी फर्म कार्य कर रही है। दिल्ली में भी इसके कई सहायक इकाइयां हैं। एससीआर के द्वारा पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक राज्य में भी सेवाएं दी जा रही हैं। झारखण्ड़ से गए किसानों ने झारखंड के परिप्रेक्ष्य में ऐसी तकनीक के कार्यान्वयन की दिशा में व्यय से संबंधित जानकारी प्राप्त की । श्री गाय ने बताया कि उनकी तकनीक बड़े डेयरी फार्म के लिए बहुत उपयोगी है और इससे कई प्रकार का लाभ है ।
श्री गाय  ने बताया कि सेंसर बेल्ट के माध्यम  से गाय की हर गतिविधि पर निगरानी रख सकते हैं । कंप्यूटर आधारित डेटा प्रबंधन के माध्यम से कई मुश्किलें आसान हो जाती हैं तथा बहुत सारी लागत बचाता है । उन्होंने कहा कि झारखंड के किसानों के समस्याओं के समाधान के लिये सरकार के निमंत्रण पर, एससीआर के प्रतिनिधि झारखंड आएंगे और डेयरी किसानों के लिए एकीकृत समाधान तैयार करेगा और उन्होंने कहा कि एससीआर डेयरी लंबे समय तक झारखण्ड में काम करना चाहता है । प्रतिनिधिमंडल को एक्सपोजर विजिट के लिए किसान डेयरी फार्म ले जाया गया। इस डेयरी फार्म में 200 गायों का रखने की क्षमता थी  और पूरी तरह से स्वचालित था। प्रति गाय प्रति दिन 40 लीटर दूध की उत्पादकता थी। इन गायों को केवल साईलेज पर खिलाया जाता है, क्योंकि हरी घास या चरागाह की उपलब्धता इजराइल में बहुत कम है। इसकी मद्द से किसान प्रत्येक गायों का रिकॉर्ड रखने में सक्षम है और तदनुसार प्रबंधन भी है। स्थानीय किसानों ने कहा कि लगभग 8 करोड़ रुपये निवेश कर इसे विकसित किया गया है। इस दौरान झारखंड से गये किसानो को डेयरी फार्म के कई नए तकनीकों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया तथा दिखाया गया। 





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