दुमका, दिनांक 17 मई 2016
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 234
संवेदनषीलता के साथ कार्य करे प्रषासन...
-बालेष्वर सिंह, आयुक्त संप, दुमका
प्रभावी नेतृत्व न सिर्फ वर्तमान चुनौती का सामना सक्षमता से करता है बल्कि भविष्य में आने वाली चुनौतियों का आकलन कर तदनरूप अपनी तैयारी मुकम्मल रखता है। ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा नगरीय क्षेत्रों की समस्यायें जटिल होती है। आमतौर पर प्रषासन तभी चौकस होती है जब समस्यायें गम्भीर रूप अख्तियार कर लेती है। यदि समय रहते आने वाली चुनौतियों का आकलन कर उससे निपटने की प्रषासनिक तैयारी मुकम्मल रखी जाय तो आपात स्थिति से निपटना बेहद सहज हो जायेगा। पिछले दो दिनों से शहर में बिजली की आपूर्ति बाधित हो जाने के फलस्वरूप सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। खासकर शहरी क्षेत्रों में जल कि विकट समस्या उत्पन्न हो गई। यदि पूर्व से ही आंधी तूफान में होने वाली क्षति की स्थिति का आकलन कर इससे निपटने के लिए बिजली विभाग तैयारी की होती तो आमजनों को कम से कम परेषानियों का सामना करना पड़ता। बरसात का मौसम आने वाला है प्रायः ऐसा देखा जाता है कि मानसून आने से पूर्व पहली बारिस में ही पूरा शहर अस्त व्यस्त हो जाता है। नालियों में जल बहाव अवरूद्ध होने के कारण यत्र-तत्र कुड़ा कचरा बिखर जाते है। जिससे ना केवल शहर की खूबसूरती नष्ट होती है बल्कि स्वास्थ्य संबंधी कई जटिल समस्यायें भी उत्पन्न होती है। इसी उद्देष्य को ध्यान में रखकर संताल परगना प्रमंडल के आयुक्त बलेष्वर सिंह ने दुमका, देवघर, गोड्डा, जामताड़ा, पाकुड़ एवं साहेबगंज जिला के उपायुक्तों को एक पत्र के जरिये निदेष दिया है कि अपने जिले के अन्तर्गत पड़ने वाले नगर निगम/नगर पर्षद/नगर पंचायतों के नालों की पूर्ण सफाई के लिए कार्यपालक पदाधिकारी के साथ बैठक कर मानसून आगमन से पूर्व नगरीय क्षेत्र के समस्त छोटे बड़े नालों की सफाई सुनिष्चित करायें। अपने पत्र में उन्होंने सुझाव दिया है कि पहले बड़े नालों की सफाई हो तत्पष्चात छोटे नालों की। अपने पत्र में उन्होंने कहा है कि न सिर्फ नालों की सफाई सुनिष्चित हो बल्कि नालियों से निकाले गये कचड़ों के समुचित निपटान की भी मुकम्मल व्यवस्था सुनिष्चित हो। ताकि वर्षा होने के बाद वही कचड़ा पुनः नाली में बहकर नाली को जाम न कर दे। आयुक्त ने इस कार्य में नगरीय क्षेत्र के मेयर/नगर पर्षद अध्यक्ष/नगर पंचायत अध्यक्ष से सहयोग लेने की भी बात कही है। आयुक्त ने निदेष दिया है कि इस कार्य की मानिटरिंग के लिए जिले के किसी वरीष्ठ अधिकारी को रखा जाय तथा सभी कनीय संबंधित अधिकारियों एवं कर्मियों की जिम्मेदारी सुनिष्चित की जाय। उन्होंने यह भी कहा है कि कार्य में षिथिलता बरतने वाले अधिकारियों एवं कर्मियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करते हुए इसकी रिपोर्ट आयुक्त को समर्पित करें।
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